संदर्भ:
हाल ही में, प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के साथ द्विपक्षीय बैठक की।
अन्य संबंधित जानकारी:
- शेख तमीम का राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में गार्ड ऑफ ऑनर के साथ स्वागत किया गया।
- इस बैठक का उद्देश्य भारत और कतर के बीच साझेदारी को मजबूत करना है, क्योंकि दोनों देश विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग करना जारी रखेंगे।
बैठक की मुख्य बातें:
भारत और कतर ने अपने संबंधों को ” रणनीतिक साझेदारी” तक उन्नत किया है।
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- इस साझेदारी के साथ, कतर खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के भीतर भारत की रणनीतिक भागीदारी में शामिल हो गया है।
- खाड़ी सहयोग परिषद की स्थापना 1981 में रियाद (सऊदी अरब) में हुई थी और यह बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात का एक क्षेत्रीय राजनीतिक और आर्थिक संघ है।
दोनों देशों ने व्यापार, निवेश और ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करते हुए वर्ष 2030 तक अपने द्विपक्षीय व्यापार को 14 बिलियन डॉलर से दोगुना कर 28 बिलियन डॉलर करने का लक्ष्य रखा है।
कतर के सॉवरेन वेल्थ फंड ने बुनियादी ढांचे, नवीकरणीय ऊर्जा, एआई, रोबोटिक्स आदि जैसे क्षेत्रों के लिए भारत को 10 बिलियन डॉलर देने की प्रतिबद्धता जताई है।
भारत और कतर ने आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की संभावना पर चर्चा की।
- भारत GCC के साथ भी FTA पर वार्ता कर रहा है , जिसमें कतर भी शामिल है।
कतर निवेश प्राधिकरण (QIA) भारत में एक कार्यालय खोलेगा, जिससे निवेश संबंधों का विस्तार होगा।
भारत का UPI कतर में कतर नेशनल बैंक (QNB) के प्वाइंट ऑफ सेल टर्मिनलों पर चालू होगा।
कतर नेशनल बैंक भारत के GIFT सिटी में अपना कार्यालय खोलेगा।
इस अवसर पर दो समझौतों और पांच सहमति ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये गये जिनमें आर्थिक सहयोग, युवा मामले और दोहरे कराधान से बचाव संबंधी समझौता शामिल हैं।
कतर ने भारत को LNG का प्रमुख आपूर्तिकर्ता होने की अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की है। कतर एनर्जी और पेट्रोनेट LNG लिमिटेड के साथ एक समझौते से वर्ष 2028 से शुरू होने वाले 20 वर्षों की अवधि के लिए भारत को सालाना 7.5 मिलियन मीट्रिक टन LNG की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
भारत-कतर संबंधों का अवलोकन:
- कतर में 830,000 से अधिक लोगों का मजबूत और जीवंत भारतीय समुदाय, दोनों देशों के बीच घनिष्ठ जन-सम्पर्कों का प्रमाण है, जो दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक बंधनों को पोषित करता रहता है।
- भारत कतर का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जिसका 2024 में द्विपक्षीय व्यापार लगभग 14 बिलियन डॉलर हो गया।
- इस अवधि के दौरान कतर में भारत का निर्यात 1.7 बिलियन अमरीकी डॉलर था, जबकि कतर से भारत का आयात 12.38 बिलियन अमरीकी डॉलर था।
- कतर भारत का सबसे बड़ा LNG आपूर्तिकर्ता है, जो भारत के वैश्विक LNG आयात का 40% से अधिक हिस्सा है।
- कतर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (QCCI) के अनुसार, कतर में 20,000 से अधिक बड़ी और छोटी भारतीय कंपनियां, पूर्ण स्वामित्व वाली और संयुक्त उद्यम के रूप में काम कर रही हैं।
- भारत कतर में द्विवार्षिक दोहा अंतर्राष्ट्रीय समुद्री रक्षा प्रदर्शनी और सम्मेलन (DIMDEX) में भी नियमित रूप से भाग लेता है।