संदर्भ:

हाल ही में, फिलीपींस की अपीलीय न्यायालय ने गोल्डन राइस के व्यावसायिक प्रवर्धन (Propagation) हेतु प्राप्त जैव सुरक्षा परमिट निरस्त कर दिया है।

परमिट को निरस्त करने का मुख्य कारण:

  • वर्ष 2021 में, फिलीपींस आनुवंशिक रूप से संशोधित चावल की इस किस्म के व्यावसायिक उत्पादन को मंज़ूरी देने वाला पहला देश बन गया। हालाँकि, ग्रीनपीस (Greenpeace) जैसे गैर-लाभकारी संगठनों और स्थानीय किसानों ने इसका विरोध किया।
  • एहतियाती सिद्धांत: गोल्डन राइस के सेवन से होने वाले संभावित स्वास्थ्य जोखिमों पर निर्णायक, दीर्घकालिक वैज्ञानिक साक्ष्य के अभाव के कारण न्यायालय ने एहतियाती दृष्टिकोण अपनाया।
    हालाँकि तत्काल तौर पर इसके किसी भी प्रकार के कोई नुकसान का प्रमाण नहीं मिला है, फिर भी न्यायालय ने भावी पीढ़ियों की सुरक्षा की गारंटी सुनिश्चित करने हेतु  और अधिक शोध की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
  • पर्यावरणीय जोखिम: गोल्डन राइस के स्थानीय चावल की किस्मों के साथ परागण करने तथा पारिस्थितिकी तंत्र को अवरुद्ध करने की संभावना संबंधी चिंताएँ भी एक कारक थीं।
  • सार्वजनिक चिंता: GMOs के बारे में सार्वजनिक चिंता, अपर्याप्त जानकारी और अप्रत्याशित परिणामों की आशंका से प्रेरित, ने संभवतः न्यायालय के निर्णय को प्रभावित किया।

गोल्डन राइस (Golden Rice):

  • इसे सबसे पहले इंगो पोट्रीकस (स्विट्जरलैंड) और पीटर बेयर (जर्मनी) द्वारा विकसित किया गया था।
  • इसका नाम इसके गहरे पीले रंग  के कारण रखा गया है और इसे आनुवंशिक रूप से इस तरह से तैयार किया गया है कि इसके दानों में सूक्ष्म पोषक तत्व आयरन और जिंक  की मात्रा अधिक होने के साथ-साथ विटामिन A का अग्रगामी बीटा-कैरोटीन (Beta-Carotene) भी बनता हो।
  • गोल्डन राइस किस्म को विटामिन A की कमी से निपटने के लिए तैयार किया गया है , जो विकासशील देशों में आम है।
  • इसे विटामिन A की कमी से होने वाली अंधेपन, प्रतिरक्षा संबंधी विकारों और मृत्यु दर को कम करने के लिए विकसित किया गया था।
  • इसमें मक्का (Maize) और इरविनिया यूरेडोवोरा (Erwinia uredovora) नामक जीवाणु के जीन शामिल हैं, जो इसके अनाज में बीटा-कैरोटीन के उत्पादन को सक्षम बनाता है, जिसे शरीर विटामिन A में परिवर्तित कर देता है।
  • गोल्डन राइस चावल पर अत्यधिक निर्भर रहने वाली आबादी को पोषण संवर्धन प्रदान करता है। 
  • प्रारंभिक संस्करण (GR1) को उन्नत करके GR2 को विकसित किया गया है, जिसमें बीटा-कैरोटीन की मात्रा अधिक है।
  • फिलीपींस और बांग्लादेश जैसे देशों में इसकी खेती को मंजूरी दे दी गई है, लेकिन इसे अपनाने में विनियामक, नैतिक और GMO का विरोध करने वाले समूहों की ओर से विरोध संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
  • यह जैव-प्रबलीकरण (Biofortification) के लिए एक संभावित समाधान प्रस्तुत करने के साथ-साथ मुख्य खाद्य पदार्थों को आवश्यक पोषक तत्वों से समृद्ध बनाता है।

मंजूरी को निरस्त करने के निहितार्थ: 

  • इस निर्णय से कृषि क्षेत्र में, विशेषकर विकासशील देशों में, जी.एम. प्रौद्योगिकी के भविष्य के बारे में प्रश्न उठ रहे हैं।
  • यह निर्णय जी.एम. फसलों को व्यापक स्तर पर अपनाने से पहले सार्वजनिक सहभागिता, वैज्ञानिक पारदर्शिता और सुरक्षा संबंधी चिंताओं को दूर करने के महत्व को रेखांकित करता है।

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