संदर्भ:
भारतीय वायु सेना (IAF) अपने सबसे बड़े बहुपक्षीय अभ्यास, तरंग शक्ति की मेजबानी करने के लिए तैयार है।
मुख्य विचार
- 51 देशों को निमंत्रण दिया गया, जिनमें से 10 देश हवाई परिसंपत्तियों के साथ तथा 18 पर्यवेक्षक देश के रूप में भाग ले रहे थे।
- इस अभ्यास का उद्देश्य अंतर-संचालन को बढ़ावा देना, सर्वोत्तम अभ्यासों को साझा करना और भारत के स्वदेशी रक्षा उद्योग को प्रदर्शित करना है।
- इस विशाल अभ्यास का उद्देश्य भाग लेने वाली वायु सेनाओं के बीच पेशेवर संपर्क को बढ़ाना, युद्ध सिद्धांतों को समृद्ध करना और अंतर्दृष्टि के मूल्यवान आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाना है।
व्यायाम “तरंग शक्ति” के बारे में
विविध प्रतिभागियों को समायोजित करने तथा मित्र देशों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अभ्यास को दो चरणों में आयोजित किया है।
- चरण-I : 6 से 14 अगस्त तक तमिलनाडु के सुलूर वायु सेना स्टेशन में आयोजित किया जाएगा, जिसमें जर्मनी, फ्रांस, स्पेन और यूके के प्रतिभागी भाग लेंगे।
- पहले चरण में 32 विदेशी विमान और 40 से ज़्यादा भारतीय वायुसेना के विमान भाग लेंगे। भारतीय नौसेना भी अपने मिग-29K लड़ाकू विमानों के साथ भाग लेगी।
- चरण-II : 29 अगस्त से 14 सितंबर तक वायु सेना स्टेशन जोधपुर में आयोजित किया जाएगा, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, सिंगापुर, ग्रीस, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका के साथ-साथ 18 पर्यवेक्षक देश शामिल होंगे।
- अमेरिका एफ-16 और ए-10 विमानों के साथ भाग लेगा। इसमें एफ-35 विमान को शामिल नहीं किया जाएगा।
अभ्यास में शामिल होने के लिए रूस को आमंत्रित किया गया था, लेकिन उसने यूक्रेन में चल रहे युद्ध के कारण इस समय अभ्यास में भाग लेने में असमर्थता व्यक्त की है।
औद्योगिक प्रदर्शनी
- सुलूर और जोधपुर में एक संबद्ध रक्षा औद्योगिक प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी , जिसमें रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों, निजी फर्मों और स्टार्ट-अप्स सहित 68 प्रतिभागी शामिल होंगे ।
- इस प्रदर्शनी का उद्देश्य भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को उजागर करना और आत्मनिर्भर भारत पहल का समर्थन करना है।
- भारतीय वायुसेना हल्के लड़ाकू विमान, उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर और हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर जैसे स्वदेशी प्लेटफार्मों का प्रदर्शन करेगी।
अग्निवीर की संलिप्तता
- भारतीय वायुसेना ने पुष्टि की है कि अग्निवीर कर्मी भी तरंग शक्ति 2024 में भाग लेंगे।