संदर्भ: हाल ही में, लोकसभा ने भारतीय वायुयान विधेयक 2024 पारित किया, जिसका उद्देश्य 90 साल पुराने विमान अधिनियम 1934 को प्रतिस्थापित करना है।
समाचार पर अधिक जानकारी:
- विधेयक विमान अधिनियम, 1934 की अनावश्यकताओं को दूर करने का प्रयास करता है, जिसमें21 बार संशोधन किया गया है।
- अधिनियम विमान से संबंधित गतिविधियों जैसे विनिर्माण, कब्जे, उपयोग और व्यापार को नियंत्रित करता है, और विधेयक विमान डिजाइन पर विनियमन जोड़ते हुए इन प्रावधानों को बरकरार रखता है।
- खतरनाक उड़ान, हथियार या विस्फोटक ले जाना और हवाई अड्डों के पास कचरा जमा करना जैसे अपराधों के लिए दंड का प्रावधान है।
- विधेयक अपने नियमों के उल्लंघन से संबंधित दंड निर्णयों के खिलाफ दूसरी अपील की भी अनुमति देता है।
भारतीय वायुयान विधेयक, 2024 की मुख्य विशेषताएं:
1. प्राधिकरण:
- विधेयक में तीन प्रमुख प्राधिकरण हैं:
- नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) – विनियमन और सुरक्षा
- नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) – सुरक्षा
- विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) – विमान दुर्घटना जांच
- सरकार इन निकायों की देखरेख करती है और निर्देश जारी कर सकती है। उनके आदेशों के खिलाफ अपील केंद्र सरकार के पास जाती है, आगे कोई अपील की अनुमति नहीं है।
2. विमान डिजाइन का विनियमन:
- विधेयक विमान गतिविधियों (विनिर्माण, संचालन, व्यापार) के विनियमन को बनाए रखता है और विमान डिजाइन को विनियमित करने की शक्तियाँ जोड़ता है।
3. नियम बनाने की शक्तियाँ:
- विधेयक सरकार की विमान-संबंधी गतिविधियों, हवाई परिवहन सेवाओं और अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन समझौतों पर नियम बनाने की क्षमता को बरकरार रखता है।
- यह अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार सम्मेलनों के तहत रेडियो टेलीफोन ऑपरेटर प्रमाणपत्रों के लिए नियम जोड़ता है।
4. अपराध और दंड:
- 2 साल तक की जेल, ₹1 करोड़ तक का जुर्माना या दोनों से दंडनीय अपराधों में शामिल हैं:
- प्रतिबंधित वस्तुओं (हथियार, विस्फोटक) पर नियमों का उल्लंघन करना।
- खतरनाक उड़ान अभ्यास।
- DGCA/BCAS के निर्देशों का पालन न करना।
- हवाई अड्डे की सफाई (कचरा फेंकना या कचरा फेंकना) से संबंधित अपराधों में 3 साल तक की जेल या ₹1 करोड़ तक का जुर्माना हो सकता है।
5. सिविल और आपराधिक दंड:
- सिविल दंड ₹1 करोड़ तक हो सकता है।
- विमान गतिविधियों, अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों, दुर्घटना जांच, सार्वजनिक स्वास्थ्य और विमान हिरासत से संबंधित उल्लंघनों के लिए आपराधिक दंड में 2 साल तक की कैद, ₹1 करोड़ का जुर्माना या दोनों शामिल हो सकते हैं।
6. दंड का अधिनिर्णय:
- केंद्र सरकार दंड अधिनिर्णय करने के लिए एक अधिकारी (उप सचिव या उससे ऊपर) नियुक्त कर सकती है।
- निर्णयों के विरुद्ध उच्चतर अधिकारी (प्रथम अपीलीय अधिकारी) तथा तत्पश्चात द्वितीय अपीलीय अधिकारी के समक्ष अपील की जा सकती है।