संदर्भ:
पुरातत्वविदों ने इटली के टस्कनी (Tuscany) के सासो पिनजुटो नेक्रोपोलिस (Sasso Pinzuto Necropolis) में 2700 वर्ष पुराने एट्रस्केन या इट्रस्केन संप्रदाय (Etruscan Cult) के एक मंदिर की खोज की।
खोज की मुख्य विशेषताएँ:
- इस स्थल का अन्वेषण 1830 के दशक से किया जा रहा है और यह कोले सैन पिएत्रो (Colle San Pietro) नामक एट्रस्केन या इट्रस्केन बस्ती से काफी हद तक जुड़ा हुआ है।
- इसमें 7वीं शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर हेलेनिस्टिक काल तक की 120 से अधिक प्रकोष्ठीय कब्र हैं।
- हाल ही में, कैमनेस (CAMNES) और नेपल्स विश्वविद्यालय के फेडेरिको द्वितीय द्वारा किए गए उत्खनन में एक आयताकार मंदिर, या ओइकोस मिला है, जिसका आकार 6.2 गुणा 7.1 मीटर है, जो टफैसियस ओपस क्वाड्रेटम (Tuffaceous Opus Quadratum) नींव पर बना हुआ है।
- यह स्थल लगभग 1,000 वर्ग मीटर में फैला हुआ है और इसमें तीन टीले हैं, जिनमें ऑपस क्वाड्रेटम और टूफा जड़े हुए क्रेपिडाइन्स (Crepidines) हैं।
सबसे बड़े टीले के उत्तर में इसके उपासना विधि और अंत्येष्टि गतिविधियों से संबंधित नौ छोटी ट्रेंच मिली है, जिनका व्यास 10 मीटर से अधिक है।
इट्रस्केन धर्म
- इट्रस्केन धर्म 8 वीं से 3 रीं शताब्दी ईसा पूर्व तक मध्य इटली में फला-फूला।
- इट्रस्केन ने एक बहुदेववादी धर्म का पालन किया, जिसमें देवी-देवताओं का एक विशिष्ट समूह शामिल था। जिनमें से प्रत्येक जीवन और प्रकृति के विभिन्न पहलुओं का प्रतिनिधित्व करता थे, जो उनके दैनिक जीवन में एक केंद्रीय भूमिका निभाने थे।
- इट्रस्केन धर्मग्रंथ इट्रस्का डिसिप्लिना (Etrusca Disciplina) नामक ग्रंथों का एक संग्रह थे, जो सभी भविष्य के कार्यों के संचालन के लिए नियमों का एक समूह था।
- व्यापक इट्रस्केन कला रूपांकनों में देवताओं की तीन रूप यानी स्थानीय, इंडो-यूरोपीय और ग्रीक (यूनानी) का स्पष्ट उल्लेख हैं।
- मृत्यु के बाद के जीवन के बारे में इट्रस्केन मत कई स्रोतों से प्रभावित थे, जो विशेषकर प्रारंभिक भूमध्यसागरीय क्षेत्र से प्रभावित थे।
खोज का महत्व:
- यह खोज इट्रस्केन संप्रदाय की संरचनाओं के ठोस साक्ष्य प्रदान करती है, तथा 6 THIN शताब्दी ईसा पूर्व के इट्रस्केन समारोहों और उत्सवों को दर्शाने वाले विविध रंगो से सज्जित मिट्टी के स्लैब की पूर्ववर्ती खोजों की पुष्टि करती है।
- यह खोज इट्रस्केन की अंत्येष्टि विधि और धार्मिक प्रथाओं के बारे में नई जानकारी प्रदान करता हैं, जिससे इस प्राचीन सभ्यता के बारे में हमारी समझ और बढ़ती है।