संदर्भ:
रक्षा मंत्रालय की तीन पीएसयू — ट्रूप कम्फर्ट्स लिमिटेड (TCL), एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (AWEIL), और म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड (MIL) ने सफलतापूर्वक ड्रोन-माउंटेड मीडियम मशीन गन (MMG) का प्रोटोटाइप विकसित किया है।
समाचार में और:

- TCL द्वारा विकसित किया जा रहा ड्रोन 1,800 मीटर तक की दूरी पर मशीन गन से गोली दागने में सक्षम होगा और दुश्मन क्षेत्र में 10 किलोमीटर की सीमा में 40 मिनट तक ऑपरेशन कर सकेगा।
- इसमें छुपे हुए दुश्मनों का पता लगाने की क्षमता भी होगी और यह उन्नत कैमरों और सेंसर से लैस होगा।
- वर्तमान में तुर्की और ऑस्ट्रेलिया के पास ड्रोन-माउंटेड गन हैं जिनकी गोली मारने की सीमा 400 मीटर है।
- रक्षा मंत्रालय की यह PSU चार गुना से अधिक रेंज वाली ड्रोन-माउंटेड मीडियम मशीन गन विकसित कर रही है।
- यह उन्नति सेना की फायरपावर को बढ़ाने के साथ-साथ निर्यात संभावनाओं को भी बढ़ाएगी।
- ओर्डनेंस इक्विपमेंट फैक्ट्री (OEF), हज़रतपुर (फिरोजाबाद) के नेतृत्व में TCL कानपुर 35 किलोग्राम तक के वजन वाले हथियार उठाने में सक्षम ड्रोन का निर्माण कर रहा है।
- ये ड्रोन -5°C से 55°C तक के तापमान में काम कर सकेंगे, जिससे ये हिमालय की ऊंची चोटियों से लेकर राजस्थान के रेगिस्तान तक प्रभावी रूप से ऑपरेशन कर सकेंगे।
- एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (AWEIL) ड्रोन-माउंटेड मशीन गन का निर्माण करेगा, जिसे एक विशेषज्ञ कंट्रोल रूम टीम दूर से संचालित करेगी।
- म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड (MIL) मशीन गन के लिए उच्च गुणवत्ता वाली गोलियों का निर्माण करेगी।
- भारतीय सेना की आवश्यकताओं के अनुसार इसमें संशोधन और सुधार किए जाएंगे।
- सफल परीक्षणों के बाद ड्रोन-माउंटेड MMG भारतीय सेना को सौंपा जाएगा।