संदर्भ:

हाल ही में, संसद ने भारतीय वायुयान विधेयक, 2024 पारित किया, जो मौजूदा विमान अधिनियम 1934 को प्रतिस्थापित करेगा।

विधेयक के मुख्य उद्देश्य:

  • इसका उद्देश्य विमानन क्षेत्र में सुरक्षा, नियामक निगरानी और उपभोक्ता संरक्षण को बढ़ाना है।
  • यह विमान निर्माण में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है और निवेश को प्रोत्साहित करता है ।
  • यह नागरिक विमानन प्राधिकरणों के लिए प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करता है।

विधेयक के मुख्य प्रावधान:

नियामक निकाय: केंद्र सरकार को निम्नलिखित निकायों की निगरानी करने का अधिकार प्राप्त होगा, साथ ही उनके आदेशों की समीक्षा या संशोधन करने की शक्तियां भी प्रप्त होंगी:

  • नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA): विमानन क्षेत्र में सुरक्षा और नियामक कार्यों की देखरेख करता है।
  • नागरिक विमानन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS): विमानन सुरक्षा की देखरेख के लिए जिम्मेदार।
  • विमान दुर्घटना जाँच ब्यूरो (AAIB): विमान से संबंधित दुर्घटनाओं की जाँच  करता है।

अपराध और दंड:

विधेयक में विभिन्न अपराधों की पहचान की गई है, जैसे:

  • खतरनाक तरीके से विमान उड़ाना।
  • किसी विमान में हथियार या विस्फोटक जैसे प्रतिबंधित सामान ले जाना।
  • DGCA और BCAS के निर्देशों का पालन करने में विफल रहने पर।

उपरोक्त अपराधों के लिए दो वर्ष तक की जेल, एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान हैं।

विधेयक केंद्र सरकार को इसके अंतर्गत कुछ नियमों के उल्लंघन के लिए आपराधिक या सिविल दंड निर्दिष्ट करने की विवेकाधीन शक्तियां प्रदान करता है।

  • विमान से संबंधित गतिविधियों जैसे डिजाइन, विनिर्माण, उपयोग और व्यापार का विनियमन
  • अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों का कार्यान्वयन, दुर्घटनाओं की जांच,
  • सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा, और
  • विमान को रोकने की शक्तियाँ.

सिविल जुर्माना एक करोड़ रुपये तक हो सकता है।

आपराधिक दंड दो वर्ष तक कारावास, एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है।

विधेयक के अंतर्गत नियम बनाने की शक्तियां:

केंद्र सरकार विमान से संबंधित गतिविधियों के विनियमन पर नियम बना सकती है, जिसमें लाइसेंसिंग, प्रमाणन और निरीक्षण शामिल है । उदाहरण के लिए: –

  • सरकार विशिष्ट नियमों के माध्यम से हवाई परिवहन सेवाओं को विनियमित कर सकती है।
  • अंतर्राष्ट्रीय नागरिक विमानन कन्वेंशन, 1944 को लागू करने के लिए नियम बनाए जा सकते हैं।
  • अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार सम्मेलन के अंतर्गत रेडियोटेलीफोन ऑपरेटर प्रमाणपत्र और लाइसेंस से संबंधित नियम।

एक नया प्रावधान विधेयक के अंतर्गत उल्लंघनों के लिए प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा दंड लगाने से संबंधित निर्णयों के विरुद्ध द्वितीय अपील की अनुमति देता है।

विधेयक के नामकरण के संबंध में आलोचना:

  • विधेयक का शीर्षक बदलकर हिंदी भाषा में करने से बहस शुरू हो गई, कुछ लोगों ने इसे भारत की सांस्कृतिक पहचान का प्रतिबिंब बताते हुए इसका समर्थन किया, जबकि अन्य ने इसे अनावश्यक माना।

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