संदर्भ:
हाल ही में, नासा के पार्कर सोलर प्रोब ने सूर्य की सतह से मात्र 6.1 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर पहुंचकर इतिहास रच दिया, यह किसी भी अंतरिक्ष यान द्वारा सूर्य के इतने निकट पहुँचने का पहला प्रयास हैं।
अन्य संबंधित जानकारी:
अंतरिक्ष यान ने लगभग 700,000 किमी/घंटा की गति से यात्रा करते हुए एक नया गति रिकार्ड स्थापित किया, जिससे यह अब तक का सबसे तेज मानव निर्मित ऑब्जेक्ट बन गया।
यान को 1,400 डिग्री सेल्सियस तापमान और विकिरण का सामना करना पड़ा, जिससे उसमें लगे इलेक्ट्रॉनिक्स को नुकसान पहुंच सकता था।
मिशन ने तीन रिकॉर्ड-सेटिंग क्लोज पास में से पहला पास किया।
- अगले दो चक्कर 22 मार्च और 19 जून 2025 के लिए निर्धारित हैं, और दोनों चक्करों में यान सूर्य से तुलनीय दूरी पर पहुँच जाएगा।
वर्ष 2018 में प्रक्षेपण के बाद से यह यान शुक्र के निकट से उड़ान भरते हुए धीरे-धीरे सूर्य के करीब चक्कर लगा रहा है।
इस फ्लाईबाई का महत्व:
- सौर तापन का अध्ययन करना : यह अध्ययन करना कि सूर्य का कोरोना लाखों डिग्री तक कैसे गर्म हो जाता है।
- सौर पवनों का अध्ययन करना: सौर पवनों (जो सूर्य से आने वाले आवेशित कणों का एक निरंतर प्रवाह है) की उत्पत्ति का पता लगाना।
- ऊर्जावान कणों का अन्वेषण करना: अध्ययन करना कि सूर्य के वायुमंडल में कण किस प्रकार प्रकाश की गति के निकट त्वरित होते हैं।
- महत्वपूर्ण जानकारी: इस मिशन से प्राप्त डेटा सौर घटनाओं की बेहतर समझ प्रदान करेगा, जिससे अंतरिक्ष मौसम की भविष्यवाणी और सौर भौतिकी में मदद मिलेगी। यह सौर ऊर्जा प्रक्रियाओं और सूर्य-पृथ्वी संबंधों के बारे में हमारी समझ को भी बेहतर बनाएगा।
पार्कर सोलर प्रोब (2018) के बारे में:
प्रक्षेपण: इस अंतरिक्ष यान को नासा द्वारा 2018 में सूर्य और उसके वायुमंडल का अध्ययन करने के लिए प्रक्षेपित किया गया था।
मिशन का उद्देश्य: इसका उद्देश्य सूर्य के कोरोना, चुंबकीय क्षेत्र और सौर पवनों का अन्वेषण करना है।
प्रयुक्त वैज्ञानिक उपकरण: जांच में फील्ड्स एक्सपेरीमेंट (FIELDS), सूर्य का एकीकृत विज्ञान अन्वेषण (ISIS), सोलर विंड इलेक्ट्रॉन अल्फा और प्रोटॉन (SWEAP), और सोलर प्रोब के लिए वाइड फील्ड इमेजर (WISPR) शामिल हैं।
प्रक्षेप पथ: यह सूर्य के करीब से 22 बार गुजरा है, जिसमें 24 दिसंबर 2024 को सूर्य के करीब से गुजरना भी शामिल है।
- अंतरिक्ष यान का अगला नियोजित निकट सौर परिभ्रमण 22 मार्च, 2025 और 19 जून, 2025 को होगा।
गुरुत्वाकर्षण सहायता युक्त कार्यविधि: यान ने अपना मार्ग समायोजित करने के लिए शुक्र के गुरुत्वाकर्षण का सात बार उपयोग किया।
- अंतिम गुरुत्वाकर्षण सहायता 6 नवंबर 2024 को हुई, जिससे यह शुक्र से 387 किलोमीटर के भीतर आ गया।
संरक्षण: प्रोब 4.5 इंच मोटी कार्बन-कम्पोज़िट ढाल द्वारा परिरक्षित है जो 2,500°F (1,377°C) तक के तापमान को सहन कर सकती है।