संदर्भ:

केंद्र सरकार संशोधित ब्याज अनुदान योजना (MISS) के तहत अल्पावधि फसल ऋण की अधिकतम सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है।

अन्य संबंधित जानकारी 

  • संशोधित ब्याज अनुदान योजना को संशोधित करने का प्रस्ताव किसानों को रियायती दर पर अधिक उधार लेने की अनुमति देने के उद्देश्य से है और यह कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा समीक्षाधीन है।

राज्य सरकारों की मांग

  • हाल ही में, उत्तर प्रदेश के नेतृत्व में राज्य सरकारें बढ़ती निवेश लागत को संबोधित करने और संभावित रूप से बड़े खेतों का समर्थन करने के लिए इस वृद्धि की वकालत कर रही हैं।
  • राज्य सरकारें अधिकतम सीमा में वृद्धि की वकालत कर रही हैं, जिससे किसानों को 7% की रियायती वार्षिक ब्याज दर पर किसान क्रेडिट कार्ड ऋण प्राप्त करने की सुविधा मिल सके, जो शीघ्र और समय पर पुनर्भुगतान के साथ 4% तक कम हो जाता है।
  • किसानों को उनके कृषि कार्यों के लिए पर्याप्त और समय पर ऋण उपलब्ध कराने के लिए 1998 में किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना शुरू की गई थी।

वित्तीय वर्ष 2023-24 के लक्ष्य एवं आवंटन

  • वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र ने पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान केंद्रित करते हुए 20 लाख करोड़ रुपये का कृषि ऋण लक्ष्य निर्धारित किया है।
  • प्रारंभ में, MISS के अंतर्गत ब्याज अनुदान के लिए 23,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, लेकिन बाद में इसे संशोधित कर 18,500 करोड़ रुपये कर दिया गया।

ब्याज अनुदान योजना (Interest Subvention Scheme)  – 

  • ब्याज अनुदान योजना, जो 2006-07 (खरीफ से शुरू) में शुरू की गई और 2024-25 तक चलने वाली है, विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों के माध्यम से किसानों को रियायती दरों पर अल्पकालिक ऋण प्रदान करती है।
  • प्रशासनिक निकाय: इस योजना का कार्यान्वयन राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा किया जाता है।

MISS के तहत वर्तमान शर्तें: संशोधित ब्याज अनुदान योजना के तहत, कृषि और संबद्ध गतिविधियों में शामिल किसान वर्तमान में 9% की बेंचमार्क दर पर 3 लाख रुपये तक का किसान क्रेडिट कार्ड ऋण प्राप्त कर सकते हैं।

  • केंद्र 2% ब्याज अनुदान प्रदान करता है, जिससे प्रभावी ब्याज दर 7% तक कम हो जाती है।
  • शीघ्र एवं समय पर पुनर्भुगतान के लिए अतिरिक्त 3% की छूट दी जाती है, जिससे ये दर घटकर 4% प्रति वर्ष हो जाती है।

3 लाख रुपये की ऊपरी सीमा वर्ष 2006-07 से अपरिवर्तित बनी हुई है। प्रस्तावित सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने से किसानों को संभावित रूप से इन रियायती दरों पर अधिक धनराशि प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी।

योजना के लाभ:

  • ऋण लागत में कमी: यह योजना फसल ऋण की लागत को कम करती है, जिससे आवश्यक आपूर्ति अधिक सस्ती हो जाती है।
  • समय पर पुनर्भुगतान: अतिरिक्त अनुदान शीघ्र पुनर्भुगतान और उत्तरदायी वित्तीय प्रबंधन को प्रोत्साहित करता है।
  • फसल कटाई के बाद ऋण लाभ: यह योजना किसान क्रेडिट कार्ड धारक छोटे और सीमांत किसानों को फसल की कटाई के बाद ऋण (कटाई के बाद छह महीने तक) प्रदान करती है, ताकि वे अपनी उपज की बिक्री से होने वाले नुकसान से बच सकें।

संभावित चुनौतियाँ:

  • वित्तीय भार में वृद्धि: ऋण सीमा बढ़ाने से सरकारी वित्त पर दबाव पड़ सकता है।
  • धन का दुरुपयोग: कुछ किसानों द्वारा बड़े ऋण का दुरुपयोग करने का जोखिम हो सकता है, जिससे पुनर्भुगतान में चूक की संभावना अधिक हो सकती है।

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