संदर्भ:

78वें स्वतंत्रता दिवस के भाषण में प्रधानमंत्री ने भारत के भविष्य के लिए एक दूरदर्शी एजेंडा प्रस्तुत किया।

भाषण के मुख्य अंश

प्रधानमंत्री ने भारत के विकास को आकार देने, नवाचार को बढ़ावा देने और देश को विभिन्न क्षेत्रों में वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने पर केंद्रित दूरदर्शी लक्ष्यों की एक रूपरेखा प्रस्तुत की, जिनमें निम्न शामिल हैं:

  • जीवन की सुगमता मिशन: बेहतर बुनियादी ढांचे और सेवाओं के माध्यम से शहरी जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि करना।
  • नालंदा भावना का पुनरुद्धार: उच्च शिक्षा और अनुसंधान पर ध्यान केन्द्रित करते हुए भारत को एक वैश्विक शिक्षा केन्द्र के रूप में स्थापित करना।
  • मेड इन इंडिया सेमीकंडक्टर चिप्स उत्पादन: सेमीकंडक्टर उत्पादन में अग्रणी बनने और आयात पर निर्भरता कम करने का लक्ष्य।
  • कौशल भारत: भारत को वैश्विक कौशल राजधानी बनाने के लिए युवाओं को प्रशिक्षण देना।
  • विनिर्माण केन्द्र: भारत को एक प्रमुख वैश्विक विनिर्माण केन्द्र में बदलना।
  • “भारत में डिजाइन, विश्व के लिए डिजाइन” (“Design in India, Design for the World”): घरेलू और वैश्विक दोनों बाजारों के लिए स्वदेशी डिजाइन को बढ़ावा देना।

78वाँ स्वतंत्रता दिवस 2024

  • विषय-वस्तु: “विकसित भारत” या “डेवलप्ड इंडिया”
  • भारत को 200 वर्षों की गुलामी के बाद 15 अगस्त, 1947 को ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता मिली।
  • तब से इस ऐतिहासिक घटना को हर साल स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • स्वतंत्रता की पहली वर्षगांठ 15 अगस्त, 1948 को मनाई गई थी।
  • इस दिन का सबसे प्रतिष्ठित प्रतीक प्रधानमंत्री द्वारा दिल्ली के लाल किले पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज, तिरंगा फहराना है।
  • गेमिंग बाजार नेतृत्व: वैश्विक गेमिंग उद्योग में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए भारत की विरासत का लाभ उठाना।
  • ग्रीन जॉब्स और हाइड्रोजन मिशन: हरित हाइड्रोजन पर ध्यान केंद्रित करते हुए हरित विकास और सतत रोजगार को बढ़ावा देना।
  • स्वस्थ भारत मिशन: राष्ट्रीय पोषण अभियान जैसी पहलों के साथ स्वास्थ्य को आगे बढ़ाना।
  • राज्य स्तरीय निवेश प्रतियोगिता: स्पष्ट नीतियों और सुशासन के माध्यम से राज्यों को निवेश आकर्षित करने हेतु प्रोत्साहित करना।
  • वैश्विक मानक: गुणवत्ता में अंतर्राष्ट्रीय मानक स्थापित करने की आकांक्षा।
  • जलवायु लक्ष्य: वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा प्राप्त करना और पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करना।
  • चिकित्सा शिक्षा विस्तार: अगले पांच वर्षों में 75,000 नई चिकित्सा सीटें जोड़ने की योजना, जिसका उद्देश्य देश की चिकित्सा शिक्षा क्षमता को बढ़ाना और स्वास्थ्य पेशेवरों की बढ़ती मांग को पूरा करना है।
  • राजनीति में नए युवाओं को शामिल करना: भाई-भतीजावाद और जातिवाद का मुकाबला करने के लिए 100,000 नए, राजनीतिक रूप से अनुभवहीन युवाओं को राजनीतिक प्रणाली में शामिल करना।

भाषण के अतिरिक्त लक्ष्य क्षेत्र

  • समान नागरिक संहिता: भाषण में समान नागरिक संहिता को लागू करने पर राष्ट्रीय चर्चा का आह्वान किया गया, भेदभावपूर्ण कानूनों को समाप्त करने और धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया गया
  • एक राष्ट्र, एक चुनाव: “एक राष्ट्र, एक चुनाव” पहल के लिए समर्थन का आग्रह किया गया, बार-बार होने वाले चुनावों की कमियों को उजागर किया गया तथा चुनावी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए एकीकृत दृष्टिकोण का आह्वान किया गया।
  • अंतरिक्ष क्षेत्र और स्टार्टअप: अंतरिक्ष क्षेत्र के बढ़ते महत्व पर जोर दिया गया, सुधारों और स्टार्टअप की बढ़ती भागीदारी पर ध्यान दिया गया, साथ ही भारत की दीर्घकालिक प्रगति के लिए इस क्षेत्र को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
  • विकसित भारत 2047: प्रधानमंत्री ने भारत को विनिर्माण केंद्र में बदलने, मूल पूंजी में सुधार, शासन में सुधार, न्याय प्रदायगी में तेजी लाने और पारंपरिक दवाओं को बढ़ावा देने पर केंद्रित ‘विकसित भारत 2047’ के लिए सार्वजनिक सुझाव साझा किए।

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