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सामान्य अध्ययन-2: सरकारी नीतियां और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप तथा उनके अभिकल्पन और कार्यान्वयन से संबंधित विषय; केंद्र और राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति-संवेदनशील वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं और इन योजनाओं का कार्य निष्पादन।

संदर्भ: 

हाल ही में, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के कार्यान्वयन के पाँच वर्ष पूरे हुए। इस योजना के कारण हुए रिकॉर्ड उत्पादन के साथ ही निर्यात, रोजगार और समावेशिता के माध्यम से भारत के मत्स्य पालन क्षेत्र में उल्लेखनीय परिवर्तन आया है।

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के बारे में 

  • भारत के मत्स्य पालन क्षेत्र में पारिस्थितिक रूप से स्वस्थ, आर्थिक रूप से व्यवहार्य और सामाजिक रूप से समावेशी विकास लाने के लिए मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के मत्स्य पालन विभाग द्वारा 10 सितंबर 2020 को इस योजना की शुरुआत की गई थी।
  • इस योजना के तहत प्रशिक्षण, जागरूकता और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों को लागू करने के लिए राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (NFDB) नोडल एजेंसी है।
  • कुल निवेश परिव्यय: 20,050 करोड़ रुपये (2020-21 से 2024-25)।
  • योजना के डिजाइन और वित्तपोषण पैटर्न के साथ वित्त वर्ष 2025-26 तक विस्तार को मंजूरी दी गई।
  • इस योजना का उद्देश्य भारत के मत्स्य पालन क्षेत्र में नीली क्रांति लाना है।

योजना के घटक

दो घटकों वाली छत्र (अम्ब्रेला) योजना:

  • केंद्रीय क्षेत्र योजना (CS): केंद्र सरकार द्वारा 100% वित्त पोषित।
  • केंद्र प्रायोजित योजना (CSS): केंद्र और राज्यों के बीच लागत-साझाकरण।

केंद्र प्रायोजित योजना में गतिविधियों को तीन शीर्षकों के अंतर्गत समूहबद्ध किया गया है:

  • उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि।
  • बुनियादी ढाँचा और कटाई-पश्चात प्रबंधन।
  • मत्स्य प्रबंधन और नियामक ढाँचा।

5 वर्षों में PMMSY की उपलब्धियाँ

  • भारत ने 2024-25 में 195 लाख टन का रिकॉर्ड मत्स्य उत्पादन किया, जो 2019-20 के 141.64 लाख टन से काफी अधिक है।
  • यह विश्व में दूसरा सबसे बड़ा मत्स्य उत्पादक देश बनकर उभरा है, जिसका वैश्विक मत्स्य उत्पादन में लगभग 8% योगदान है।
  • मत्स्य निर्यात में नाटकीय वृद्धि देखी गई है, क्योंकि यह 2019-20 में 46,662.85 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-24 में 60,524.89 करोड़ रुपये हो गया है। इससे वैश्विक समुद्री खाद्य बाज़ार में भारत की स्थिति मज़बूत हुई है।
  • PMMSY ने 55 लाख के लक्ष्य को पार करते हुए 58 लाख रोज़गार के अवसरों का सृजन किया।

PMMSY के तहत प्रमुख पहल

  • मत्स्य पालन में महिलाओं का सशक्तिकरण: यह लाभार्थी-उन्मुख गतिविधियों और उद्यमी मॉडल के तहत वित्तीय सहायता के रूप में कुल परियोजना लागत का 60% तक प्रदान करके मत्स्य पालन में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देता है।
  • प्रौद्योगिकी के माध्यम से जलवायु लचीलापन का सुदृढ़ीकरण: मत्स्य पालन विभाग द्वारा जलवायु लचीलापन को सुदृढ़ करने और तटीय मछुआरा समुदायों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत, 100 तटीय मछुआरा गांवों की पहचान ‘जलवायु लचीले तटीय मछुआरा गांवों’ के रूप में की गई है। 
  • डिजिटलीकरण: PMMSY ने राष्ट्रीय मत्स्य पालन डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च किया जो सरकारी लाभों तक सिंगल विंडो एक्सेस प्रदान करता है और इसका उद्देश्य मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र का औपचारिकीकरण करना है।
  • प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह योजना: PMMSY की एक केंद्रीय क्षेत्र उप-योजना जिसका उद्देश्य जलीय कृषि बीमा को प्रोत्साहित करना, मूल्य श्रृंखला दक्षता में सुधार करना और सुरक्षित मछली उत्पादन के लिए सुरक्षा और गुणवत्ता प्रणालियों को अपनाना है।
  • बायोफ्लोक (Biofloc) प्रौद्योगिकी: यह एक नवीन एवं स्थायी जलीय कृषि (Aquaculture) पद्धति है, जिसमें जल में उपलब्ध अपचयित पोषक तत्वों का पुनःचक्रण करने के लिए लाभकारी सूक्ष्मजीवों का उपयोग किया जाता है। ये सूक्ष्मजीव ‘बायोफ्लोक’ नामक सूक्ष्म जैविक गुच्छों का निर्माण करते हैं, जोकि मछलियों एवं झींगा आदि के लिए प्राकृतिक आहार हैं तथा जल की गुणवत्ता को बनाए रखने में सहायक होते हैं।

योजना का महत्व

  • समुद्री खाद्य निर्यात को बढ़ावा: वैश्विक समुद्री खाद्य निर्यातक के रूप में भारत की स्थिति मजबूत हुई, इसका निर्यात 2019-20 में 46,662.85 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-24 में 60,524.89 करोड़ रुपये हो गया है।
  • महिला सशक्तिकरण: महिलाओं के नेतृत्व में उद्यमिता को बढ़ावा दिया गया, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक सशक्तिकरण को गति मिली।
  • आजीविका सुरक्षा: प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों के माध्यम से 58 लाख लोगों के लिए स्थायी आजीविका सुनिश्चित की गई।
  • कृषि विकास में योगदान: इसने किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य का समर्थन किया और कृषि सकल मूल्य वर्धन (GVA) में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

स्रोत:

https://www.myscheme.gov.in/schemes/pmmsy https://static.pib.gov.in/WriteReadData/specificdocs/documents/2025/sep/doc202599631401.pdf https://nfdb.gov.in/PDF/PMMSY-FAQS.pdf

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