संदर्भ
हाल ही में, 8 मई को विश्व थैलेसीमिया दिवस मनाया गया।
अन्य संबंधित जानकारी
- वर्ष 2024 की थीम है “जीवन को सशक्त बनाना, नई तकनीकों को अपनाना: सभी के लिए न्यायसंगत और सुलभ थैलेसीमिया उपचार” (Empowering Lives, Embracing Progress: Equitable and Accessible Thalassaemia Treatment for All)।
- इस दिवस का फोकस थैलेसीमिया के बारे में जागरूकता को बढ़ाना और इससे पीड़ित लोगों के लिए समान और सुलभ उपचार को बढ़ावा देना है।
विश्व थैलेसीमिया दिवस का इतिहास
- वर्ष 1994 में, विश्व थैलेसीमिया दिवस की शुरुआत पहली बार थैलेसीमिया इंटरनेशनल फेडरेशन (TIF) के संस्थापक पैनोस एंगलेज़ोस द्वारा की गई थी।
- वर्ष 1994 से प्रतिवर्ष थैलेसीमिया इंटरनेशनल फेडरेशन (TIF) द्वारा अंतरराष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस के लिए कई विविध गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।
थैलेसीमिया
- वंशानुगत (आनुवांशिक) रक्त विकारों का एक प्रकार है, जो शरीर की हीमोग्लोबिन के उत्पादन की क्षमता को कम कर देता है। हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण प्रोटीन है जो ऑक्सीजन को ले जाता है।
- थैलेसीमिया से पीड़ित लोगों को एक या दोनों माता-पिता से जीन विरासत में मिलते हैं, जिसके कारण उनके शरीर में हीमोग्लोबिन के उत्पादन में कमी आती है। इसकी स्थिति की गंभीरता विशिष्ट प्रकार और विरासत में मिले जीन की संख्या पर निर्भर करती है।
- थैलेसीमिया एक उपचार योग्य विकार है, जिसका रक्त आधान (ट्रांसफ्यूजन) और केलेशन थेरेपी से अच्छी तरह से प्रबंधन किया जा सकता है।
थैलेसीमिया मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं:
- अल्फा थैलेसीमिया: यह हीमोग्लोबिन बनाने वाली प्रोटीन श्रृंखलाओं में से एक अल्फा ग्लोबिन (globin) के उत्पादन में कमी के कारण होता है।
- बीटा थैलेसीमिया: यह बीटा-ग्लोबिन जीन के समयुग्मजी उत्परिवर्तन (बीटा-शून्य थैलेसीमिया) के कारण होता है, जिसके परिणामस्वरूप बीटा श्रृंखलाएँ की पूर्ण अनुपस्थिति होती है।
लक्षण:
- थकान
- कमजोरी
- पीली त्वचा
- साँस लेने में कठिनाई
- बच्चों में धीमी वृद्धि और विकास
- अस्थि विकृति
- प्लीहा या तिल्ली का बढ़ना