संदर्भ:
संस्कृति मंत्रालय ने 46वीं विश्व धरोहर समिति बैठक हेतु परियोजना परी (Project PARI) का शुभारंभ किया।
मुख्य विवरण
- विश्व धरोहर समिति (World Heritage Committee-WHC) के 46वें सत्र से पहले, भारत सरकार ने “प्रोजेक्ट परी (भारत की सार्वजनिक कला)” को शुरू किया है, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत और यूनेस्को विरासत स्थलों पर केंद्रित है।
- इसका क्रियान्वयन ललित कला अकादमी और राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय द्वारा किया जा रहा है।
विश्व धरोहर समिति
- यह संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) का एक अंग है।
- मौजूदा विश्व धरोहर स्थलों के प्रबंधन और देशों द्वारा नामांकन की समीक्षा करने के लिए इस समिति की बैठक सालाना होती है।
- यह विश्व धरोहर सम्मेलन का कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार है।
- भारत पहली बार 21 से 31 जुलाई, 2024 के बीच इस समिति के 46वें सत्र की मेजबानी करेगा।
- भारत में 42 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं, जिनमें 34 सांस्कृतिक, सात प्राकृतिक और एक मिश्रित स्थल शामिल हैं।
परियोजना परी:
- परियोजना परी का उद्देश्य आधुनिक विषयों और तकनीकों को शामिल करते हुए हजारों वर्षों की कलात्मक विरासत (लोक कला/लोक संस्कृति) से प्रेरित सार्वजनिक कला का प्रदर्शन करना है।
- इसका उद्देश्य संवाद, चिंतन और प्रेरणा को प्रोत्साहित करना है तथा राष्ट्र के गतिशील सांस्कृतिक ताने-बाने में योगदान देना है।
कलात्मक सहयोग और विरासत से प्रेरणा
- देश भर के कलाकार इस परियोजना में भाग ले रहे हैं और दीवार पेंटिंग, भित्ति चित्र, मूर्तियां और अधिष्ठापन आदि तैयार कर रहे हें।
- इनमें से कुछ कलाकृतियाँ भीमबेटका जैसे विश्व धरोहर स्थलों और भारत के 7 प्राकृतिक विश्व धरोहर स्थलों से प्रेरित होंगी।
विविध कला रूप
- प्रोजेक्ट परी में फड़ पेंटिंग (राजस्थान), थांगका पेंटिंग (सिक्किम/लद्दाख), लघु चित्रकारी (हिमाचल प्रदेश), गोंड कला (मध्य प्रदेश), तंजौर पेंटिंग (तमिलनाडू), कलमकारी (आंध्र प्रदेश), अल्पना कला (पश्चिम बंगाल), चेरियाल पेंटिंग (तेलंगाना), पिछवाई पेंटिंग (राजस्थान), लंजिया सौरा (उड़ीसा), पट्टाचित्र (पश्चिम बंगाल), बणी-ठणी पेंटिंग (राजस्थान), वारली/ वर्ली (महाराष्ट्र), पिथौरा कला (गुजरात), ऐपण (उत्तराखंड), केरल भित्ति चित्र (केरल) और अल्पना कला (त्रिपुरा) सहित विभिम्न शैलियों द्वारा प्रेरित कलाएं भी प्रदर्शित होंगी।
मूर्तिकला विषय
- निर्मित की जाने वाली मूर्तियों के विषयों में प्रकृति के प्रति सम्मान (आभार), नाट्यशास्त्र से प्रेरणा, महात्मा गांधी, भारतीय खिलौने, आतिथ्य, प्राचीन ज्ञान, नाद या आदिम ध्वनि, जीवन की सद्भावना और कल्पतरु (दिव्य वृक्ष) शामिल हैं।
नारी शक्ति का उत्सव
- इस परियोजना में महिला कलाकार महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं और भारत की नारी शक्ति को उजागर कर रही हैं।
जनभागीदारी
- जनता को प्रोजेक्ट परी (PARI) की कृतियों के साथ सेल्फी लेकर तथा उन्हें #ProjectPARI के साथ सोशल मीडिया पर साझा करके समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है।