प्रसंग:

हाल ही में भारत छोड़ो आंदोलन की 82वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बापू (महात्मा गांधी) के नेतृत्व में भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने वालों को श्रद्धांजलि अर्पित की तथा इसे स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण क्षण बताया।

अन्य संबंधित जानकारी 

  • अंग्रेजों ने गांधीजी और कांग्रेस के अन्य प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन आंदोलन संगठित रूप से आगे बढ़ा और द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद इससे अंग्रेजों की विदाई को बल मिला।

भारत छोड़ो आंदोलन

  • शुरुआत: 9 अगस्त, 1942
  • महात्मा गांधी ने 8 अगस्त, 1942 को बॉम्बे के गोवालिया टैंक मैदान में अपने भाषण में ‘करो या मरो’ का आह्वान किया और ‘भारत छोड़ो’ (‘Quit India’) का नारा दिया।
  • कांग्रेस नेताओं की गिरफ्तारी के बावजूद, भारत की जनता गांधीजी के स्वतंत्रता आह्वान के पीछे एकजुट हो गयी।
  • महात्मा गांधी को पूना में कैद कर लिया गया था। 
  • जवाहरलाल नेहरू, अबुल कलाम आज़ाद और अन्य नेताओं को अहमदनगर किले में कैद कर लिया गया था।

भारत छोड़ो आंदोलन शुरू करने का कारण

  • क्रिप्स मिशन की विफलता: संवैधानिक गतिरोध को हल करने में क्रिप्स मिशन की असमर्थता ने संवैधानिक उन्नतता के प्रति ब्रिटेन के अपरिवर्तित रवैये को उजागर किया।
  • बढ़ता असंतोष: दक्षिण-पूर्व एशिया में अंग्रेजों की पराजय और जापानी सैनिकों के आगमन की खबर ने भारतीय जनता में असंतोष व्यक्त करने की इच्छा को बढ़ा दिया।
  • आर्थिक कठिनाई: आवश्यक वस्तुओं की कमी और चावल के निर्यात के कारण व्यापक अभाव पैदा हो गया, जिसकी परिणति 1943 के बंगाल अकाल के रूप में हुई।
  • बढ़ता राष्ट्रवाद: वर्ष 1942 तक, भारत की आज़ादी की लालसा के कई दशक बीत चुके थे। राष्ट्रवादी भावना अपने चरम पर थी और आम जनता ब्रिटिश शासन से लगातार निराश हो रही थी।

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