संदर्भ:
हाल ही में, सऊदी अरब के रियाद में सामरिक वार्ता हेतु भारत-खाड़ी सहयोग परिषद संयुक्त मंत्रिस्तरीय बैठक आयोजित की गई।
बैठक के मुख्य निष्कर्ष
संयुक्त कार्य योजना 2024-2028 को अपनाना:
- इस योजना में स्वास्थ्य, व्यापार, सुरक्षा, कृषि, खाद्य सुरक्षा, परिवहन, ऊर्जा और संस्कृति जैसे विभिन्न क्षेत्रों में संयुक्त गतिविधियाँ शामिल हैं।
- इस बात पर सहमति हुई कि भविष्य में आपसी सहमति के आधार पर सहयोग के अतिरिक्त क्षेत्रों को संयुक्त कार्य योजना में शामिल किया जा सकता है।
गाजा में युद्ध विराम का आह्वान:
- भारतीय विदेश मंत्री ने फिलिस्तीनी मुद्दे पर भारत के सैद्धांतिक रुख को दोहराया तथा आतंकवाद और बंधक बनाने की निंदा की, साथ ही द्वि-राष्ट्र सिद्धांत और मानवीय संबंधों का समर्थन किया।
भारत-खाड़ी सहयोग परिषद संबंधों को मजबूत करना:
- भारत ने लोग, समृद्धि और प्रगति (“People, Prosperity, and Progress”-3Ps) पर आधारित साझेदारी के लिए एक रूपरेखा का प्रस्ताव रखा, जिसमें उनके संबंधों की बढ़ती और बहुमुखी प्रकृति को रेखांकित किया गया, जिसमें अर्थशास्त्र, ऊर्जा, रक्षा, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और लोगों से लोगों के बीच संबंध शामिल हैं।
खाड़ी सहयोग परिषद
- खाड़ी सहयोग परिषद (Gulf Cooperation Council-GCC) छह मध्य पूर्वी देशों: सऊदी अरब, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, बहरीन और ओमान का एक राजनीतिक और आर्थिक गठबंधन है।
- इसकी स्थापना मई 1981 में सऊदी अरब के रियाद में हुई थी।
- इसका उद्देश्य अपने सदस्यों, जो अरब और इस्लामी परंपराओं में निहित समान लक्ष्य एवं समान राजनीतिक और सांस्कृतिक पहचान साझा करते हैं के बीच एकता को बढ़ावा देना है।
- खाड़ी सहयोग परिषद की अध्यक्षता प्रतिवर्ष इसके सदस्य देशों के बीच बदलती रहती है।
भारत-खाड़ी सहयोग परिषद संबंध
राजनीतिक वार्ता:
- भारत-खाड़ी सहयोग परिषद राजनीतिक संवाद का पहला आयोजन 26 सितम्बर, 2003 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान हुआ था।
आर्थिक एवं वाणिज्यिक संबंध:
- इनका द्विपक्षीय व्यापार प्रतिवर्ष 100 बिलियन डॉलर से अधिक है तथा खाड़ी सहयोग परिषद भारत के सबसे बड़े व्यापारिक खंडों में से एक है।
- वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत-खाड़ी सहयोग परिषद द्विपक्षीय व्यापार 161.59 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। भारत से निर्यात 56.3 बिलियन डॉलर और आयात 105.3 बिलियन डॉलर हुआ।
- खाड़ी सहयोग परिषद में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार संयुक्त अरब अमीरात है, जिसका कुल व्यापार 83.6 बिलियन डॉलर है, जिसके बाद सऊदी अरब का स्थान है, जिसका कुल व्यापार 42.9 बिलियन डॉलर है।
- वर्ष 2023-24 के लिए अन्य व्यापार आंकड़ों में कतर का 14 बिलियन डॉलर, कुवैत का 10.4 बिलियन डॉलर, ओमान का 8.9 बिलियन डॉलर और बहरीन का 1.7 बिलियन डॉलर शामिल हैं।
सामरिक संबंध:
- समुद्री मार्गों की सुरक्षा तथा समुद्री डकैती और आतंकवाद जैसे खतरों का मुकाबला करने के लिए खाड़ी क्षेत्र में अपनी नौसैनिक उपस्थिति बढ़ा दी है।
- खाड़ी की रणनीतिक स्थिति के कारण समुद्री सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से होर्मुज जलडमरूमध्य (जो भारत के ऊर्जा आयात का प्रमुख मार्ग है) की सुरक्षा के लिए।
ऊर्जा सहयोग:
- खाड़ी क्षेत्र, जो भारत की कच्चे तेल की आधी से अधिक जरूरतों की आपूर्ति करता है, में वर्ष 2022 में रियायती रूसी तेल के आयात की एक संक्षिप्त अवधि के बाद, वर्ष 2023-24 में अपने तेल पर भारत की निर्भरता में पुनर्वृद्धि होने की उम्मीद है।