संदर्भ

नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) अमेरिका के कैलिफोर्निया में वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से पोलारिमेट्री टू यूनिफाई द कोरोना एंड हेलियोस्फीयर (PUNCH) मिशन को लॉन्च करने के लिए तैयार है।

अन्य संबंधित जानकारी :

  • मिशन के तहत, चार छोटे उपग्रहों का एक समूह निम्न पृथ्वी कक्षा में 3D अवलोकन करेगा ताकि सूर्य के कोरोना से सौर हवा बनने की प्रक्रिया का अध्ययन किया जा सके। 
  • PUNCH अपनी तरह का पहला सौर मिशन है जो सौर कोरोना (सूर्य के वायुमंडल की सबसे बाहरी परत) का अध्ययन करेगा और आंतरिक हीलियोस्फीयर पर ध्यान केंद्रित करेगा।
  • PUNCH मिशन का नेतृत्व अमेरिका के कोलोराडो के बोल्डर स्थित साउथवेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट के कार्यालय द्वारा किया जाता है।
  • यह सूर्य के कोरोना या बाहरी वायुमंडल और सौर हवा का एक साथ चित्र लेने वाला पहला उपग्रह होगा, जिससे सूर्य, सौर हवा और पृथ्वी को एक ही संबद्ध प्रणाली के रूप में बेहतर ढंग से समझा जा सकेगा।
  • यह मिशन अध्ययन करेगा कि संभावित रूप से विध्वंसकारी सौर घटनाएँ किस प्रकार बनती और विकसित होती हैं।
  • PUNCH मिशन पहला मिशन है जिसे विशेष रूप से 3D में कोरोना और सौर हवा को मापने के लिए प्रकाश के ध्रुवीकरण का उपयोग करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

• PUNCH उपग्रहों में एक नैरो फील्ड इमेजर और तीन वाइड फील्ड इमेजर शामिल हैं।

  • नैरो फील्ड इमेजर (NFI) एक कोरोनाग्राफ है, जो सूर्य के कोरोना के विवरण को बेहतर ढंग से देखने के लिए सूर्य से आने वाले तेज प्रकाश को रोकता है।
  • वाइड फील्ड इमेजर्स (WFI) हीलियोस्फेरिक इमेजर हैं जो सौर कोरोना के बहुत ही धुंधले, सबसे बाहरी हिस्से और सौर वायु को दर्शाता हैं, जिससे सौर मंडल में फैलती सौर वायु का विस्तृत दृश्य मिलता है।

सौर मिशनों में वृद्धि क्यों हो रही है?

  • हर 11 साल में सूर्य का चुंबकीय क्षेत्र बदल जाता है, जिसका अर्थ है कि इसके उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव अपनी जगह बदल लेते हैं। इसे सौर चक्र कहा जाता है।
  • सौर चक्र सूर्य की गतिविधि को प्रभावित करता है। सूर्य चुंबकीय क्षेत्र के उतार-चढ़ाव के दौरान सबसे अधिक सक्रिय होता है , जिसे सौर अधिकतम के रूप में जाना जाता है।
  • सौर अधिकतम के दौरान, सूर्य अंतरिक्ष में विकिरण और कणों का अधिक तीव्र विस्फोट भेजता है।
  • इस उलटफेर के बाद सूर्य सामान्य हो जाता है और सौर न्यूनतम पर पहुंच जाता है; फिर एक नया चक्र शुरू होता है।
  • सौर अधिकतम काल, वैज्ञानिकों के लिए सूर्य का अवलोकन और अध्ययन करने का सबसे उपयुक्त समय है ।
  • सूर्य का अवलोकन करने के मिशनों में वृद्धि हुई है, क्योंकि इस समयावधि के चूक जाने का अर्थ है कि अगली सक्रिय अवधि के लिए लगभग 2035-2036 तक इंतजार करना पड़ेगा।

सूर्य के कोरोना का अध्ययन करने वाले मिशन

• इसरो का आदित्य- L1 मिशन : यह सूर्य और उसके कोरोना का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष-आधारित वेधशाला वर्ग का भारतीय सौर मिशन था।

  • इस मिशन से कोरोनल हीटिंग, कोरोनल मास इजेक्शन, प्री-फ्लेयर और फ्लेयर गतिविधियों, उनकी विशेषताओं, अंतरिक्ष मौसम की गतिशीलता आदि की समस्याओं का अध्ययन करने का अनुमान है।

• प्रोबा-3 मिशन (यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA)) : इसका उद्देश्य कोरोना का अध्ययन करना है, जो सूर्य की सतह से अधिक गर्म है, और सौर हवा का पता लगाना है, जो सूर्य से निकलने वाले आवेशित कणों की एक धारा है।

• नासा का पार्कर सोलर प्रोब: यह 2021 में कोरोना – सूर्य के ऊपरी वायुमंडल  से होकर उड़ान भरने वाला पहला अंतरिक्ष यान बन गया।

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