संदर्भ:

सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया है कि शुद्ध नारियल तेल को केन्द्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम, 1985 के तहत ‘खाद्य तेल’ के रूप में वर्गीकृत किया जाए और इस पर 5% की न्यूनतम GST दर लागू की जाए।                       

नारियल तेल का कराधान इतिहास:        

GST से पूर्व:     

  • नारियल तेल पर केन्द्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम, 1985 लागू होता था।
  • 2005 संशोधन: इसे धारा III के तहत खाद्य तेल के रूप में वर्गीकृत किया गया और 8% उत्पाद शुल्क लगाया गया। 
  • हेयर केयर उत्पाद: धारा VI के तहत वर्गीकृत कर 16% उत्पाद शुल्क लगाया गया। 
  • 2009 सर्कुलर: 200 मि.ली. से छोटे कंटेनरों में नारियल तेल को हेयर ऑयल माना गया और 16% कर लगाया गया। 2015 में अदालत के आदेश के बाद इसे रद्द कर दिया गया, जिसमें कहा गया कि केवल पैकेजिंग के आकार के आधार पर उत्पाद का उद्धिष्ट उपयोग तय नहीं किया जा सकता।   

GST के पश्चात:     

  • नारियल तेल पर 5% GST लागू होता है, जबकि हेयर केयर उत्पादों पर 18% GST लागू होता है।  

सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती:

  • उत्पाद शुल्क अधिकारियों ने नारियल तेल को हेयर केयर उत्पाद के रूप में वर्गीकृत करने का प्रयास किया ताकि उस पर 18% की उच्च GST दर लगाई जा सके, चाहे पैकेजिंग का आकार कुछ भी हो। 

सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के मुख्य बिंदु

2018 में विभाजित निर्णय:

  • न्यायमूर्ति गोगोई: नारियल तेल को खाद्य तेल माना जाना चाहिए चाहे इसका पैकेजिंग आकार कुछ भी हो।     
  • न्यायमूर्ति भानुमति:  इन्होंने “सामान्य धारणा परीक्षण (कॉमन पार्लेंस टेस्ट)” लागू करते हुए तर्क दिया कि छोटे पैकेजों में नारियल तेल को बाजार में हेयर ऑयल समझा जाता है और इस पर उसी तरह कर लगाया जाना चाहिए।   

अंतिम निर्णय (2024):

  • सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया कि वस्तुओं के वर्गीकरण के लिए कानून के तहत कानून और नामकरण की सामंजस्यपूर्ण प्रणाली (HSN) मानदंडों का पालन किया जाना चाहिए, जो अंतरराष्ट्रीय कर वर्गीकरण के अनुसार नारियल तेल को खाद्य तेल के रूप में वर्गीकृत करते हैं।                      
  • अदालत ने “सामान्य धारणा परीक्षण “ को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह परीक्षण केवल तभी लागू होता है जब उत्पाद स्पष्ट रूप से परिभाषित न हो।    
  • अदालत ने स्पष्ट किया कि नारियल तेल का उपयोग सौंदर्य प्रसाधन के रूप में भी हो सकता है, इसलिए इसे हेयर ऑयल के रूप में वर्गीकृत करने का आधार नहीं बनता।    
  • इसने इस बात पर जोर दिया कि छोटे कंटेनर खाद्य तेल और हेयर ऑयल दोनों के लिए सामान्य हैं और केवल पैकेजिंग का आकार वर्गीकरण तय नहीं कर सकता।    
  • अदालत ने कहा कि मानक बाट-माप (पैकेज्ड कमोडिटीज) नियम, 1977 के तहत खाद्य तेल को 50 मिली, 100 मिली, 200 मिली आदि जैसे छोटे आकारों में पैक किया जा सकता है, जो इसे खाद्य तेल के रूप में वर्गीकृत करने का समर्थन करता है।  
  • सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला दिया है कि नारियल तेल को, चाहे उसकी पैकेजिंग का आकार कुछ भी हो, कराधान के प्रयोजनों के लिए खाद्य तेल के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए , तथा इस पर 5% GST लगाया जाना चाहिए, सिवाय तब जब इसे विशेष रूप से हेयर ऑयल के रूप में विपणन किया जाता है।  

सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के निहितार्थ

  • स्पष्ट वर्गीकरण : नारियल तेल ‘खाद्य तेल’ के रूप में वर्गीकृत होगा, जब तक कि इसे स्पष्ट रूप से हेयर ऑयल के रूप में पैक और विपणन न किया जाए। इससे इसके कर वर्गीकरण पर स्पष्टता मिलती है।
  • कर प्रभाव: नारियल तेल पर खाद्य तेलों के लिए 5% GST लागू होगा, जिससे हेयर केयर उत्पादों के लिए लागू 18% GST दर से बचा जा सकेगा। इससे इस श्रेणी से प्राप्त होने वाली कर राजस्व में कमी आ सकती है।
  • व्यावसायिक प्रभाव: कंपनियाँ बिना अधिक करों का सामना किए, छोटे पैकेजों में नारियल तेल का आत्मविश्वास से विपणन कर सकती हैं। कानूनी परिभाषाओं और पैकेजिंग विनियमों का अनुपालन आवश्यक होगा।
  • उपभोक्ता समझ : यह निर्णय नारियल तेल के उपयोग के उद्देश्य को लेकर उपभोक्ताओं की धारणा को अधिक स्पष्ट बनाता है, जिससे यह भ्रम कम होता है कि इसका उपयोग पाक कला के लिए है या सौंदर्य प्रसाधन के लिए।  
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