संदर्भ:

हाल ही में, 19वें भारतीय उद्योग परिसंघ भारत-अफ्रीका व्यापार सम्मेलन का आयोजन नई दिल्ली में किया गया।

सम्मेलन के मुख्य अंश

  • भारत-अफ्रीका व्यापार सम्मेलन का विषय था “एक भविष्य का निर्माण” (“Creating One Future”)।
  • सम्मेलन में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने बताया कि भारत की अल्प विकसित देशों के लिए चुंगी मुक्त शुल्क छूट (Duty-Free Tariff Preference-DFTP) योजना में 33 अफ्रीकी देश भाग नहीं लेते हैं तथा उन्होंने उनसे इसका लाभ उठाने का आग्रह किया।
  • भारत ने अगले सात वर्षों में भारत और अफ्रीका के बीच व्यापार को दोगुना करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है।
  • सम्मेलन में भारत और अफ्रीका के बीच प्रौद्योगिकी-संचालित साझेदारी की संभावना पर भी प्रकाश डाला गया, विशेष रूप से आईटी क्षेत्र में।
  • इस अवसर पर भारत में तिलहन, दलहन और अन्य फसलों की बढ़ती मांग तथा भारत को निर्यात के लिए अफ्रीका में बागान क्षेत्रों में प्रस्तावित सहयोग का भी उल्लेख किया गया।
  • वाणिज्य मंत्री ने भारत और अफ्रीका दोनों में मध्यम, लघु और सूक्ष्म उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
  • उन्होंने भारत और अफ्रीका के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए भारतीय उद्योग परिसंघ भारत-अफ्रीका व्यापार सम्मेलन के प्रयासों की भी सराहना की तथा प्रतिभागियों से महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करने और उन्हें प्राप्त करने के लिए लगन से काम करने का आग्रह किया। 
  • उन्होंने अफ्रीका को 196 ऋण सहायता के माध्यम से भारत की सहायता का भी उल्लेख किया, जिसकी राशि 12 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है और जिससे 42 से अधिक देश लाभान्वित हो रहे हैं।
  • उन्होंने अपने भाषण के समापन में इस बात पर जोर दिया कि उभरते अफ्रीका और उभरते भारत के कारण दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मजबूती मिलेगी।

भारतीय उद्योग परिसंघ (CII)

  • वर्ष 1991 में औद्योगिक लाइसेंसिंग को समाप्त कर दिया गया और व्यापक पैमाने पर आर्थिक सुधार आकार लेने लगे। 1 जनवरी, 1992 से, भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण को अपनाने के सरकार के निर्णय के अनुरूप, कनफेडरेशन ऑफ इंजीनियरिंग इंडस्ट्री (CEI, 1986) का नाम बदलकर भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) कर दिया गया।

भारतीय उद्योग परिसंघ का मिशन

  • उद्योग और समाज को सेवाओं हेतु एकल स्थलीय मंच
  • ग्राहक-केंद्रित संगठन
  • विश्व स्तरीय सेवाएँ
  • वैश्विक सोच और स्थानीय कार्रवाई

भारतीय उद्योग परिसंघ भारत-अफ्रीका व्यापार सम्मेलन

भारतीय उद्योग परिसंघ ने विदेश मंत्रालय और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के साथ साझेदारी में वर्ष 2005 में भारत-अफ्रीका साझेदारी पर अफ्रीका कॉन्क्लेव की शुरुआत की थी।

  • इस सम्मेलन का पहला आयोजन वर्ष 2005 में डी.आर. कांगो द्वारा आयोजित किया गया था।

कॉन्क्लेव में साझेदारी और उभरते अवसरों के निम्न कुछ प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया: 

  • कृषि खाद्य प्रसंस्करण
  • रक्षा 
  • डिजिटल साझेदारी
  • वित्तीय साझेदारी
  • हेल्थकेयर फार्मास्यूटिकल्स
  • आधारभूत संरचना
  • विद्युत और ऊर्जा
  • गुणवत्ता पारिस्थितिकी तंत्र
  • कौशल क्षमता विकास

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