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सामान्य अध्ययन-3: जैव-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में जागरूकता।
संदर्भ:
हाल ही में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के जैव चिकित्सा अनुसंधान इकोसिस्टम को मजबूती प्रदान करने के लिए बायोमेडिकल रिसर्च करियर प्रोग्राम (BRCP) के तीसरे चरण को मंजूरी दी।
अन्य संबंधित जानकारी

- यह चरण जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT), वेलकम ट्रस्ट (WT), यूनाइटेड किंगडम और इंडिया अलायंस (विशेष प्रयोजन वाहन) के बीच साझेदारी से कार्यान्वित किया जाएगा।
- तीसरे चरण में 2025-26 से 2030-31 की अवधि को कवर किया जाएगा, जिसमें सेवा अनुमोदित फेलोशिप और अनुदानों के लिए 2037-38 तक अतिरिक्त छह वर्ष दिए जाएंगे।
- इसके लिए कुल स्वीकृत लागत 1,500 करोड़ रुपये है, जिसमें जैव प्रौद्योगिकी विभाग 1,000 करोड़ रुपये और वेलकम ट्रस्ट 500 करोड़ रुपये का योगदान देगा।
बायोमेडिकल रिसर्च करियर प्रोग्राम (BRCP)
- यह भारत में प्रतिस्पर्धी अनुसंधान फेलोशिप के माध्यम से उच्च-गुणवत्ता युक्त जैव-चिकित्सा अनुसंधान का समर्थन करने हेतु डीबीटी-वेलकम ट्रस्ट इंडिया अलायंस के तहत 2008-09 में शुरू किया गया था।
- यह प्रारंभिक, मध्यवर्ती और वरिष्ठ स्तर के शोधकर्ताओं को जैव-चिकित्सा या नैदानिक एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य अनुसंधान में करियर बनाने में सक्षम बनाता है।
चरण I (2008–2009 से आगे):
- अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त रिसर्च फेलोशिप की शुरुआत की और युवा बायोमेडिकल शोधकर्ताओं को तैयार किया।
चरण II (2018–2019 से आगे):
- चरण I के परिणामों के आधार पर फेलोशिप और अनुदान पोर्टफोलियो का विस्तार किया गया, प्रतिभा, बुनियादी ढांचे और सहयोग को समेकित किया गया।
चरण III:
चरण III के उद्देश्य: विकसित भारत विजन से संरेखित, चरण III का उद्देश्य है:
- अत्याधुनिक जैव-चिकित्सा अनुसंधान के लिए शीर्ष-स्तरीय वैज्ञानिक प्रतिभाओं को पोषित करना।
- सामाजिक लाभ के लिए अंतःविषयक और अनुवादात्मक नवाचार को बढ़ावा देना।
- उच्च-गुणवत्ता वाले अनुसंधान का समर्थन करने वाली संस्थागत प्रणालियों को सुदृढ़ बनाना।
- अनुसंधान क्षमता में क्षेत्रीय असमानताओं को कम करना।
- वैश्विक प्रभाव के साथ विश्व स्तरीय जैव-चिकित्सा अनुसंधान अवसंरचना का निर्माण करना।
चरण के प्रमुख घटक-III:
- अनुसंधान फेलोशिप: प्रतिभाशाली वैज्ञानिकों को सहायता प्रदान करने के लिए बुनियादी, नैदानिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य अनुसंधान में शुरूआती करियर और मध्यवर्ती फेलोशिप।
- सहयोगात्मक अनुदान कार्यक्रम: 2-3 व्यक्तियों की अन्वेषक टीमों के लिए करियर विकास और उत्प्रेरक सहयोगात्मक अनुदान, जिसका उद्देश्य अपने करियर के शुरुआती से मध्यवर्ती स्तर वाले शोधकर्ताओं के करियर विकास का समर्थन करना है।
- अनुसंधान प्रबंधन कार्यक्रम: मार्गदर्शन, नेटवर्किंग और सार्वजनिक सहभागिता को सुदृढ़ करना और नई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारियों को बढ़ावा देना।
अपेक्षित परिणाम:
- 2,000 से अधिक छात्रों और पोस्टडॉक्टरल फेलो (Postdoctoral Fellows) को प्रशिक्षण देना।
- उच्च-प्रभावी प्रकाशनों और पेटेंट योग्य खोजों का सृजन।
- भारतीय जैव-चिकित्सा शोधकर्ताओं को बेहतर सहकर्मी मान्यता।
- महिला वैज्ञानिकों के लिए समर्थन में 10-15% की वृद्धि।
- 25-30% सहयोगी कार्यक्रम प्रौद्योगिकी तत्परता स्तर (TRL) 4 या उससे उच्च स्तर तक पहुँच रहे हैं।
- टियर-2 और टियर-3 शहरों में अनुसंधान का विस्तार।
