संदर्भ:

हाल ही में, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने निजी तौर पर स्थापित अवसंरचना निवेश न्यास अर्थात, इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (Infrastructure Investment Trusts- InvIT) द्वारा अधीनस्थ इकाइयाँ जारी करने के लिए एक फ्रेमवर्क को पेश किया है।

मुख्य बिंदु

  • जारी करने का प्रयोजन: जारी करने का प्रयोजन प्रायोजक (परिसंपत्ति विक्रेता के रूप में) और InvIT (परिसंपत्ति खरीदार के रूप में) द्वारा किए गए परिसंपत्ति मूल्यांकन के बीच मूल्यांकन अंतराल का पता लगाना है।
    प्रायोजक (Sponsor) का अर्थ उस संस्था से है, जो InvIT की स्थापना करती है। एक InvIT में अधिकतम 3 प्रायोजक हो सकते हैं।
  • जोखिम न्यूनीकरण उपाय: इस फ्रेमवर्क में अधीनस्थ इकाइयों के निर्गम के लिए जोखिम न्यूनीकरण उपाय शामिल हैं।•जारी करने की शर्तें: अधीनस्थ इकाइयाँ केवल निजी तौर पर रखे गए InvITs द्वारा अवसंरचना परियोजना प्राप्त करने पर ही जारी की जाएंगी।

जारी करने की शर्तें: अधीनस्थ इकाइयाँ केवल निजी तौर पर रखे गए InvITs द्वारा अवसंरचना परियोजना प्राप्त करने पर ही जारी की जाएंगी।

  • इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (Infrastructure Investment Trusts- InvIT) द्वारा जारी अधीनस्थ इकाइयों की राशि अवसंरचना परियोजना के अधिग्रहण मूल्य के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी।
  • इसके अतिरिक्त, यदि कोई अधीनस्थ इकाई बकाया है, तो InvITs सार्वजनिक निर्गम के माध्यम से धन नहीं जुटा सकते हैं।

इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (InvITs) नियमों में संशोधन: सेबी ने नए फ्रेमवर्क को प्रभावी बनने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (InvITs) नियमों में संशोधन किया।

अधीनस्थ इकाइयाँ

  • जारी की गई साधारण इकाइयों की तुलना में उनके पास कमतर या कोई मतदान अधिकार और वितरण अधिकार नहीं होते हैं।
  • प्रदर्शन बेंचमार्क को पूरा करने और जारी होने के तीन साल बाद उन्हें साधारण इकाइयों में पुनर्वर्गीकृत किया जा सकता है। 

इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (InvITs) के बारे में

  • इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (InvITs) म्यूचुअल फंड के समान एक सामूहिक निवेश योजना है, जो व्यक्तिगत और संस्थागत निवेशकों को राजमार्गों जैसी अवसंरचना परियोजनाओं में प्रत्यक्ष रूप से निवेश करने और आय का एक हिस्सा रिटर्न के रूप में अर्जित करने की अनुमति देता है।
  • इनविट्स को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (अवसंरचना निवेश न्यास) विनियम, 2014 के तहत सेबी द्वारा विनियमित किया जाता है।

अवसंरचना निवेश न्यास का महत्व

  • विविधता लाना: अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने के इच्छुक निवेशक सूचीबद्ध अवसंरचना कंपनियों और अवसंरचना म्यूचुअल फंडों में निवेश करने का विकल्प चुन सकते हैं।
  • व्यावसायिक प्रबंधन: अवसंरचना परियोजना का प्रबंधन योग्य ऑपरेटरों द्वारा पेशेवर रूप से किया जाता है। इससे अवसंरचना संबंधी परियोजना का सुचारू और कुशल संचालन सुनिश्चित होता है। 
  • नियमित आय: अवसंरचना निवेश न्यास (InvITs) को अनिवार्य रूप से तिमाही या अर्धवार्षिक आधार पर लाभांश और ब्याज भुगतान के माध्यम से आय का कम से कम 90 प्रतिशत वितरित करना होता है।
  • इनविट्स अपनी परिसंपत्तियों पर तीन तरीकों, अर्थात् रिटर्न : पूँजीगत लाभ, लाभांश और ब्याज, से लाभ अर्जित कर सकते हैं।
  • पूँजीगत लाभ: इनविट की इकाइयों को शेयरों की तरह स्टॉक एक्सचेंजों पर कारोबार किया जा सकता है। इसलिए अगर इनविट अच्छा प्रदर्शन करता है, तो इकाइयों की कीमत बढ़ जाएगी। लोग लाभ पर इकाइयाँ बेच सकते हैं और पूँजीगत लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (InvITs) निवेश में आने वाली चुनौतियाँ

  • अप्रत्याशित नकदी प्रवाह: सड़क/राजमार्ग आदि जैसी अवसं रचना परियोजनाओं से होने वाली आय टैरिफ और उपयोग पर निर्भर करती है। इनमें से किसी भी प्रकार के बदलाव से आय में उतार-चढ़ाव हो सकता है।
  • कर योग्य लाभांश और ब्याज आय: इनविट से प्राप्त लाभांश और ब्याज आय निवेशक की आयकर स्लैब दर के अनुसार पूरी तरह से कर योग्य है। उच्चतम कर स्लैब में आने वाले लोगों को इन आय पर 30 प्रतिशत तक कर चुकाना पड़ सकता है।
  • सीमित निवेश विकल्प: भारत में सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध केवल दो InvITs है तथा खुदरा निवेशकों के पास बहुत कम निवेश विकल्प उपलब्ध हैं।
  • कम चलनिधि: हालाँकि इनविट यूनिट्स (InvIT units) का स्टॉक मार्केट में कारोबार किया जा सकता है, लेकिन खरीदारों और विक्रेताओं की ओर से बाजार में सीमित भागीदारी होती है। इससे आपातकालीन स्थितियों में इनविट यूनिट्स को उचित मूल्य पर बेचना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप इन निवेशों के लिए कम चलनिधि उपलब्ध होती 

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