संदर्भ:
हाल ही में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मेधावी विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना को मंजूरी दी।
पीएम- विद्यालक्ष्मी योजना
यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 पर आधारित केंद्रीय क्षेत्र की एक योजना है। इस नीति में सार्वजनिक और निजी उच्च शिक्षा संस्थानों (HEI) दोनों में विभिन्न उपायों के माध्यम से मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता देने की सिफारिश की गई थी।
इस योजना के तहत, कोई भी छात्र जो गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा संस्थान (QHEI) में प्रवेश लेता है, वह पाठ्यक्रम से संबंधित ट्यूशन फीस और अन्य खर्चों की सम्पूर्ण राशि को कवर करने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों से संपार्श्विक-मुक्त, गारंटर-मुक्त ऋण प्राप्त करने के लिए पात्र होगा।
यह योजना भारत में शीर्ष-गुणवत्ता वाले उच्च शिक्षण संस्थानों (HEI) पर लागू होगी, जिनका निर्धारण NIRF रैंकिंग द्वारा किया जाएगा। पात्रता में शामिल हैं:
- सभी उच्च शिक्षा संस्थान, सरकारी और निजी जो समग्र, श्रेणी-विशिष्ट और डोमेन विशिष्ट रैंकिंग में शीर्ष 100 स्थान पर हैं।
- राज्य सरकार के उच्च शिक्षा संस्थान जो NIRF रैंकिंग में 101-200 स्थान पर हैं।
- सभी केन्द्रीय सरकारी संस्थान।
यह सूची नवीनतम NIRF रैंकिंग के आधार पर प्रत्येक वर्ष अपडेट की जाएगी। शुरुआत में, शीर्ष 860 उच्च शिक्षा संस्थानों को कवर किया गया है, जिससे संभावित रूप से पीएम- विद्यालक्ष्मी के माध्यम से 22 लाख से अधिक छात्रों को लाभ मिलेगा ।
इस योजना के अंतर्गत, 7.5 लाख रुपये तक के ऋण के लिए, छात्रों को बकाया डिफ़ॉल्ट पर 75% क्रेडिट गारंटी मिलेगी, जिससे बैंकों को शिक्षा ऋण देने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
इसके अतिरिक्त, 8 लाख रुपये तक की वार्षिक पारिवारिक आय वाले छात्र, जो अन्य सरकारी छात्रवृत्ति या ब्याज अनुदान योजनाओं के अंतर्गत नहीं आते हैं, वे अधिस्थगन अवधि के दौरान 10 लाख रुपये तक के ऋण पर 3% ब्याज छूट पाने के पात्र हैं ।
- इसी प्रकार की एक योजना केन्द्रीय क्षेत्रक ब्याज सब्सिडी (CSIS) भी तकनीकी या व्यावसायिक पाठ्यक्रम करने वाले 4.5 लाख रुपये तक की वार्षिक पारिवारिक आय वाले छात्रों को 10 लाख रुपये तक के ऋण पर पूर्ण ब्याज छूट प्रदान करती है।
छात्र एकीकृत पोर्टल “पीएम-विद्यालक्ष्मी” के माध्यम से शिक्षा ऋण के साथ-साथ ब्याज अनुदान के लिए आवेदन कर सकेंगे।
- ब्याज अनुदान का भुगतान ई-वाउचर और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) वॉलेट के माध्यम से किया जाएगा।
यह योजना केन्द्रीय क्षेत्रक ब्याज सब्सिडी (CSIS) और शिक्षा ऋणों के लिये ऋण गांरटी कोष योजना (CGFSEL) का भी पूरक है, जो उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कार्यान्वित की जा रही प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा प्रोत्साहन (PM-USP) योजना की दो घटक योजनाएँ हैं।
- प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा प्रोत्साहन (PM-USP) योजना का उद्देश्य गरीब परिवारों के मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के दौरान वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
इस प्रकार, पीएम विद्यालक्ष्मी और PM-USP मिलकर सभी योग्य छात्रों को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा संस्थानों में उच्च शिक्षा और अनुमोदित उच्च शिक्षा संस्थानों में तकनीकी/व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए समग्र सहायता प्रदान करेंगे।