संदर्भ:
हाल ही में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-IV के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-IV के विवरण
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना चरण IV (PMGSY-IV) के चौथे चरण में वित्तीय वर्ष 2024-25 से वित्तीय वर्ष 2028-29 तक 62,500 किलोमीटर नई सड़कों का निर्माण किया जाएगा।
- इस चरण में 25,000 गांवों को हर मौसम में सड़क सम्पर्क सुविधा प्रदान किया जाएगा। इस योजना में निम्न आबादी वाले असंबद्ध बस्तियों को शामिल किया गया है:
- मैदानी इलाकों में 500+
- पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों, विशेष श्रेणी क्षेत्रों (जनजातीय अनुसूची V, आकांक्षी जिले/ब्लॉक, रेगिस्तानी क्षेत्र) में 250+
- वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में 100+
- इस प्रस्ताव की घोषणा बजट 2024-25 में की गई थी और इसका कुल परिव्यय 70,125 करोड़ रुपये होगा, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार का हिस्सा अनुपात 70:30 होगा।
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना चरण IV में सड़क निर्माण के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों को शामिल किया जाएगा, जैसे- कोल्ड मिक्स प्रौद्योगिकी और अपशिष्ट प्लास्टिक, पैनलयुक्त सीमेंट कंक्रीट, सेल-भरे कंक्रीट तथा अन्य अपशिष्ट, जैसे- फ्लाई ऐश और स्टील धातुमल का उपयोग।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एक केन्द्र प्रायोजित योजना है जिसे वर्ष 2000 में केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा गरीबी उन्मूलन रणनीति के तहत असंबद्ध बस्तियों को एकल बारहमासी सड़क के माध्यम से सम्पर्कता प्रदान करने के लिए शुरू किया गया था।
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-I (PMGSY-I) को 2001 की जनगणना के अनुसार निर्दिष्ट जनसंख्या आकार वाली पात्र असंबद्ध बस्तियों को ग्रामीण संपर्कता प्रदान करने के लिए एक बार के विशेष हस्तक्षेप के रूप में शुरू किया गया था।
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-II को वर्ष 2013 में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 50,000 किलोमीटर के उन्नयन के लक्ष्य के साथ चयनित मार्गों और प्रमुख ग्रामीण संपर्कों (Major Rural Links-MRLs) के उन्नयन हेतु शुरू किया गया था।
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-III को वर्ष 2019 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य 1,25,000 किलोमीटर लंबे मार्गों और प्रमुख ग्रामीण संपर्क मार्गों को मजबूत करना था, जो अन्य बातों के साथ-साथ बस्तियों को ग्रामीण कृषि बाजारों (GrAMs), उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों और अस्पतालों से जोड़ते हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-III को पूरा करने की समय-सीमा मार्च, 2025 तक है।
- अगस्त 2024 तक, सभी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनाओं के तहत स्वीकृत 831,582 किलोमीटर सड़कों में से कुल 766,058 किलोमीटर सड़कें पूरी हो चुकी हैं।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत त्रिस्तरीय गुणवत्ता नियंत्रण तंत्र
प्रथम स्तर (कार्यक्रम कार्यान्वयन इकाइयों द्वारा प्रक्रिया नियंत्रण):
- कार्यक्रम कार्यान्वयन इकाइयां (Programme Implementation Units-PIUs) निर्माण चरण के दौरान गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्रीय प्रयोगशाला स्तर पर सामग्री और कारीगरी पर अनिवार्य जांच संचालित करती हैं।
- द्वितीय स्तर (राज्य स्तरीय निगरानी): राज्य गुणवत्ता अनुवीक्षक (State Quality Monitors-SQMs) राज्य स्तर पर स्वतंत्र गुणवत्ता निगरानी करते हैं।
- तृतीय स्तर (राष्ट्रीय स्तर की निगरानी): राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी (NRIDA) द्वारा सड़कों और पुलों के आकस्मिक निरीक्षण के लिए राष्ट्रीय गुणवत्ता अनुवीक्षक (National Quality Monitors-NQMs) तैनात किए जाते हैं।