प्रसंग:

प्रयागराज के प्राथमिक विद्यालयों में निपुण भारत मिशन को सक्रिय रूप से पुनः केंद्रित करते हुए लागू किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य बच्चों में बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक कौशल को सुदृढ़ करना है।

अन्य महत्वपूर्ण तथ्य:

  • इस पहल के तहत शिक्षा विभाग ने एक प्रोत्साहन आधारित प्रणाली शुरू की है, जिसका उद्देश्य शिक्षकों और विद्यालयों को विशेष अधिगम परिणाम प्राप्त करने और छात्र प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करना है। 
  • वे शिक्षक जो बाल वाटिका (पूर्व-प्राथमिक) से कक्षा 2 तक के छात्रों के लिए निर्धारित समय सीमा में निपुण अधिगम लक्ष्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त कर लेंगे, उन्हें जिले के ‘निपुण चैंपियन प्रधानाध्यापक’ की प्रतिष्ठित उपाधि से सम्मानित किया जाएगा।
  • राज्य का लक्ष्य इस पहल के तहत उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से 400 उत्कृष्ट शिक्षकों की पहचान करना और उन्हें सम्मानित करना है।
    • इन उत्कृष्ट शिक्षकों को ₹25,000 की नकद पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी।
    • साथ ही उन्हें अन्य राज्यों के शैक्षिक अध्ययन भ्रमण में भाग लेने का अवसर भी मिलेगा।
    • इन दौरों का उद्देश्य शिक्षकों के दृष्टिकोण का विस्तार करना और उनकी शिक्षण पद्धतियों को समृद्ध करना है।
    • चयनित शिक्षकों को उनके व्यावसायिक कौशल और शिक्षण प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल प्रदान किए जाएंगे।
  • जब किसी विद्यालय में नामांकित छात्र निपुण लक्ष्यों के अंतर्गत निर्धारित दक्षताओं को प्राप्त कर लेते हैं, तो प्रधानाध्यापक शिक्षकों के समन्वय से विद्यालय का पंजीकरण प्रेरणा पोर्टल पर मूल्यांकन के लिए कराते हैं।
  • यह प्रक्रिया समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना निदेशक द्वारा जारी विस्तृत दिशा-निर्देशों के अनुसार संचालित की जाएगी, जिससे मूल्यांकन की प्रक्रिया संरचित और पारदर्शी बनी रहे।
  • मूल्यांकन प्रक्रिया की निगरानी DIET (डायट) के प्राचार्यों द्वारा की जाएगी, जिनका सहयोग शैक्षिक संसाधन व्यक्ति (ARP) और आस-पास के विकासखंडों के DIET मेंटर्स करेंगे।
  • मूल्यांकन में प्रमुख आंकड़ों जैसे  एकीकृत जिला सूचना प्रणाली (UDISE) के छात्र नामांकन आंकड़े और प्रेरणा पोर्टल के डिजिटल उपस्थिति रजिस्टर की जानकारी का उपयोग किया जाएगा।
  • जब DIET प्राचार्य किसी विद्यालय को औपचारिक रूप से ‘निपुण’ का दर्जा प्रदान करते हैं, उसके बाद राज्य परियोजना कार्यालय और राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) के मार्गदर्शन में DElEd प्रशिक्षुओं द्वारा सभी छात्रों का समग्र मूल्यांकन किया जाएगा।
  • मूल्यांकन की प्रक्रिया को पारदर्शी, सटीक और निष्पक्ष बनाने के लिए मजबूत, आईटी-सक्षम प्रणाली का उपयोग किया जाएगा।
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