संदर्भ:
हाल ही में संपन्न 9वें पूर्वी आर्थिक मंच (Eastern Economic Forum-EEF) का सत्र रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र के विकास और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के विस्तार पर ध्यान केंद्रित किया गया।
अन्य संबंधित जानकारी
- रूस के व्लादिवोस्तोक में 3 से 6 सितंबर, 2024 के बीच आयोजित 9वें पूर्वी आर्थिक मंच के सत्र में 40 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
- इस सत्र में भारत का प्रतिनिधित्व आर्या झा ने किया, जो वर्तमान में वर्ल्ड ऑर्गनाइजेशन ऑफ स्टूडेंट्स एंड यूथ (WOSY) की अंतर्राष्ट्रीय सचिव हैं।
- वर्ष 1985 में स्थापित वर्ल्ड ऑर्गनाइजेशन ऑफ स्टूडेंट्स एंड यूथ छात्रों और युवाओं के बीच अंतर्राष्ट्रीय समझ, शांति और सह-अस्तित्व के मूल्यों को बढ़ावा देता है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
- उसी दिन आयोजित रूस-भारत व्यापार वार्ता में दोनों देशों के बीच व्यापार और परिवहन संबंधों के विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया।
पूर्वी आर्थिक मंच
- इसकी स्थापना वर्ष 2015 में रूस के राष्ट्रपति के आदेश द्वारा की गई थी और इसका सत्र प्रत्येक वर्ष रूस के व्लादिवोस्तोक में आयोजित किया जाता है।
- यह एक प्रमुख मंच है जिसका उद्देश्य सुदूर पूर्व की अर्थव्यवस्था को विकसित करना और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का विस्तार करना है।
- मंच के संचालन कार्यक्रम में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के अग्रणी साझेदार देशों तथा दक्षिण-पूर्व एशिया में तेजी से विकासशील देशों को एकजुट करने वाले प्रमुख एकीकरण संगठन, आसियान के साथ अनेक व्यवसायिक वार्ताएं शामिल हैं।
रूस का सुदूर पूर्व क्षेत्र
- यह क्षेत्र रूस के एक तिहाई भूभाग पर फैला हुआ है तथा मछली, तेल, प्राकृतिक गैस, लकड़ी, हीरे और अन्य खनिजों जैसे प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है।
- इस क्षेत्र की संपदा और संसाधन रूस के सकल घरेलू उत्पाद में पांच प्रतिशत का योगदान करते हैं।
- रूस का सुदूर पूर्व क्षेत्र भौगोलिक दृष्टि से एक सामरिक स्थल पर स्थित है जो एशिया में प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है।
रूस के सुदूर पूर्व में भारत
- वर्ष 1992 में, भारत, रूस के सुदूर पूर्व के सबसे बड़े महानगरीय केंद्र, व्लादिवोस्तोक में वाणिज्य दूतावास स्थापित करने वाला पहला देश बना।
- वर्ष 2019 में, भारतीय प्रधान मंत्री ने सुदूर पूर्व और उसके विकास के लिए भारत की ओर से अभूतपूर्व 1 बिलियन डॉलर की ऋण सहायता की घोषणा की।
- भारत और रूस ने व्लादिवोस्तोक और चेन्नई के बीच समुद्री संपर्क स्थापित करने की प्रतिबद्धता जताई है, जिससे रूस और भारत के बीच नौवहन समय 40 दिनों से घटकर 24 दिन रह जाएगा।
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