संदर्भ:
वर्तमान में कैलिफोर्निया के जंगलों में लगी आग को नियंत्रित करने के लिए गुलाबी अग्निरोधी पदार्थ (फायर रिटार्डेंट) का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन इसके पर्यावरणीय प्रभावों को लेकर चिंताएँ हैं।
फायर रिटार्डेंट और इसके गुलाबी रंग के बारे में
अग्निरोधी पदार्थ (फायर रिटार्डेंट) विभिन्न रसायनों का मिश्रण होता है, जो आग लगने से रोकने या आग को नियंत्रित करने के लिए पदार्थों पर प्रयुक्त किए जाते हैं।
जंगल की आग के लिए रिटार्डेंट का उपयोग आग के आगे वाले क्षेत्रों में छिड़काव करके किया जाता है। यह वनस्पतियों पर परत बनाता है और ऑक्सीजन की कमी करता है, जिससे आग फैलने से रुक जाती है।
जंगल की आग को नियंत्रित करने में उपयोग किए जाने वाले दीर्घकालिक रिटार्डेंट आमतौर पर 85% जल, 10% उर्वरक (आमतौर पर अमोनियम फॉस्फेट) और 5% अन्य घटकों से बने होते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- रंजक
- संक्षारण अवरोधक
- गाढ़ापन बढ़ाने वाले पदार्थ (प्राकृतिक गोंद और मृदा)
- स्थिरीकरण सामग्री
- जीवाणुनाशक
अग्निरोधी को दृश्यमान बनाने के लिए रंजक मिलाए जाते हैं, इससे पायलटों को यह ट्रैक करने में मदद मिलती है कि पहले छिड़काव कहाँ हुआ था।
- यह पायलटों को भविष्य में छिड़काव को सही स्थान पर करने में सक्षम बनाता है।
- फॉस-चेक, अमेरिका में उपयोग किया जाने वाला एक लोकप्रिय गुलाबी फायर रिटार्डेंट ब्रांड है, जो मुख्य रूप से अमोनियम फॉस्फेट-आधारित स्लरी (गाढ़े घोल) से बना होता है और आसानी से वाष्पित नहीं होता।
फायर रिटार्डेंट में लवण (आम तौर पर उर्वरक) होते हैं, जो जंगल की आग के जलने के तरीके को परिवर्तित करते हैं, आग की तीव्रता को कम करते हैं और आग को फैलने से रोकते हैं, भले ही रिटार्डेंट में मौजूद जल वाष्पित हो जाए।
दीर्घकालिक फायर रिटार्डेंट में जल का मुख्य उद्देश्य रसायनों को लक्षित क्षेत्र में समान रूप से वितरित करना होता है।
फायर रिटार्डेंट के उपयोग से जुड़ी चिंताएँ
अमेरिका में फायर रिटार्डेंट का उपयोग नया नहीं है। आंकड़ों के अनुसार, 2009 से 2021 के बीच संघ, राज्य और निजी भूमि पर 440 मिलियन गैलन रिटार्डेंट का छिड़काव किया गया, जिससे पर्यावरण में 400 टन से अधिक भारी धातुएँ छोड़ी गईं।
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि हवाई जहाज से फायर रिटार्डेंट का छिड़काव प्रभावी नहीं है, महंगा है और नदियों व जलधाराओं के लिए प्रदूषण का बढ़ता स्रोत है।
- चूंकि ये रसायन आसानी से विघटित नहीं होते, इसलिए ये पर्यावरण और मानव शरीर में वर्षों तक बने रह सकते हैं।
अग्निशमन एजेंसियां और निर्माता, जैसे पेरिमीटर सॉल्यूशंस, बढ़ते तापमान और जंगल की आग की बढ़ती आवृत्ति को देखते हुए, इनके उपयोग को अनिवार्य मानते हैं।
दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय (USC) के 2024 के अध्ययन में पाया गया कि फॉस-चेक में क्रोमियम और कैडमियम जैसी जहरीली धातुएं होती हैं, जो मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए हानिकारक हो सकती हैं।
- ये रसायन नदियों और जलधाराओं को प्रदूषित कर सकते हैं, जिससे जलीय जीवन को खतरा होता है।