संदर्भ: 

डिजिटल भुगतान धोखाधड़ी  से निपटने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों के लिए ‘.bank.in’ डोमेन को चालू करने का निर्णय लिया है।

अन्य संबंधित जानकारी

  • आरबीआई ने सभी बैंकों से अपने मौजूदा डोमेन को ‘.bank.in‘ डोमेन में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू करने और 31 अक्टूबर, 2025 तक यह प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है। 
  • इस वर्ष फरवरी में आरबीआई ने भारतीय बैंकों के लिए एक विशेष इंटरनेट डोमेन ‘bank.in’ की शुरूआत की घोषणा की।

‘.bank.in’ डोमेन पर स्थानांतरण

  • डोमेन नाम का इस्तेमाल वेबसाइट खोजने के लिए किया जाता है। यह इंटरनेट पर वेबसाइट तक पहुँचने के लिए एक अनूठा और याद रखने में आसान एड्रैस है।
  • नए इंटरनेट डोमेन नाम का परिचालन बैंकिंग प्रौद्योगिकी विकास एवं अनुसंधान संस्थान (IDRBT) के माध्यम से किया जा रहा है और इसे इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के तत्वावधान में भारतीय राष्ट्रीय इंटरनेट एक्सचेंज (NIXI ) द्वारा इस डोमेन के लिए विशिष्ट रजिस्ट्रार के रूप में कार्य करने हेतु अधिकृत किया गया है। 
  • भारत के लिए देश कोड शीर्ष-स्तरीय डोमेन (ccTLD) “.IN” है, जिसे वेब पते के अंत में दो-अक्षरों के प्रत्यय द्वारा दर्शाया जाता है।
  • अपने तकनीकी कार्य से परे, यह वैश्विक डिजिटल स्पेस में राष्ट्रीय पहचान के प्रतीक के रूप में कार्य करता है।
  • वर्तमान में, बैंक अपने डोमेन नाम के रूप में या तो ‘.com’ या ‘.co.in’ का उपयोग कर रहे हैं, जो अधिक सामान्य है। जब तक बैंक पूरी तरह से नए इंटरनेट डोमेन पर शिफ्ट  नहीं हो जाते, तब तक उनके पास ‘.bank.in’ और उनके पुराने इंटरनेट डोमेन दोनों होने की संभावना है।

डोमेन परिवर्तन के पीछे तर्क

  • डिजिटल धोखाधड़ी से निपटने के लिए: फ़िशिंग हमलों और डिजिटल धोखाधड़ी के जोखिम के रूप में बढ़ते साइबर खतरों के साथ , आरबीआई सुरक्षा बढ़ाने के लिए विशेष ‘bank.in’ डोमेन शुरू कर रहा है।
  • सार्वजनिक विश्वास को बढ़ाना: एक सुरक्षित और विशिष्ट डोमेन ग्राहकों को प्रामाणिक बैंक वेबसाइटों को आसानी से पहचानने में सक्षम बनाता है, जिससे धोखाधड़ी कम होती है और डिजिटल बैंकिंग में जनता का विश्वास बढ़ता है।
  • विनियामक अनुपालन: आरबीआई द्वारा अनिवार्य किया गया यह स्थानांतरण, वित्तीय संस्थाओं को सुदृढ़ बनाने तथा उपभोक्ता हितों की सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
  • वित्तीय सेवाओं को सुव्यवस्थित करना: इस पहल का उद्देश्य सुरक्षा और विश्वसनीयता को बढ़ाकर डिजिटल बैंकिंग पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना है, जिससे डिजिटल भुगतान और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा।
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