संदर्भ:

शिक्षा मंत्रालय ने हाल ही में के. राधाकृष्णन समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक की है, जिसे अक्टूबर 2024 में प्रस्तुत किया गया था।

अन्य संबंधित जानकारी

  • पूर्व इसरो अध्यक्ष के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति का गठन केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने जून 2024 में नीट-यूजी परीक्षा के पेपर लीक होने के मद्देनजर किया था और इसकी रिपोर्ट अक्टूबर में प्रस्तुत की गई थी।
  • समिति ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) के माध्यम से परीक्षाओं का पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करने के लिए 101 सिफारिशें सुझाई हैं।
  • सभी प्रवेश परीक्षा सुधार अगले वर्ष (जनवरी) से लागू होने की उम्मीद है।

समिति की मुख्य सिफारिशें

समिति ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) के पुनर्गठन का सुझाव दिया है।

  • NTA को निम्नलिखित की देखरेख के लिए तीन नामित उप-समितियों से सशक्त बनाया जाएगा:
  • टेस्ट ऑडिट, नैतिकता और पारदर्शिता।
  • नामांकन एवं कर्मचारी संबंधित शर्तें।
  • हितधारकों से संबंध।
  • NTA को प्राथमिक रूप से प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करनी चाहिए तथा NTA की क्षमता बढ़ने के बाद ही अन्य परीक्षाएं आयोजित की जा सकती हैं।

प्रत्येक परीक्षा इंडेंटिंग एजेंसी (सेवा आउटसोर्सिंग इकाई) को परीक्षा के संपूर्ण चक्र में NTA के साथ मिलकर काम करना चाहिए।

केंद्र को राज्य सरकारों के साथ मिलकर चुनावों की तरह परीक्षाएं आयोजित करनी चाहिए , जिसमें जिला कलेक्टरों सहित संपूर्ण राज्य प्रशासनिक प्रणाली को शामिल किया जाना चाहिए।

पैनल ने सिफारिश की है कि निर्धारित परीक्षाओं से पहले जिला प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी में परीक्षा केंद्रों को सील कर दिया जाना चाहिए । परीक्षा के लिए जिला प्रशासन और NTA अधिकारियों की मौजूदगी में ही प्रवेश पत्र खोले जाएंगे।

समिति ने समय के साथ परीक्षा वितरण एजेंसियों (जैसे- TCS iON) पर निर्भरता धीरे-धीरे कम करने की सिफारिश की है। 

  • इसमें केन्द्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों जैसे केन्द्र द्वारा संचालित विद्यालयों के साथ सहयोग बढ़ाने का सुझाव दिया गया है।
  • इसका लक्ष्य इन स्कूलों में डिजिटल बुनियादी ढांचे का विकास करना है।
  • इन स्कूलों को कंप्यूटर आधारित परीक्षा केंद्र के रूप में कार्य करने के लिए सुसज्जित किया जाना चाहिए।

डिजी-एग्जाम प्रणाली (‘डिजी यंत्र’ की तर्ज पर) की शुरूआत, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल परीक्षा देने वाला अभ्यर्थी ही इच्छित कार्यक्रम में शामिल हो।

कंप्यूटर सहायता प्राप्त सुरक्षित पेन-पेपर परीक्षा (PPT) की एक संकर प्रक्रिया की भी सिफारिश की गई है।

  • इससे मुद्रण, भंडारण और परिवहन के दौरान संभावित उल्लंघनों को समाप्त किया जा सकेगा।

देश के प्रत्येक जिले में कम से कम एक सुरक्षित मानकीकृत परीक्षा केंद्र (STC) होना चाहिए जो PPT /कम्प्यूटर आधारित परीक्षा (CBT)/CPPT आयोजित कर सके।

प्रत्येक परीक्षा केंद्र में NTA का एक “पीठासीन अधिकारी” होना चाहिए, जो केंद्र में प्रक्रिया का “समग्र प्रभारी” होगा।

समिति ने ग्रामीण, दूरदराज, दुर्गम क्षेत्रों के अभ्यर्थियों के लिए ‘ मोबाइल परीक्षा केन्द्रों’ (MTC) की भी सिफारिश की है।

राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) के बारे में

  • शिक्षा मंत्रालय (MoE) ने 2017 में NTA की स्थापना एक स्वतंत्र, स्वायत्त और आत्मनिर्भर प्रीमियर परीक्षा संगठन के रूप में की थी।
  • यह सोसायटी पंजीकरण अधिनियम (1860) के तहत पंजीकृत सोसायटी है और सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के दायरे में है।
  • NTA का उद्देश्य प्रवेश और भर्ती उद्देश्यों के लिए उम्मीदवारों की योग्यता का आकलन करने के लिए कुशल, पारदर्शी और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार परीक्षा आयोजित करना है।
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