संदर्भ:

हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान (PM-JUGA) को मंजूरी दी।

मिशन की मुख्य विशेषताएं

  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पांच वर्षों में 79,156 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान को मंजूरी दी।
  • उद्देश्य: जनजातीय बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में जनजातीय परिवारों के लिए संतृप्ति उपलब्धता अपनाकर जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करना।
  • यह विभिन्न सरकारी योजनाओं के संमिलन के माध्यम से सामाजिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका में महत्वपूर्ण दायरे को दूर करेगा तथा जनजातीय क्षेत्रों तथा समुदायों का समग्र और सतत विकास सुनिश्चित करेगा।
  • पहुँच: जैसी कि वर्ष 2024-25 के बजट में घोषणा की गई थी, मिशन में 63,000 गांवों को शामिल किया जाएगा, जिससे 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 549 जिलों और 2,740 ब्लॉकों में 5 करोड़ से अधिक आदिवासी लोगों को लाभ होगा।
  • वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में 700 से अधिक अनुसूचित जनजति समुदायों के साथ 10.45 करोड़ की अनुसूचित जनजाति के लोग रहते हैं, जिनमें से 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में स्थित 75 समुदायों को विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTGs) के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
  • कार्यान्वयन: मिशन में 25 हस्तक्षेप शामिल हैं जिन्हें अगले 5 वर्षों में अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना (DAPST) के तहत आवंटित निधियों के माध्यम से 17 मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा।
  • यह मिशन पीएम-जनमन (प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान) की सीख और सफलता पर आधारित है।
  • अभियान के अंतर्गत शामिल आदिवासी गांवों को पीएम गति शक्ति पोर्टल पर डाला जाएगा और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिलों को पुरस्कृत किया जाएगा।

पीएम जनमन योजना

  • जनजातीय कार्य मंत्रालय ने 75 विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (PVTGs) समुदायों को शामिल करने के लिए 15 नवंबर, 2023 को जनजातीय गौरव दिवस पर पीएम-जनमन योजना शुरू की।
  • इसका उद्देश्य स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका और बुनियादी ढाँचे में दायरे को दूर करके विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को ऊपर उठाना है।
  • 24,104 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ, यह 9 मंत्रालयों के माध्यम से 11 प्रमुख हस्तक्षेपों पर ध्यान केंद्रित करता है।

विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह समुदाय

  • वर्ष 1975 में, भारत सरकार ने अनुसूचित जनजातियों में से विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह (ढेबर आयोग की सिफारिश पर) नामक एक अलग श्रेणी बनाई और 52 ऐसे समूहों की घोषणा की, जबकि वर्ष 1993 में इस श्रेणी में 23 अतिरिक्त समूह जोड़े गए, जिससे कुल विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह की संख्या 75 हो गई।
  • वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, 75 विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में रहते हैं।
  • सूचीबद्ध 75 विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह में से, उड़ीसा में इनकी संख्या सबसे अधिक (13) है।
  • सहरिया के विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह की आबादी सबसे अधिक है जबकि संथाली और अंडमानी विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह की आबादी बहुत कम है।

मिशन का लक्ष्य

लक्ष्य-I: सक्षम बुनियादी ढांचे का विकास: 

  • पात्र अनुसूचित जनजाति परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत पक्के आवास तक पहुंच प्राप्त होगी, साथ ही नल से आनेवाला जल (जल जीवन मिशन) और बिजली आपूर्ति [पुनर्निर्मित वितरण क्षेत्र योजना (Revamped Distribution Sector Scheme–-RDSS)] और आयुष्मान भारत कार्ड (PMJAY) तक पहुंच प्राप्त होगी।
  • अनुसूचित जनजाति बहुल गांवों के लिए बारहमासी सड़क संपर्क सुनिश्चित करना (PMGSY), मोबाइल संपर्क (भारत नेट) और इंटरनेट तक पहुंच प्रदान करना तथा स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा (NHM, समग्र शिक्षा और पोषण) में सुधार के लिए बुनियादी ढांचे की व्यवस्था करना।

लक्ष्य-2: आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना:

  • प्रशिक्षण (कौशल भारत मिशन/JSS) के माध्यम से कौशल विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देना तथा अनुसूचित जनजाति के युवाओं के लिए दीर्घकालिक कौशल पाठ्यक्रमों तक पहुंच प्रदान करना।
  • जनजातीय बहुउद्देशीय विपणन केंद्रों (TMMC) के माध्यम से विपणन सहायता, पर्यटक गृहस्थल तथा वन अधिकार धारी पट्टाधारकों के लिए कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन हेतु सहायता प्रदान करना।

लक्ष्य-3: अच्छी शिक्षा तक पहुंच का सार्वभौमिकरण: 

  • स्कूल और उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (GER) को राष्ट्रीय स्तर तक बढ़ाना तथा जिला/ब्लॉक स्तर पर स्कूलों में आदिवासी छात्रावासों की स्थापना करके अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों (समग्र शिक्षा अभियान) के लिए इसे सुलभ बनाना।

लक्ष्य-4: स्वस्थ जीवन और सम्मानजनक वृद्धावस्था: 

  • अनुसूचित जनजाति के परिवारों के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच सुनिश्चित करना, जिसका लक्ष्य वंचित क्षेत्रों में मोबाइल चिकित्सा इकाइयों के माध्यम से आईएमआर, एमएमआर और टीकाकरण पहुँच में राष्ट्रीय मानकों को पूरा करना है (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन)।

प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत अभिनव योजनाएं

  • आदिवासी होम स्टे: पर्यटन मंत्रालय के माध्यम से स्वदेश दर्शन के तहत लगभग 1000 होम स्टे को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए, प्रत्येक परिवार को दो कमरों वाला नया होमस्टे बनाने के लिए 5 लाख रुपये या मौजूदा संरचनाओं को होमस्टे में बदलने के लिए 3 लाख रुपये दिए जाएंगे। इस योजना में “ग्राम समुदाय की आवश्यकता” के लिए 5 रुपये लाख रुपये का प्रावधान भी है।
  • सतत आजीविका वन अधिकार धारक (FRA): वन अधिकारों को सुरक्षित करने और जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाने के लिए वन क्षेत्रों में रहने वाले 22 लाख वन अधिकार धारी पट्टाधारकों (वन अधिकार अधिनियम के तहत) पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
  • सरकारी आवासीय विद्यालयों और छात्रावासों के बुनियादी ढांचे में सुधार: अभियान का उद्देश्य स्थानीय शैक्षिक संसाधनों को विकसित करने और नामांकन और प्रतिधारण को बढ़ावा देने के लिए पीएम-श्री स्कूलों की तर्ज पर उन्नयन के लिए आश्रम स्कूलों / छात्रावासों / आदिवासी स्कूलों / सरकारी आवासीय विद्यालयों के बुनियादी ढांचे में सुधार करना है।
  • सिकल सेल रोग के निदान हेतु सुविधाएं: प्रसव पूर्व निदान पर विशेष जोर देने के साथ सस्ती और सुलभ नैदानिक और सिकल सेल रोग प्रबंधन सुविधाएं प्रदान करना और सिकल सेल रोग युक्त भविष्य में बच्चे के जन्म को रोककर रोग की व्यापकता को कम करना।
  • जनजातीय बहुउद्देशीय विपणन केंद्र (TMMC): जनजातीय उत्पादकों को उनकी उपज/उत्पादों के लिए सही मूल्य दिलाने तथा उपभोक्ताओं को जनजातीय लोगों से सीधे सही मूल्य पर जनजातीय उपज/उत्पाद खरीदने में सुविधा प्रदान करने के लिए लगभग 100 जनजातीय बहुउद्देशीय विपणन केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

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