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सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2: शासन व्यवस्था के विभिन्न पहलू।
संदर्भ:
हाल ही में, केंद्र सरकार ने राज्य पुलिस महानिदेशक/पुलिस बल प्रमुख की नियुक्ति के लिए सिंगल विंडो सिस्टम को अधिसूचित किया।
- कई राज्यों द्वारा प्रकाश सिंह मामले में सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों और DGP/HoPF की नियुक्ति के संबंध में गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों का पालन न करने के मद्देनजर 22 अप्रैल, 2025 से नई नीति प्रभावी हुई|
- सिंगल विंडो सिस्टम में राज्यों द्वारा प्रस्ताव भेजने के लिए एक विस्तृत जांच-सूची (check-list) और मानक उपयोग में आसान प्रारूप (easy-to-use formats) शामिल हैं, जिससे संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा पैनलीकरण की एक सुचारू और त्वरित प्रक्रिया संभव हो सके।
सिंगल विंडो सिस्टम की मुख्य विशेषताएं
मानकीकृत और समयबद्ध प्रक्रिया: राज्यों को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए एक विस्तृत चेकलिस्ट का पालन करना होगा और मानकीकृत प्रारूप का उपयोग करना होगा, जिससे एक पारदर्शी और कुशल प्रक्रिया सुनिश्चित हो सके।
पात्रता मानदंड:
- DGP पद रिक्त होने की तिथि से अधिकारियों के पास कम से कम छह महीने की शेष सेवा होनी चाहिए।
- अपेक्षित रिक्ति से कम से कम तीन महीने पहले यूपीएससी को प्रस्ताव भेजा जाना चाहिए।
पुलिस महानिदेशक (DGP)
- DGP भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सर्वोच्च पदस्थ पुलिस अधिकारी होते हैं।
- कंचन चौधरी भट्टाचार्य देश की पहली महिला पुलिस महानिदेशक (DGP) थीं। उन्हें 2004 में उत्तराखंड का DGP नियुक्त किया गया था।
राज्य की जवाबदेही और जांच:
- पूर्व में डीजीपी नियुक्तियों के लिए भेजे गए प्रस्तावों में बड़ी विसंगतियों की ओर इशारा करते हुए, केंद्र ने राज्य सरकारों की जिम्मेदारी तय की और सरकार के अधिकारी
- (जो सचिव स्तर से नीचे के न हो) को यूपीएससी को पैनल में शामिल करने के लिए भेजे गए डीजीपी-रैंक के अधिकारियों के न्यूनतम कार्यकाल को प्रमाणित करने के लिए कहा।
- बड़ी विसंगतियों वाले प्रस्तावों को गृह मंत्रालय द्वारा तुरंत वापस कर दिया जाएगा।
- मानक अनुलग्नक राज्य सरकारों के लिए अनुपालन को सरल बनाते हैं।
योग्यता-आधारित अंतिम चयन:
- यूपीएससी पात्र उम्मीदवारों की सूची में से तीन अधिकारियों का एक पैनल तैयार करेगा।
- राज्य सरकार को इस पैनल से एक अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी।
- नियुक्त डीजीपी का कार्यकाल दो वर्ष का होगा, चाहे उनकी सेवानिवृत्ति की तिथि कुछ भी हो।
प्रकाश सिंह मामला (2006)
- उत्तर प्रदेश पुलिस और असम पुलिस के DGP रहे प्रकाश सिंह ने 1996 में पुलिस सुधारों की मांग करते हुए सर्वोच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की।
- अपने फैसले (2006) में सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पुलिस सुधार करने का निर्देश दिया था, जिसमें डीजीपी के कार्यकाल और चयन को तय करने पर ध्यान केंद्रित किया गया था ताकि ऐसी स्थिति से बचा जा सके कि कुछ महीनों में सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों को यह पद दिया जाए।
