संदर्भ:

उच्चतम न्यायालय ने 4:1 के बहुमत से ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 6A की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा।

फैसले के मुख्य अंश

  • उच्चतम न्यायालय की पीठ ने फैसला सुनाया कि 25 मार्च, 1971 को या उसके बाद असम राज्य में प्रवेश करने वाले अप्रवासी धारा 6A के तहत प्रदत्त संरक्षण का लाभ नहीं ले सकते हैं और इस कारण उन्हें अवैध अप्रवासी घोषित किया जाता है।
  • इस प्रावधान को बरकरार रखते हुए, पीठ ने अवैध आव्रजन के खिलाफ कानूनों के सख्त कार्यान्वयन तथा आव्रजन और नागरिकता कानूनों के कार्यान्वयन की न्यायिक निगरानी का भी आह्वान किया।
  • असम में कई गैर सरकारी संगठनों ने धारा 6A की संवैधानिक वैधता को इस आधार पर चुनौती दी थी कि असम में नागरिकता के लिए अलग अंतिम तिथि निर्धारित करना भेदभावपूर्ण है और यह अनुच्छेद 14 के तहत समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है।
  • समानता के अधिकार का उल्लंघन नहीं करता: उच्चतम न्यायलय ने अपने निर्णय में कहा कि धारा 6A संविधान के अनुच्छेद 6 और 7 का उल्लंघन नहीं करती है (जो शेष भारत के लिए नागरिकता प्रदान करने की अंतिम तिथि 26 जनवरी, 1950 निर्धारित करता है) क्योंकि असम में प्रवासियों की स्थिति शेष भारत की तुलना में अलग थी।
  • इस प्रकार, प्रवासियों की मानवीय आवश्यकताओं को भारतीय राज्यों की आर्थिक और सांस्कृतिक आवश्यकताओं पर प्रवास के प्रभाव के साथ संतुलित करने की आवश्यकता थी।
  • बहुमत से दिए गए इस निर्णय में यह भी कहा गया कि संसद को विभिन्न परिस्थितियों में नागरिकता प्रदान करने का अधिकार है, बशर्ते कि विभेद उचित हो।
  • उच्चतम न्यायालय की पीठ ने यह भी कहा कि धारा 6A अनुच्छेद 14, अनुच्छेद 21, अनुच्छेद 29, अप्रवासी (असम से निष्कासन) अधिनियम, 1950 या अंतर्राष्ट्रीय कानून के स्थापित सिद्धांतों के विरोधाभास नहीं है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

  • बांग्लादेश से अवैध प्रवासियों को रोकने के लिए असम समझौते पर 15 अगस्त, 1985 को भारत सरकार , असम सरकार और असम आंदोलन के नेताओं, विशेष रूप से अखिल असम छात्र संघ (All Assam Students’ Union-AASU) के बीच हस्ताक्षर किए गए थे। 
  • समझौते के खंड 5 में निर्दिष्ट किया गया था कि 1 जनवरी, 1966 “विदेशियों” का पता लगाने और उन्हें सूची से हटाने के लिए आधार अंतिम तिथि (कटऑफ तिथि) के रूप में काम करेगा, लेकिन इसमें उस तिथि के बाद और 24 मार्च, 1971 तक राज्य में आने वालों के नियमितीकरण के प्रावधान भी शामिल हैं।
  • इस प्रकार, असम समझौते के नागरिकता मानदंडों को प्रभावी करने के लिए नागरिकता अधिनियम में धारा 6A शामिल की गई।

अंतिम (कट-ऑफ) तिथि 25 मार्च 1971 क्यों है?

  • पाकिस्तानी सेना ने पूर्वी पाकिस्तान में बांग्लादेशी राष्ट्रवादी आंदोलन को रोकने के लिए 26 मार्च 1971 को ऑपरेशन सर्चलाइट शुरू किया; इस तिथि से पहले प्रवासियों को भारतीय विभाजन के प्रवासी माना जाता था।

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