संदर्भ:

हाल ही में, तमिलनाडु सरकार ने राज्य आपदा मोचन निधि (SDRF) के माध्यम से आपदा प्रभावित आबादी को राहत प्रदान करने के लिए हीटवेव को राज्य-विशिष्ट आपदा के रूप में वर्गीकृत किया है। 

अन्य संबंधित जानकारी    

  •  यह घोषणा अप्रैल और मई 2024 के दौरान पड़ने वाली अत्यधिक गर्मी के मद्देनजर की गई है, जब कई क्षेत्रों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो गया था, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ा था।
  • इस पहल के तहत, राहतकर्मियों सहित गर्मी से संबंधित कारणों से मृत्यु होने पर मृतक के परिवार को 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।
  • इस वित्तीय सहायता से SDRF का उपयोग संभव हो पाएगा, जो पहले उपलब्ध नहीं था, क्योंकि केंद्र सरकार हीटवेव को प्राकृतिक आपदाओं के रूप में वर्गीकृत नहीं करती थी।
  • यह अधिसूचना गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुरूप है, जो राज्यों को स्थानीय आपदाओं की घोषणा करने तथा SDRF से वार्षिक आबंटन के 10% तक राहत राशि प्राप्त करने की अनुमति देता है।

हीटवेव क्या है?

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, मैदानी क्षेत्रों में विभिन्न क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति के आधार पर हीटवेव की परिभाषा भिन्न होती है।

  • मैदानी क्षेत्र: हीटवेव तब घोषित की जाती है जब दिन का अधिकतम तापमान 40°C या इससे अधिक हो जाता है।
  • तटीय क्षेत्र: अधिकतम तापमान 37°C या इससे अधिक होने पर इसे हीटवेव घोषित किया जाता है।
  • पहाड़ी क्षेत्र: यदि अधिकतम तापमान 30°C या इससे अधिक हो तो इसे हीटवेव कहा जाता है।

आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 में 12 स्थितियों को आपदा के रूप में अधिसूचित किया गया है, लेकिन हीटवेव को अधिसूचित आपदाओं की सूची में शामिल नहीं किया गया है।

हीटवेव घोषणा के लिए परिस्थितियाँ   

  • यदि वास्तविक अधिकतम तापमान 45°C या उससे अधिक है, तो सामान्य तापमान पर विचार किए बिना इसे हीटवेव घोषित कर किया जाता है।
  • किसी मौसम विज्ञान उपविभाग में कम से कम दो स्टेशनों में उपरोक्त तापमान सीमा को पूरा किया जाना चाहिए।
  • वैकल्पिक रूप से, कम से कम एक स्टेशन को कम से कम दो दिनों तक लगातार सामान्य तापमान से संबंधित विचलन को रिकॉर्ड करना होगा।

हीटवेव के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याएँ   

  • हीट क्रैम्प्स (Heat Cramps): सूजन और बेहोशी, अक्सर 39°C (102°F) से कम बुखार के साथ।
  • गर्मी संबंधी थकावट (Heat Exhaustion): इसके लक्षणों में थकान, चक्कर आना, सिरदर्द, मतली, उल्टी और मांसपेशियों में ऐंठन शामिल हैं।
  • हीट स्ट्रोक: यह एक गंभीर स्थिति है, जिसमें शरीर का तापमान 40°C (104°F) या उससे अधिक हो जाता है। साथ ही, भ्रम, दौरे या कोमा भी हो सकता है, जो कि घातक हो सकता है।

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