प्रसंग:
कॉफी बोर्ड EUDR (EU डिफॉरेस्टेशन रेगुलेशन) अनुपालन के लिए अपने मोबाइल ऐप पर पंजीकरण करने वाले उत्पादकों की संख्या बढ़ाने हेतु व्यापक जागरूकता और क्षमता निर्माण कार्यक्रम चला रहा है।
समाचार में अधिक:
- कॉफी बोर्ड के मोबाइल ऐप में एक सुविधा है, जिससे निर्यातक और उत्पादक अपना पंजीकरण कर सकते हैं और जियो-लोकेशन डेटा अपलोड कर सकते हैं।
- चूंकि 70% से अधिक भारतीय कॉफी का निर्यात यूरोपीय संघ (EU) देशों को होता है, यह नियम भारत के कॉफी उत्पादकों के लिए अत्यंत प्रभावित करता है।

भारत में कॉफी उत्पादन
- भारत एकमात्र देश है जहाँ कॉफी छायादार पेड़ों (शेड) के नीचे उगाई जाती है।
- छायादार पेड़ ढलान वाली ज़मीन पर मृदा क्षरण को रोकते हैं; ये पेड़ मिट्टी की गहराई से पोषक तत्वों को पुनः सतह पर लाकर मिट्टी को समृद्ध बनाते हैं एवं तापमान में मौसमी उतार-चढ़ाव से कॉफी के पौधों की रक्षा करते हैं, और विविध वनस्पतियों व जीव-जंतुओं को आश्रय प्रदान करते हैं।
- उगाने की परिस्थितियाँ: अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र सौम्य गुणवत्ता की अरेबिका कॉफी के लिए उपयुक्त होते हैं, जबकि गर्म व आर्द्र जलवायु वाले क्षेत्र रोबस्टा किस्म के लिए सबसे अनुकूल होते हैं।
- भारत में लगभग 4.41 लाख कॉफी उत्पादक हैं, लेकिन अब तक केवल लगभग 9,000 उत्पादकों ने EUDR अनुपालन के लिए मोबाइल ऐप पर पंजीकरण किया है।
प्रमुख वैश्विक उत्पादक:

भारत का कॉफी निर्यात
- वित्त वर्ष 2024–2025 में, कॉफी निर्यात लगातार चौथे वर्ष $1000 मिलियन के आंकड़े को पार करते हुए कुल $1803 मिलियन तक पहुंच गया।
- भारत के प्रमुख कॉफी निर्यात गंतव्य हैं — इटली शीर्ष बाजार के रूप में 18.09% के साथ, इसके बाद जर्मनी (11.01%), बेल्जियम (7.47%), रूस (5.28%), यूएई (5.09%), संयुक्त राज्य अमेरिका (4.54%), और लीबिया (3.87%) शामिल हैं।
