संदर्भ:

हाल ही में, शोधकर्ताओं ने नारियल के छिलकों से उत्पादित सक्रिय कार्बन का उपयोग करके अतिसंधारित्र यानी सुपरकैपेसिटर (supercapacitor) विकसित किया हैं।

अन्य संबंधित जानकारी

  • तिरुवनंतपुरम स्थित राजकीय महिला महाविद्यालय के शोधकर्ताओं ने केरल में एक प्रमुख कृषि अवशेष यानी, नारियल के छिलकों से अतिसंधारित्र (सुपरकैपेसिटर) निर्माण के लिए उपयुक्त सक्रिय कार्बन का उत्पादन करने की एक विधि विकसित की है।
  • यह अतिसंधारित्र (सुपरकैपेसिटर) मौजूदा सुपरकैपेसिटर से चार गुना अधिक कुशल है।
  • इसमें शोधकर्ताओं की टीम ने कॉलेज के केंद्रीयकृत सामान्य उपकरण सुविधा यानी सेंट्रलाइज्ड कॉमन इंस्ट्रूमेंटेशन फैसिलिटी (Centralised Common Instrumentation Facility-CCIF) में विकसित की गई नवोन्मेषी माइक्रोवेव-सहायता पद्धति का इस्तेमाल किया।
  • एक उन्नत माइक्रोवेव पायरोलिसिस रिएक्टर, पाँच मिनट में उच्च गुणवत्ता वाला कार्बन उत्पन्न कर सकता है।
  • अतिसंधारित्र (सुपरकैपेसिटर) एक प्रकार का संधारित्र यानी कैपेसिटर है, जो बड़ी मात्रा में ऊर्जा को संगृहीत कर सकता है, यानी यह सामान्य कैपेसिटर की तुलना में प्रति इकाई द्रव्यमान या आयतन में आमतौर पर 10 से 100 गुना अधिक ऊर्जा संगृहीत कर सकता है।
    वे स्थायी ऊर्जा भंडारण समाधान की खोज में एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में सामने आए हैं। हालाँकि, बेहतर सुपरकैपेसिटर इलेक्ट्रोड सामग्री को ढूंढना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।

सक्रिय कार्बन (Activated Carbon) के लाभ

  • माइक्रोवेव तकनीक का उपयोग करके उत्पादित सक्रिय कार्बन अपेक्षाकृत सस्ता होने के साथ-साथ विशिष्ट सुपरकैपेसिटर क्षमता को प्रदर्शित करता है।
  • शोधकर्ताओं की टीम पाँच मिनट में उच्च गुणवत्ता वाला कार्बन उत्पादित करने में सक्षम रही, जिससे राख जैसी अशुद्धियाँ नहीं बची, जिसके कारण शून्य अपशिष्ट उत्पन्न हुआ।
  • यह नवीन विधि अत्यधिक छिद्रयुक्त संरचना वाला सक्रिय कार्बन प्रदान करती है, जो इसे विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए एक आदर्श सामग्री बनाती है।

केंद्रीकृत सामान्य उपकरण सुविधा यानी सेंट्रलाइज्ड कॉमन इंस्ट्रूमेंटेशन फैसिलिटी (CCIF)

आईआईटी गाँधीनगर के अंदर और बाहर बहुविषयक अनुसंधान को सुविधाजनक बनाने के लिए नवीनतम और उन्नत विश्लेषणात्मक उपकरणों से युक्त एक केंद्रीय सुविधा प्रदान करने के लिए केंद्रीय उपकरण सुविधा (CIF) की स्थापना की गई है। इसे राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाता है और इसमें उन्नत उपकरण शामिल हैं, जैसे –

  • परमाणु चुंबकीय अनुनाद (NMR) स्पेक्ट्रोमीटर
  • ब्रुनाउर-एम्मेट-टेलर (BET) विश्लेषक 
  • प्रतिदीप्तिमापी यानी फ्लोरीमीटर
  • विद्युत रासायनिक कार्य केंद्र (इलेक्ट्रोकेमिकल वर्कस्टेशन)

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