संदर्भ:

हाल ही में, यूरोपियन सेंट्रल बैंक (ECB) ने भुगतान प्रणालियों में क्रांति लाने के उद्देश्य से केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (central bank digital currency-CBDC) के रूप में डिजिटल यूरो को पेश किया है।

अन्य संबंधित जानकारी: 

  • यूरोपियन सेंट्रल बैंक ने इस केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (डिजिटल यूरो) को नागरिकों के लिए एक नए बेहतर विकल्प (निःशुल्क, गुमनाम और विश्वसनीय) के रूप में प्रस्तुत किया है। 
  • यह मुद्रा सरकार द्वारा क्रेडिट कार्ड, एप्स, क्रिप्टोकरेंसी और बैंक हस्तांतरण जैसे मौजूदा कैशलेस विकल्पों का विकल्प है।

डिजिटल यूरो क्या है?

  • डिजिटल यूरो नकदी का एक डिजिटल रूप है, जो केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किया जाता है तथा यूरो क्षेत्र में सभी के लिए उपलब्ध होता है।
  • यह नकदी के इलेक्ट्रॉनिक समरूप की तरह कार्य करेगा तथा बैंक नोटों और सिक्कों का पूरक होगा।
  • लोग बैंक या भुगतान गेटवे की सहायता के बिना, डिजिटल यूरो का उपयोग डिजिटल वॉलेट, स्मार्टफोन या कंप्यूटर से सीधे भुगतान करने हेतु कर सकते हैं।
  • इसका उपयोग माइक्रोपेमेंट के लिए भी किया जाएगा। माइक्रोपेमेंट एक ऑनलाइन वित्तीय लेनदेन है, जिसमें उत्पादों/सेवाओं तक पहुँच या खरीद की जाती है, जिसमें  न्यूनतम राशि शामिल होती है। इसे बैंक नोटों के साथ एक-एक करके परिवर्तनीय बनाया जा सकेगा। डिजिटल यूरो की आवश्यकता
  • वर्तमान में, ऐसा कोई यूरोपीय डिजिटल भुगतान विकल्प नहीं है जिसमें सम्पूर्ण यूरो क्षेत्र शामिल हो तथा 20 में से 13 देश कार्ड भुगतान के लिए अंतर्राष्ट्रीय कार्ड योजनाओं पर निर्भर हैं।
  • डिजिटल यूरो एक यूरोपीय इलेक्ट्रॉनिक भुगतान माध्यम होगा जो सभी यूरो क्षेत्र के देशों में सुलभ और स्वीकार्य होगा।

भारत का डिजिटल मुद्रा परिदृश्य

  • डिजिटल रुपया, जिसे ई-रुपया भी कहा जाता है, जिसे e₹ या eINR के रूप में दर्शाया जाता है, भारतीय रुपये का एक टोकनयुक्त डिजिटल स्वरूप है जिसे भारतीय रिजर्व बैंक (भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 के तहत) द्वारा जारी और विनियमित किया जाता है। 
  • इसे ब्लॉकचेन प्रसारित-लेज़र प्रौद्योगिकी का उपयोग करके बनाया गया है।
  • डिजिटल रुपया (भारतीय ई-मुद्रा) केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) का एक रूप है।
  • केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा किसी देश की आधिकारिक मुद्रा के डिजिटल रूप को संदर्भित करता है, जिसे  केंद्रीय बैंक द्वारा जारी और नियंत्रित किया जाता है। यह भौतिक नोटों और सिक्कों के समान ही कार्य करता है।  

भारतीय रिजर्व बैंक दो प्रकार की डिजिटल मुद्राओं को नियंत्रित करता है:

  • थोक केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (e₹-W): इसका उद्देश्य बैंकों और वित्तीय संस्थानों के बीच अंतर-बैंक निपटान और भुगतान की दक्षता में सुधार करना है।
  • खुदरा केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (e₹-R): इसका उद्देश्य खुदरा लेनदेन के लिए आम जनता को आकर्षित करना है, ठीक उसी तरह जैसे लोग आजकल भौतिक मुद्रा का उपयोग करते हैं।

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