संदर्भ:
हाल ही में, भारत के प्रधानमंत्री ने व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बैठक की और यह अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव के बाद भारतीय प्रधानमंत्री की प्रथम यात्रा थी।
बैठक के मुख्य परिणाम
- यात्रा के दौरान, दोनों लीडरों ने अमेरिका और भारत के बीच मजबूत साझेदारी की पुष्टि की, तथा स्वतंत्रता, कानून का शासन और मानवाधिकार जैसे साझा मूल्यों पर ध्यान केंद्रित किया ।
- उन्होंने आपसी हित के वर्तमान वैश्विक घटनाक्रमों पर भी विचार-विमर्श किया।
- उन्होंने सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बदलाव लाने के लिए “21वीं सदी के लिए US-इंडिया कॉम्पैक्ट” नामक एक नई पहल शुरू की। दोनों देशों ने इस वर्ष ठोस नतीजों के साथ एक परिणाम-केंद्रित योजना के लिए प्रतिबद्धता जताई, जो उनकी पारस्परिक रूप से लाभकारी साझेदारी में उनके विश्वास को दर्शाता है।
रक्षा क्षेत्र की पहल:
- अमेरिका और भारत इस वर्ष एक नए दस-वर्षीय “21वीं सदी में अमेरिका-भारत प्रमुख रक्षा साझेदारी के लिए रूपरेखा ” पर हस्ताक्षर करने की योजना बना रहे हैं।
- दोनों देश रक्षा आवश्यकताओं को शीघ्रता से पूरा करने के लिए भारत में “जेवलिन” एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों और “स्ट्राइकर” इन्फैंट्री कॉम्बैट वाहनों की खरीद और सह-उत्पादन पर कार्य करेंगे।
- हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उद्योग साझेदारी और उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल, स्वायत्त प्रणाली उद्योग गठबंधन (Autonomous Systems Industry Alliance -ASIA) शुरू की जाएगी।
- दोनों लीडरों ने आगामी “टाइगर ट्रायम्फ” त्रि-सेवा अभ्यास का भी स्वागत किया , जो भारत में बड़े पैमाने में आयोजित किया जाएगा।
व्यापार और निवेश पहल:
- “मिशन 500” नामक एक साहसिक लक्ष्य निर्धारित किया गया, जिसके तहत 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना से अधिक बढ़ाकर 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाया जाएगा।
- इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, दोनों देश वर्ष 2025 तक पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) के पहले भाग पर वार्ता करने की योजना बना रहे हैं।
ऊर्जा सुरक्षा पहल:
- दोनों देशों ने तेल, गैस और असैन्य परमाणु ऊर्जा को कवर करने वाली अमेरिका-भारत ऊर्जा सुरक्षा साझेदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की ।
- अमेरिका ने अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) में भारत की पूर्ण सदस्यता के लिए मजबूत समर्थन व्यक्त किया है।
- लीडरों ने अमेरिका-भारत 123 असैन्य परमाणु समझौते को पूर्ण रूप से क्रियान्वित करने का वादा किया , जिसमें बड़े पैमाने पर स्थानीयकरण और संभावित प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के माध्यम से भारत में अमेरिकी डिजाइन वाले परमाणु रिएक्टरों का निर्माण भी शामिल है।
प्रौद्योगिकी और नवाचार पहल:
- लीडरों ने रक्षा, एआई, अर्धचालक, क्वांटम, जैव प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में सरकारों, शिक्षाविदों और निजी क्षेत्र के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिए US-इंडिया ट्रस्ट पहल (“रणनीतिक प्रौद्योगिकी का उपयोग कर संबंधों को बदलना”) का शुभारंभ किया।
- अंतरिक्ष, ऊर्जा और उभरती प्रौद्योगिकियों में निवेश के साथ अमेरिका-भारत उद्योग और शैक्षणिक साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए, सफल INDUS-X प्लेटफॉर्म के आधार पर INDUS इनोवेशन कार्यक्रम भी शुरू किया गया।
- दोनों लीडरों ने वर्ष 2025 को अमेरिका-भारत नागरिक अंतरिक्ष सहयोग के लिए एक अग्रणी वर्ष बताया , जिसमें AXIOM के माध्यम से नासा-इसरो के प्रयास से पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक पहुंचाने की योजना, तथा संयुक्त “NISAR” मिशन को शीघ्र लॉन्च करने की योजना शामिल है, जो दोहरे रडार का उपयोग करके पृथ्वी की सतह पर परिवर्तनों का व्यवस्थित रूप से मानचित्रण करने वाला अपनी तरह का पहला मिशन होगा।
बहुपक्षीय सहयोग पहल:
- क्वाड साझेदारों के रूप में , उन्होंने आसियान की केंद्रीय भूमिका, अंतर्राष्ट्रीय कानून के पालन और सुशासन के महत्व पर जोर दिया।
- उन्होंने हिंद महासागर क्षेत्र में आर्थिक संपर्क और वाणिज्य को बढ़ावा देने के लिए एक नए मंच, हिंद महासागर सामरिक उद्यम का शुभारंभ किया।
- दोनों लीडरों ने आतंकवाद तथा अल-कायदा, ISIS, जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे समूहों के खिलाफ लड़ने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
लोगों के बीच सहयोग की पहल:
- दोनों ने संयुक्त या दोहरी डिग्री कार्यक्रमों सहित शैक्षणिक सहयोग बढ़ाने, संयुक्त उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने और भारत में अमेरिकी विश्वविद्यालयों के अपतटीय परिसर बनाने पर सहमति व्यक्त की।
- दोनों देश अवैध आव्रजन, संगठित अपराध और मादक पदार्थों, हथियारों और मानव तस्करी सहित तस्करी नेटवर्क से लड़ने के लिए कानून प्रवर्तन सहयोग में सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।