संदर्भ:
एक अभूतपूर्व उपलब्धि के रूप में, वैज्ञानिकों ने अत्याधुनिक आनुवंशिक इंजीनियरिंग तकनीकों का उपयोग करके, लगभग 12,500 वर्ष पहले विलुप्त हो चुके प्राचीन शिकारी डायर वुल्फ प्रजाति को सफलतापूर्वक पुनर्जीवित कर दिया है।
अन्य संबंधित जानकारी
- यह उल्लेखनीय उपलब्धि कोलोसल बायोसाइंसेज द्वारा संभव हुई, जो टेक्सास स्थित एक कंपनी है तथा विलुप्तीकरण प्रयासों में विशेषज्ञता रखती है।
- कंपनी ने शावकों के जन्म को विश्व का पहला सफल प्रजाति पुनर्जीवितिकरण बताया, और उन्हें विलुप्त डायर वुल्फ का जिक्र करते हुए “किसी ऐसी चीज़ की कार्यात्मक प्रतियां” कहा जो जीवित हुआ करती थीं।
- कंपनी ने तीन ग्रे वुल्फ शावकों, दो नर और एक मादा , को आनुवंशिक रूप से परिवर्तित किया था, जिससे उनमें डायर वुल्फ की प्रमुख विशेषताएँ विकसित हो सकें, जो कि 10,000 वर्ष पूर्व विलुप्त हो चुकी एक प्राचीन प्रजाति थी।
- इन शावकों का जन्म अत्याधुनिक DNA विश्लेषण, CRISPR जीन संपादन, तथा एन्डोथेलियल प्रोजेनिटर कोशिकाओं (EPC) जैसी नवीन क्लोनिंग तकनीकों का उपयोग करके किया गया।

प्रजाति पुनर्जीवितिकरण क्या है?
प्रजाति पुनर्जीवितिकरण विलुप्त हो चुकी या संकटग्रस्त प्रजातियों को पुनर्जीवित करने की विधि है, जिससे जैव विविधता की हानि से लेकर जलवायु परिवर्तन तक के कारणों से बिगड़ी पारिस्थितिकी विविधता और संतुलन को पुनर्जीवित किया जा सके ।
विलुप्तीकरण में प्रयुक्त विधि:
- क्लोनिंग सबसे व्यापक रूप से प्रयुक्त विधि है, जैसे EPC आधारित क्लोनिंग।
- अन्य तकनीकों में जीनोम संपादन (जैसे, CRISPR) और चयनात्मक प्रजनन शामिल हैं ।
प्रारंभिक प्रयासों में से एक पाइरेनियन आइबेक्स था, जिसे सोमैटिक सेल न्यूक्लियर ट्रांसफर (SCNT) का उपयोग करके पुनर्जीवित किया गया, हालांकि शिशु आइबेक्स की मृत्यु जन्म के कुछ ही मिनटों बाद फेफड़ों के दोष के कारण हो गई थी।