संदर्भ:
हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि मैंग्रोव और तटीय आर्द्रभूमि परिपक्व उष्णकटिबंधीय जंगलों की तुलना में 10 गुना अधिक दर से कार्बन को सोखते हैं और प्रति क्षेत्र तीन से पांच गुना अधिक कार्बन संग्रहित करते हैं।
ब्लू कार्बन क्या है?
- ब्लू कार्बन दुनिया के महासागर और तटीय पारिस्थितिकी तंत्र द्वारा अवशोषित कार्बन के लिए एक शब्द है।
- मैंग्रोव, समुद्री घास और नमक दलदल अत्यधिक प्रभावी कार्बन सिंक हैं, जिन्हें ब्लू कार्बन पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में भी जाना जाता है।
- उनकी जड़ें मिट्टी के कटाव को रोकने और मिट्टी को स्थिर रखने में मदद करती हैं, समुद्री आवासों को बढ़ाती हैं तथा जैव विविधता का समर्थन करती हैं।
- ब्लू कार्बन पारिस्थितिकी तंत्र जलवायु परिवर्तन को कम करने, तटीय क्षेत्रों की रक्षा करने और खाद्य सुरक्षा का समर्थन करने में मदद करते हैं, साथ ही, तटीय समुदायों के लिए शमन तथा अनुकूलन दोनों में सहायता करते हैं।
- इसका क्षरण मैंग्रोव शोषण, शहरी और औद्योगिक विकास, प्रदूषण तथा कृषि और जलीय कृषि के दबाव के कारण होता है।
भारत में मैंग्रोव बहाली के आर्थिक लाभ
- पुनः स्थापित मैंग्रोव ने महत्वपूर्ण इको-टूरिज्म को प्रोत्साहित किया है, जो 2023 के भारत के तटीय विनियमन क्षेत्र नीति सुधारों के माध्यम से सरकारी धन आकर्षित करता है।
- जून 2023 में विश्व आर्थिक मंच (WEF) के अनुसार, एकीकृत पुनः स्थापन के तरीके तटीय सकल घरेलू उत्पाद को 15% तक बढ़ा सकते हैं।
- आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) 2024 की रिपोर्ट के अनुसार ब्लू कार्बन बहाली में निवेश किए गए प्रत्येक $1 के लिए, $6 आर्थिक लाभ के रूप में वापस मिलते हैं।
मैंग्रोव बहाली के लिए सरकारी पहल
- भारत के MISHTI (तटीय आवास और मूर्त आय के लिए मैंग्रोव पहल) कार्यक्रम का लक्ष्य विभिन्न राज्यों में 540 वर्ग किमी मैंग्रोव को पुनः स्थापित करना है, जिसमें से 250 वर्ग किमी से अधिक दिसंबर 2024 तक पुनः स्थापित हो चुके हैं।