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संदर्भ: 

सीरिया के दक्षिणी प्रांत अल-सुवेदा में ड्रूज़ व्यापारी के कथित अपहरण के कारण ड्रूज़ मिलिशिया और सुन्नी बेडूइन लड़ाकों के बीच कई दिनों तक हिंसक झड़प हुईं।

अन्य संबंधित जानकारी

  • दिसंबर 2024 में राष्ट्रपति असद के सत्ता से हटने और अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा (एक पूर्व आतंकवादी जिसे अबू मोहम्मद अल-जुलानी के नाम से जाना जाता है) के प्रादुर्भाव के बाद, सुवेदा चर्चा का केंद्र बन गया।
  • अहमद अल-शरा द्वारा हयात तहरीर अल-शाम (HTS) जोकि  एक आतंकवादी समूह है, का नेतृत्व करने के कारण सीरिया के अल्पसंख्यकों में भय बढ़ गया है। विशेषकर ड्रूज़ समुदाय इसे एक ख़तरे के रूप में देखता है।
  • इज़राइल ने सैन्य हस्तक्षेप करते हुए कहा कि उसकी सेनाएँ ड्रूज़ समुदाय की रक्षा करना चाहती हैं और उन पर हमला करने वाले सरकार समर्थक बलों को ख़त्म करना चाहती हैं।
  • अप्रैल और मई में ड्रूज़ लड़ाकों और सीरिया के नए सुरक्षा बलों के बीच हुई लड़ाई जिसमें दर्जनों लोग मारे गए थे, के बाद ड्रूज़ बहुल सुवेदा प्रांत में यह पहली हिंसा है| 

बेडूइन -ड्रूज़ संघर्ष पुनः भड़के सांप्रदायिक विभाजन का परिणाम है

  • सुन्नी मुसलमान बेडूइन और स्वयं को गैर-मुस्लिम मानने वाले ड्रूज़ के बीच धार्मिक मतभेद, उनकी पुरानी शत्रुता और अविश्वास के कारण है।
  • बेडूइन विकेंद्रीकृत हैं और एक कबीलाई नेतृत्व का अनुसरण करते हैं, जबकि ड्रूज़ का नेतृत्व (विशेषकर शेख हिकमत अल-हिजरी के अधीन) एकीकृत है।
  • ऐतिहासिक रूप से विभिन्न राज्य सरकारों ने एक समूह को दूसरे के विरुद्ध इस्तेमाल किया है और असद के बाद के शासन में बेडूइन के प्रति कथित पक्षपात ने तनाव को और बढ़ा दिया।
  • यहूदी राष्ट्र में अल्पसंख्यक समूह ड्रूज़ समुदाय के प्रति इजरायल के समर्थन ने विश्वासघात और विदेशी मिलीभगत की धारणाओं को बढ़ावा दिया।

इज़राइल, सीरिया पर हमला क्यों कर रहा है?

  • हालिया हमलों ने मुख्य रूप से दक्षिणी सीरिया में तैनात सीरियाई सेना के खिलाफ एक चेतावनी और निवारक के रूप में काम किया है, क्योंकि इज़राइल इस क्षेत्र में एक असैन्य क्षेत्र बनाने का प्रयास कर रहा है।
  • विशेष रूप से, इज़राइल को अपनी उत्तरी सीमा के पास, इज़राइली कब्जे वाले गोलन हाइट्स के निकट इस्लामी लड़ाकों की मौजूदगी का डर है।
  • दिसंबर 2024 में असद के सत्ता से हट जाने के बाद से, इज़राइल ने अधिक सीरियाई क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है और सैन्य पुनर्निर्माण को रोकने और आतंकवादी खतरों से निपटने के लिए बार-बार हमले किए हैं।

ड्रूज़ कौन हैं?

  • ये सीरिया, लेबनान, इज़राइल और इज़राइली कब्जे वाले गोलन हाइट्स में अरबी भाषी जातीय-धार्मिक अल्पसंख्यक हैं।
  • ड्रूज़ धर्म, शिया इस्लाम की एक शाखा है जिसकी अपनी विशिष्ट पहचान है और इस्लामी, यूनानी और अन्य दार्शनिक परंपराओं में निहित विशिष्ट विश्वासों के साथ यह मुख्य रूप से सुवेदा और पहाड़ी जबल अल-ड्रूज़ क्षेत्र में केंद्रित है।
  • उनका अपना पवित्र ग्रंथ, रसाइल अल-हिक्मा, या Epistles of Wisdom है|  हालाँकि कुरान भी उनके धार्मिक ढांचे का हिस्सा है। मज़बूत जातीय और धार्मिक बंधन इस समुदाय को आपस में जोड़े हुए हैं।
  • इसके लगभग दस लाख अनुयायियों में से आधे सीरिया में रहते हैं, जहाँ वे जनसंख्या का लगभग 3% हिस्सा हैं।
  • सैन्य सेवा में इसके सदस्यों की भागीदारी के कारण इज़राइल में ड्रूज़ समुदाय को इज़राइली राज्य के प्रति वफ़ादार माना जाता है।
  • इज़राइली केंद्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के अनुसार, इज़राइल और इज़राइली कब्जे वाले गोलन हाइट्स में लगभग 152,000 ड्रूज़ लोग रहते हैं।
  • ऐतिहासिक रूप से सीरिया की राजनीतिक व्यवस्था में उनकी स्थिति अनिश्चित रही है।
  • सीरिया के लगभग 14 साल के गृहयुद्ध के दौरान, ड्रूज़ ने दक्षिणी सीरिया में अपनी मिलिशिया संचालित की।

बेडूइन:

  • सीरिया में लड़ने वाले बेडूइन कोई एक इकाई नहीं हैं, बल्कि युद्धग्रस्त देश के रेगिस्तानी क्षेत्रों, विशेष रूप से बादिया, की कई अरब जनजातियाँ हैं।
  • इन बेडूइन जनजातियों में प्रमुख हैं बग्गारा, अल-अनेज़ी, अल-महामिड्स, अल-कतीफान, अल-सऊद और अल-वहबान।
  • कभी खानाबदोश पशुपालक रहे ये लोग अब ज़्यादातर अर्ध-स्थिर जीवन जी रहे हैं, लेकिन एक ‘शेख’ के नेतृत्व में रिश्तेदारी-आधारित जनजातीय व्यवस्था के तहत काम करते हैं।

स्रोत: BBC

https://www.bbc.com/news/articles/c70xyv4z74go

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