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सामान्य अध्ययन 3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव आकलन।           

संदर्भ: 

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने अपनी रिपोर्ट फ्रंटियर्स 2025: द वेट ऑफ टाइम जारी की।

अन्य संबंधित जानकारी                 

  • यह UNEP की सातवीं फ्रंटियर्स रिपोर्ट है। 
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि नदी और तटीय क्षेत्रों में बाढ़ की बढ़ती घटनाएं, ऐसे पुराने विषाक्त प्रदूषकों से  सतह पर ला सकती हैं जो लंबे समय से जल और तलछट में दबे हुए थे।   
  • इन पुराने रासायनिक प्रदूषकों में भारी धातुएँ (जैसे सीसा, कैडमियम— जिनकी कम सांद्रता भी विषाक्त होती हैं) तथा कुछ स्थायी जैविक प्रदूषक (जैसे कीटनाशक, कृत्रिम रसायन, औद्योगिक प्रक्रियाओं एवं अपशिष्ट दहन के उपोत्पाद) शामिल हैं। 
  • ये दोनों प्रकार के रासायनिक प्रदूषक आसानी से विघटित नहीं होते और प्रदूषित नदियों, झीलों व खाड़ी क्षेत्रों की तलछट में जमा हो जाते हैं। 
  • अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय नियमों के तहत इनमें से कुछ रसायनों पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है, लेकिन पुराने रसायन प्रतिबंध के दशकों बाद भी वातावरण में बने रहते हैं।  
  • ये पदार्थ तंत्रिका, प्रतिरक्षा तंत्र, यकृत, प्रजनन तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं और कैंसर जैसे गंभीर रोग उत्पन्न कर सकते हैं।    

मुख्य निष्कर्ष

बाढ़ के दौरान दूषित तलछट में मौजूद प्रदूषक फिर से सतह पर आ सकते हैं, फैल सकते हैं और पुनः जमा हो सकते हैं, जिससे ये प्रदूषक व्यापक क्षेत्र में फैल जाते हैं। ये खाद्य श्रृंखला में प्रवेश कर सकते हैं और अंततः जैव-आवर्धन (Biomagnification) का कारण बन सकते हैं।  

ऑर्गेनोक्लोरीन और ऑर्गेनोफ्लोरीन उत्पादन से उत्पन्न स्थायी जैविक प्रदूषकों के लाखों टन अपशिष्ट विश्वभर में लैंडफिल स्थलों पर जमा हैं, जिनकी मात्रा लगभग 4.8 से 7 मिलियन टन तक है। 

रिपोर्ट में निम्नलिखित उदाहरण दिए गए हैं:

  • 2010 में पाकिस्तान में आई बाढ़ से देश का लगभग पांचवां हिस्सा जलमग्न हो गया था, तथा इसमें 2,835 मीट्रिक टन भंडारित अप्रयुक्त कीटनाशकों और स्थायी कार्बनिक प्रदूषकों का अधिकांश भाग बह गया था। 
  • 2012 में नाइजर डेल्टा में आई एक भयावह बाढ़ की घटना ने कैंसरजन्य पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन से दूषित तलछट को एकत्रित कर दिया तथा उसे बाढ़ के मैदानों के बड़े हिस्से में जमा कर दिया।
  • अगस्त 2017 में टेक्सास में तूफान हार्वे आया था, जिसके कारण बाढ़ का पानी बहकर गैल्वेस्टन खाड़ी में पहुंच गया था, जिसमें उच्च स्तर के कैंसरजन्य रसायन और पारे से युक्त भारी मात्रा में तलछट थी।  

रिपोर्ट में बताया गया है कि उष्णकटिबंधीय तूफानों से सम्बद्ध वर्षा की तीव्रता और मात्रा में निरंतर वृद्धि के कारण कई क्षेत्र नदी और तटीय बाढ़ के बढ़ते खतरे की चपेट में आ रहे हैं।   

भारतीय संदर्भ:

  • रिपोर्ट, जिसमें विभिन्न वैज्ञानिक अध्ययनों का विश्लेषण किया गया है, यह दर्शाती है कि गंगा, हिंडन और वैगई नदियों की तलछट में कैडमियम की सांद्रता इतनी अधिक पाई गई है कि उससे तलछट में निवास करने वाले जीवों पर बार-बार हानिकारक प्रभाव पड़ने की संभावना रहती है। 
  • कैडमियम एक कैंसरजन्य तत्व है जिसमें अंतःस्रावी तंत्र को बाधित करने की संभावित क्षमता होती है।  यह गुर्दे और हड्डियों को नुकसान पहुँचा सकता है और गर्भावस्था के दौरान भी प्रतिकूल परिणाम पैदा कर सकता है। 

UNEP ने अंतर्देशीय और तटीय जल में प्रदूषित तलछट और अन्य प्रदूषक जमावों का मूल्यांकन करने के लिए और अधिक अध्ययनों का आह्वान किया है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे किस हद तक प्रदूषक मुक्त कर सकते हैं, क्योंकि यह मूल्यांकन बाढ़ की घटनाओं से मानव एवं पर्यावरणीय स्वास्थ्य पर पड़ने वाले संभावित खतरों को समझने के लिए अत्यंत आवश्यक है।   

विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि प्रकृति आधारित समाधानों पर आधारित बाढ़ नियंत्रण संरचनाएं और सुरक्षा उपाय अपनाए जाने चाहिए, ताकि बाढ़ की घटनाओं की संख्या और तीव्रता में कमी लाई जा सके और उससे होने वाले नुकसान को कम किया जा सके।

उन्होंने यह भी सिफारिश की कि पोल्डर, डाइक और रिटेंशन बेसिन जैसी पारंपरिक बाढ़ नियंत्रण प्रणालियों को अपनाया जाए, जिससे बाढ़ क्षेत्र, आर्द्रभूमियाँ और वन फिर से बहाल हो सकें और जल-संवेदनशील शहरीकरण को प्रोत्साहित करते हुए नदी तटीय पारिस्थितिक तंत्रों का पुनर्निर्माण संभव हो सके। 

लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, ये उपाय केवल प्रदूषित तलछट को एक स्थान से हटाकर दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करते हैं और इस प्रकार समस्या को केवल उन क्षेत्रों तक सीमित कर देते हैं जहां मानव और पर्यावरणीय स्वास्थ्य पर अपेक्षाकृत कम खतरा होता है। 

  • इसलिए, उन्होंने नदी बेसिन प्रबंधन योजनाएं विकसित करने की सिफारिश की, जो बाढ़ रोकथाम, नदी संरक्षण और जल संसाधनों पर पड़ने वाले विभिन्न दबावों के बीच संतुलन स्थापित कर सकें।

UNEP ने नदी घाटी-विशिष्ट प्रदूषकों की नियमित निगरानी के महत्व पर भी विशेष ज़ोर दिया है। 

  • इसमें कार्यान्वित उपायों की प्रभावशीलता की निरंतर निगरानी और पुनर्मूल्यांकन करना तथा विज्ञान के विकास के साथ समायोजन करना, साथ ही स्थानीय ज्ञान को एकीकृत करना और पर्यावरण निगरानी और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में नागरिक विज्ञान प्रयासों सहित स्थानीय समुदायों को शामिल करना शामिल है।

फ्रंटियर रिपोर्ट

  • यह संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा प्रकाशित एक वार्षिक प्रकाशन है, जिसका उद्देश्य उभरते हुए पर्यावरणीय मुद्दों की पहचान करना और उनका समाधान प्रस्तुत करना होता है। 
  • UNEP की फ्रंटियर्स रिपोर्ट श्रृंखला, जिसकी शुरुआत वर्ष 2016 में हुई थी, ऐसे मुद्दों को उजागर करती है जिनके समय रहते समाधान नहीं किए गए तो वे वैश्विक या क्षेत्रीय स्तर पर गंभीर संकट उत्पन्न कर सकते हैं। 

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP)           

  • UNEP, संयुक्त राष्ट्र की प्रमुख पर्यावरणीय संस्था है, जो वैश्विक पर्यावरणीय एजेंडा निर्धारित करती है, सतत विकास को बढ़ावा देती है और दुनिया भर में पर्यावरण संरक्षण की वकालत करती है। 
  • UNEP सात परस्पर संबद्ध कार्यक्रमों के माध्यम से जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता ह्रास और प्रदूषण के मूल कारणों का समाधान करके परिवर्तनकारी सुधार लाने का प्रयास करता है, तथा ये सभी कार्यक्रम स्थायित्व के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता द्वारा निर्देशित होते हैं।         
  • मुख्यालय: नैरोबी, केन्या।                  

Sources: DTE       

https://www.downtoearth.org.in/climate-change/un-frontier-report-floods-can-release-legacy-chemicals-from-sediments-expose-people-to-its-harmful-effects

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