संदर्भ : 

हाल ही में, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने प्राज इंडस्ट्रीज द्वारा निर्मित ‘बायोपॉलिमर्स के लिए भारत की पहली प्रदर्शन सुविधा‘ का उद्घाटन किया, इसमें स्वदेशी रूप से विकसित एकीकृत पॉलीलैक्टिक एसिड (PLA) प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन किया गया। 

अन्य संबंधित जानकारी

  • इस अत्याधुनिक सुविधा में किण्वन, रासायनिक संश्लेषण, पृथक्करण और शुद्धिकरण के लिए अनुभाग मौजूद हैं।
  • यह सुविधा लैक्टिक एसिड के लिए 100 टन प्रति वर्ष (TPA) की उत्पादन क्षमता प्रदर्शित करती है और लैक्टाइड के लिए 60 TPA  (जो PLA के लिए 55 TPA के बराबर है।)
  • प्राज उद्योग हाल ही में घोषित बायो ई-3 नीति (अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और रोजगार के लिए जैव प्रौद्योगिकी) और बायोराइड योजना के साथ संरेखित हो रहा है ।
  • यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ के दोहरे लक्ष्यों का समर्थन करते हुए, भारत को बायोप्लास्टिक्स के लिए वैश्विक जैव-विनिर्माण केंद्र बनने में मदद करेगा।

पॉलीएलैक्टिक एसिड (PLA) क्या है?

  • PLA  एक प्राकृतिक बहुलक है जिसे व्यापक रूप से प्रयुक्त पेट्रोलियम आधारित प्लास्टिक जैसे पॉलीएथीन टेरेफ्थेलेट का विकल्प है।
  • PLA  दूसरा सबसे अधिक उत्पादित बायोप्लास्टिक है (थर्मोप्लास्टिक स्टार्च के बाद) और इसमें पॉलीप्रोपिलीन (PP), पॉलीइथिलीन (PE), या पॉलीस्टाइरीन (PS) के समान विशेषताएं हैं, साथ ही यह बायोडिग्रेडेबल भी है।

PLA के लाभ:

  • स्वास्थ्य पर प्रभाव : PLA एक सुरक्षित, सतत विकल्प है जो बायोजेनिक CO2 और जल में विघटित हो जाता है, और इसमें हानिकारक योजक नहीं होते। पारंपरिक जीवाश्म ईंधन प्लास्टिक के विपरीत, यह माइक्रोप्लास्टिक प्रदूषण में योगदान नहीं देता है या मानव स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा नहीं करता है।
  • पर्यावरण अनुकूल: पादप-आधारित सामग्रियों से निर्मित, PLA सीमित संसाधनों पर निर्भरता कम करता है तथा जीवाश्म प्लास्टिक की तुलना में कार्बन उत्सर्जन कम करता है।
  • कम्पोस्टीयता : पी.एल.ए. औद्योगिक रूप से कम्पोस्टीय है, हानिरहित घटकों में टूट जाता है और स्वच्छ पर्यावरण को बढ़ावा देता है।
  • बहुमुखी अनुप्रयोग: PLA  को अन्य सहपॉलिमरों के साथ संसाधित और मिश्रित किया जा सकता है, जिससे यह पैकेजिंग से लेकर वस्त्र तक विविध प्रकार के अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त हो जाता है।

जैव प्रौद्योगिकी मे भारत की स्थिति 

  • भारत जैव प्रौद्योगिकी में विश्व में 12 वें और एशिया-प्रशांत में तीसरे स्थान पर है । विश्वव्यापी जैव प्रौद्योगिकी बाजार मे भारत की हिस्सेदारी लगभग 3% है।
  • भारत सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता और तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है।
  • भारत Bt  कॉटन  का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और रिकॉम्बिनेंट हेपेटाइटिस B वैक्सीन का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है ।
  • भारत की जैव-अर्थव्यवस्था 2024 में 130 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जिसके 2030 तक 300 बिलियन डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है
  • बायोटेक स्टार्टअप्स ने उल्लेखनीय वृद्धि का अनुभव किया है, जो 2014 में लगभग 50 से बढ़कर 2023 में 8,500 से अधिक हो गई है।

केंद्रीय बजट (2023-2024) में हरित विकास पर जोर : 

  • भारत को ‘नेट जीरो’ कार्बन अर्थव्यवस्था बनाने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री जी का भविषयोन्मुखी दृष्टिकोण और ‘पर्यावरण के लिए जीवनशैली (LiFE)’ अक्टूबर 2022 में लॉन्च किया जाएगा।

Also Read:

संक्षिप्त समाचार

Shares: