संदर्भ
नीति आयोग द्वारा तैयार 13 राज्यों की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (Health and Wellness Centres-HWCs) में कैंसर जाँच सेवाओं में एक ‘बड़ा अंतराल’ है।
प्रमुख बिंदु
- छह साल पहले आयुष्मान भारत बीमा योजना की शुरुआत होने के बाद से देशभर में 5.47 करोड़ से अधिक लोगों ने इस योजना लाभ उठाया है।
- यह रिपोर्ट नीति आयोग के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा पिछले साल जून 2023 में तैयार की गई थी लेकिन अभी तक इसे सार्वजनिक नहीं किया गया, इसे केवल स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ साझा किया गया था।
- यह विभिन्न कैंसरों के लिए तीन अलग-अलग जाँच विधियों की रूपरेखा प्रस्तुत करता है:
- मुँह के कैंसर हेतु मौखिक दृश्यक परीक्षण।
- गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर (सर्वाइकल कैंसर) के लिए एसिटिक एसिड युक्त दृश्यक परीक्षण, जिसमें 3-5% एसिटिक एसिड लगाने के बाद गर्भाशय ग्रीवा की जाँच शामिल है।
- 30-65 वर्षों की आयु के व्यक्तियों में स्तन कैंसर के लिए नैदानिक स्तन परीक्षण (CBE)।
- सहायक नर्सों एवं दाइयों (Auxiliary Nurses and Midwives-ANMs) और अन्य कर्मचारियों को इन तरीकों से प्रशिक्षित करने की योजना के बावजूद, प्रशिक्षण उम्मीदों से कम रहा है।
- स्तन कैंसर की जाँच में लाभार्थियों को स्वयं-परीक्षण करने के तरीके के बारे में शिक्षित करना शामिल है।
- हालाँकि, सर्वाइकल कैंसर की जाँच के लिए अभी तक कोई कार्यान्वयन नहीं किया गया है।
- मौखिक कैंसर की जाँच तंबाकू सेवन की आदतों या दिखाई देने वाले लक्षणों के आधार पर (मामले-दर-मामले आधार पर) की जाती है।
- यह भी ध्यान दिया गया कि अधिकांश सुविधा केंद्रों में एनसीडी(गैर संचारी रोग) जाँच चल रही थी, जबकि वार्षिक जाँच का बड़े पैमाने पर अभाव था।
- इसमें यह भी पाया गया कि स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र के कर्मचारियों को उच्च रक्तचाप और मधुमेह की वार्षिक जाँच की आवश्यकता के बारे में सीमित जानकारी थी या उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं थी।
- बुनियादी ढांचे के संबंध में, रिपोर्ट में संकेत दिया गया है कि स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र आम तौर पर परिचालन संबंधी दिशा-निर्देशों के मानकों को पूरा करते हैं तथा वहां बुनियादी उपकरण और दवाएं निःशुल्क उपलब्ध हैं।
- हालांकि, सरकार द्वारा कैंसर की प्रारंभिक रोकथाम और पहचान पर ध्यान दिए जाने के मद्देनजर कैंसर जाँच में अंतराल विचारणीय है।
आयुष्मान भारत योजना
- इसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 की सिफारिश के अनुसार शुरू किया गया था और इसका उद्देश्य सार्वभौमिक स्वास्थ्य सुविधा (UHC) प्राप्त करना है।
- यह सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के अनुसार “किसी को भी पीछे न छोड़ने” की प्रतिबद्धता को पूरा करता है।
- इस योजना में निम्न दो परस्पर जुड़े घटक शामिल हैं:
- स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (HWCs)
- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY)
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY)
- यह पूरी तरह से सरकार द्वारा वित्तपोषित दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है।
- यह भारत में सार्वजनिक और निजी सूचीबद्ध अस्पतालों में माध्यमिक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती के लिए प्रति परिवार सालाना 5 लाख रुपये तक की स्वस्थ्य सुरक्षा कवरेज प्रदान करता है।
- इसका लक्ष्य 13.44 करोड़ से अधिक कमजोर परिवारों (जिसमें लगभग 65 करोड़ लाभार्थी शामिल हैं) को लाभ पहुंचाना है।
- व्यापक स्वास्थ्य देखभाल: यह स्वास्थ्य देखभाल के प्रोत्साहनात्मक, निवारक, उपचारात्मक, उपशामक और पुनर्वास संबंधी पहलू है।
स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र (HWCs)
- इसका उद्देश्य प्राथमिक स्तर पर 1,50,000 स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्रों की स्थापना करना है।
- इन केंद्रों को विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया था, जिनमें 30 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए वार्षिक जाँच, उच्च रक्तचाप, मधुमेह जैसे गैर-संचारी रोगों के साथ-साथ भारत में प्रचलित तीन कैंसर: मौखिक, स्तन और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर शामिल हैं।
- व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल (CPHC): स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधा प्रदान करते हैं, जिसमें मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाएं, गैर-संचारी रोग प्रबंधन तथा निःशुल्क आवश्यक दवाएं और नैदानिक सेवाएं शामिल हैं।