संदर्भ:

भारत और सिंगापुर ने अपने सहयोग को और मजबूत करने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों, सेमीकंडक्टर, स्वास्थ्य सहयोग और कौशल विकास के क्षेत्र में चार समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए।

समझौता ज्ञापन के विवरण

  • डिजिटल प्रौद्योगिकी सहयोग: डीपीआई, साइबर सुरक्षा, 5जी, सुपरकंप्यूटिंग, क्वांटम कंप्यूटिंग और एआई सहित डिजिटल प्रौद्योगिकियों में सहयोग बढ़ाने के साथ-साथ डिजिटल क्षेत्र में श्रमिकों को कौशल विकास और पुनःकौशलपूर्ण करना। 
  • सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी साझेदारी: इसमें सेमीकंडक्टर क्षेत्र के विकास पर ध्यान केंद्रित करती है, जिसमें सेमीकंडक्टर क्षेत्र विकास, प्रतिभा संवर्धन और भारत में सिंगापुर की कंपनियों से निवेश की सुविधा शामिल है।
  • स्वास्थ्य और चिकित्सा सहयोग: इसमें स्वास्थ्य और चिकित्सा में संयुक्त अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देना, स्वास्थ्य सेवा में मानव संसाधन विकास को बढ़ाना और सिंगापुर में भारतीय स्वास्थ्य पेशेवरों की उन्नति का समर्थन करना शामिल है।
  • शैक्षिक एवं कौशल विकास: तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा तथा प्रशिक्षण में घनिष्ठ सहयोग को बढ़ावा देना और दोनों देशों के बीच कौशल विकास में मौजूदा पहलों को संपूरित करना।

भारत और सिंगापुर द्विपक्षीय संबंध

  • वर्ष 2015 में भारत के प्रधानमंत्री की सिंगापुर यात्रा के दौरान भारत-सिंगापुर संबंधों को सामरिक साझेदारी तक बढ़ाया गया।
  • भारत वर्ष 1965 में सिंगापुर की स्वतंत्रता के बाद उसे मान्यता देने वाले पहले देशों में से था।

व्यापार और आर्थिक सहयोग:

  • सिंगापुर आसियान में भारत का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का एक प्रमुख स्रोत है, जिसका द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2004-05 में 6.7 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 35.6 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया है।
  • वर्ष 2023-24 में सिंगापुर विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के साथ भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का सबसे बड़ा स्रोत होगा।

फिनटेक पहल:

  • इसमें सिंगापुर में रुपे (RuPay) कार्ड की स्वीकृति, सीमा पार भुगतान के लिए युपीआई-पे नॉ (UPI-Pay Now) लिंकेज तथा व्यापार वित्त के लिए ओएनडीसी-प्रॉक्सटेरा कनेक्टिविटी (ONDC-Proxtera कनेक्टिविटी) और ट्रेड ट्रस्ट जैसी पहल शामिल हैं।
  • सिंगापुर पहला देश है जिसके साथ भारत ने सीमा पार व्यक्ति-से-व्यक्ति (P2P) भुगतान सुविधा शुरू की है।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहयोग:

  • भारत ने सिंगापुर के कई उपग्रहों को प्रक्षेपित किया है तथा दोनों देश आसियान-भारत महिला वैज्ञानिक सम्मेलन और डिजिटल स्वास्थ्य एवं चिकित्सा प्रौद्योगिकियों पर ई-कार्यशाला जैसी संयुक्त पहलों में शामिल हैं।

बहुपक्षीय सहयोग:

  • सिंगापुर अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (जून 2023 में) और वैश्विक जैव-ईंधन गठबंधन (सितंबर 2023 में) में शामिल हो गया है।
  • सिंगापुर ने भारत के लिए आसियान देश समन्वयक के रूप में कार्य किया और दोनों देश आईओआरए, एनएएम और राष्ट्रमंडल जैसे बहुपक्षीय समूहों में शामिल हैं।

प्रवासी:

  • सिंगापुर में रहनेवाले लोगों में प्रजातीय भारतीय की संख्या लगभग 9.1% तथा विदेशी निवासियों में 21% हैं, जिनकी विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपस्थिति है तथा आईआईटी और आईआईएम के पूर्व छात्रों की उल्लेखनीय संख्या है और तमिल वहां की आधिकारिक भाषाओं में से एक है।

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