संदर्भ:

हाल ही में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) प्रोजेक्ट नेक्सस (Project Nexus) में शामिल हुआ, यह परियोजना विभिन्न देशों की घरेलू त्वरित भुगतान प्रणालियों (Fast Payment Systems – FPSs) को जोड़कर सीमा पार लेनदेन को सुगम बनाने के लिए एक बहुपक्षीय पहल है।

प्रोजेक्ट नेक्सस (Project Nexus):  

अवधारणा और उद्देश्य: प्रोजेक्ट नेक्सस (Project Nexus) एक बहुपक्षीय अंतरराष्ट्रीय पहल है, जिसकी परिकल्पना अंतरराष्ट्रीय निपटान बैंक अर्थात् बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (BIS) के इनोवेशन हब द्वारा की गई है। इसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर कई घरेलू त्वरित भुगतान प्रणालियों (IPS) को जोड़कर सीमा पार भुगतान में सुधार करना है।

  • यह पहल भुगतान क्षेत्र में पहली बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (BIS) की इनोवेशन हब परियोजना है।
  • यह प्लेटफॉर्म संभवतः दो वर्षों के बाद, अर्थात् 2026 में शुरू हो जाएगा।

भारत की भागीदारी: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) सीमापार पर्सन टू पर्सन (P2P) और पर्सन टू मर्चेंट (P2M) भुगतान हेतु भारत के यूपीआई (Unified Payments Interface-UPI) को अन्य देशों की त्वरित भुगतान प्रणाली (FPS) के साथ समायोजित करने को लेकर द्विपक्षीय सहयोग करता है।

  • बहुपक्षीय दृष्टिकोण भारतीय भुगतान प्रणालियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाने के भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के प्रयासों को और अधिक समर्थन प्रदान करेगा।

त्वरित भुगतान प्रणालियों (IPSs) के लाभ: 70 से अधिक देशों में, त्वरित भुगतान प्रणालियों की व्यापक उपलब्धता के कारण, घरेलू भुगतान कुछ ही सेकंड में, प्रेषक या प्राप्तकर्ता के लिए लगभग शून्य लागत पर संसाधित यानी भुगतान प्रक्रिया पूरी होती हैं। 

  • बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (BIS) के अनुसार, इन त्वरित भुगतान प्रणालियों (IPS) को आपस में जोड़ने से अधिकांश भुगतान के मामलों में 60 सेकंड के अंदर प्रेषक से प्राप्तकर्ता तक सीमा पार भुगतान की सुविधा मिल सकती है।

  प्रोजेक्ट नेक्सस के लाभ

  • इसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर त्वरित भुगतान प्रणालियों (IPS) के अंतर्संबंध को मानकीकृत करना है।  
  • इससे प्रत्येक भुगतान प्रणाली ऑपरेटर द्वारा प्रत्येक नए देश के लिए अलग-अलग कनेक्शन स्थापित करने के बजाय ऑपरेटर नेक्सस प्लेटफॉर्म पर एकल कनेक्शन स्थापित कर सकते हैं।
  • यह सुव्यवस्थित दृष्टिकोण त्वरित भुगतान प्रणालियों को नेटवर्क में शामिल अन्य सभी देशों तक पहुँचने में सक्षम बनाता है।
  • प्रोजेक्ट नेक्सस के कारण त्वरित सीमा-पार भुगतान के विस्तार में तेजी आने की संभावना है।

भागीदार देश  

  • प्रोजेक्ट नेक्सस का उद्देश्य मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और भारत के त्वरित भुगतान प्रणालियों को एक-साथ जोड़ना है, जिसके लिए बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (BIS) और इन देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा बेसल, स्विटज़रलैंड में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
  • भविष्य में, इंडोनेशिया को भी इस प्लेटफॉर्म से जोड़ने की योजना है।
  • भविष्य में, इस प्लेटफॉर्म में अतिरिक्त देशों को शामिल करने के लिए इसका विस्तार भी किया जा सकता है।

 अंतरराष्ट्रीय निपटान बैंक अथवा बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (BIS) 

  • इस अंतरराष्ट्रीय संगठन की स्थापना हेग समझौतों के माध्यम से वर्ष 1930 में की गई, जो अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से केंद्रीय बैंकों की मौद्रिक और वित्तीय स्थिरता की खोज का समर्थन करता है। 
  • इसका स्वामित्व सदस्य देशों के केंद्रीय बैंकों के पास है, जिसमें भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) सहित 63 केंद्रीय बैंकों शामिल है।
  • इसे कभी-कभी केंद्रीय बैंकों के केंद्रीय बैंक के रूप में संदर्भित किया जाता है। 
  • इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड के बेसल (Basel) में है।  

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