संदर्भ:
हाल ही में, पंचायती राज मंत्रालय ने पहली बार पंचायत उन्नति सूचकांक (PIA) लॉन्च किया है, जो पूरे भारत में 2.5 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों (GP) की प्रगति को मापने के लिए एक परिवर्तनकारी साधन है।
पंचायत उन्नति सूचकांक के बारे में
पंचायत उन्नति सूचकांक (PIA) का उद्देश्य भारत की 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को विकास अंतराल की पहचान करने, प्राथमिकताएं निर्धारित करने, प्रगति को ट्रैक करने और समावेशी ग्रामीण विकास के लिए प्रमुख संकेतकों पर उनके प्रदर्शन को मापने के लिए सशक्त बनाकर सतत विकास लक्ष्यों (SDG) को स्थानीय बनाना है।
यह पंचायत स्तर पर साक्ष्य-आधारित योजना के लिए एक शक्तिशाली उपकरण है, जो सतत विकास लक्ष्यों (LSDG) के स्थानीयकरण के लिए पहचाने गए विकास संकेतकों का उपयोग करता है।

इसे 435 अद्वितीय स्थानीय संकेतकों (331 अनिवार्य और 104 वैकल्पिक) के आधार पर संकलित किया गया है, जिसमें सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) के राष्ट्रीय संकेतक फ्रेमवर्क (NIF) के साथ संरेखित LSDG (सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण) के 9 विषय शामिल हैं,
PIA भागीदारी, नीचे से ऊपर के विकास के माध्यम से सतत विकास लक्ष्य 2030 एजेंडा प्राप्त करने की भारत की प्रतिबद्धता दर्शाता है।
पंचायतों को 0-100 के पैमाने पर अंक दिये गये तथा निम्नानुसार वर्गीकृत किया गया:
- पूर्ण लक्ष्य प्राप्तकर्ता अचीवर: (90+),
- अग्रणी-फ्रंट रनर : (75 से 90 से नीचे);
- बेहतर प्रदर्शन-परफॉर्मर : (60 से 75 से नीचे);
- आकांक्षी-एस्पिरेंट: (40 से 60 से नीचे) और
- आरंभिक स्तर पर-बिगनर्स (40 से नीचे)।
राज्यवार प्रदर्शन अवलोकन (PIA 2022–23)
गुजरात 346 ग्राम पंचायतों के साथ देश में अग्रणी रहा, जबकि दूसरे स्थान पर 270 ग्राम पंचायतों के साथ तेलंगाना रहा।
अधिक संख्या में बेहतर मानक प्रदर्शन करने वाले राज्यों में गुजरात (13781), महाराष्ट्र (12,242), तेलंगाना (10099) के साथ मध्य प्रदेश (7,912) और उत्तर प्रदेश (6593) शामिल हैं
बिहार, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में आकांक्षी ग्राम पंचायतों का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो केंद्रित विकास प्रयासों की आवश्यकता वाले क्षेत्रों को उजागर करता है।
2022-23 के पंचायत उन्नति सूचकांक आंकड़ों से पता चलता है कि 2,55,699 ग्राम पंचायतों में से 2,16,285 ने मान्य डेटा प्रस्तुत किए। इनमे से:

- 699 पंचायतों (0.3%) को फ्रंट रनर के रूप में वर्गीकृत किया गया था।
- 77,298 (35.8%) का प्रदर्शन बेहतर रहा
- 1,32,392 (61.2%) आकांक्षी पंचायतें थीं
- 5,896 (2.7%) ग्राम पंचायतें आरंभिक स्तर पर थीं। कोई भी ग्राम पंचायत पूर्ण लक्ष्य प्राप्तकर्ता नही रही। अब तक इसकी अंतर-राज्यीय तुलना नहीं की गई है।