संदर्भ:

आनुवंशिक रूप से संशोधित सुअर किडनी प्रत्यारोपण के पहले मानव प्राप्तकर्ता रिचर्ड स्लेमैन का सर्जरी के लगभग दो महीने बाद निधन हो गया।

ज़ेनोट्रांसप्लांटेशन क्या है?

यह एक चिकित्सा प्रक्रिया है जिसमें जीवित अंगों, ऊतकों या कोशिकाओं को एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में प्रत्यारोपित किया जाता है। सरल शब्दों में, यह मानव प्रत्यारोपण के लिए पशु अंगों का उपयोग करने की प्रक्रिया है।

ज़ेनोट्रांसप्लांटेशन प्रक्रिया

  • इसकी नियमित अंग प्रत्यारोपण के समान ही शल्य प्रक्रिया होती है।
  • इसमें मानव शरीर द्वारा अस्वीकृति को रोकने हेतु पशु अंगों का आनुवंशिक संशोधन किया जाता है।
  • इस प्रक्रिया में जीनोमिक संपादन के लिए CRISPR-Cas9 का उपयोग किया जाता है, जिसमें एंटीबॉडी उत्पन्न करनेवाले सुअर के जीन को हटा दिया जाता है और अनुकूलता के लिए मानव जीन को जोड़ दिया जाता है। 
  • प्रत्यारोपित अंग के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया का आंकलन करने हेतु शल्य क्रिया के बाद निरंतर निगरानी की आवश्यकता होती है।

ज़ेनोट्रांसप्लांटेशन की वजह

• अंगों की कमी: प्रत्यारोपण के लिए अंगों की मांग मानव दाताओं की उपलब्धता से कहीं अधिक है। ज़ेनोट्रांसप्लांटेशन इस गंभीर कमी का संभावित समाधान प्रदान करता है।

  • वर्ष 2024 में नेचर पत्रिका के एक लेख में लिखा गया है कि “अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका में, लगभग 90,000 लोग किडनी प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा कर रहे हैं और हर साल 3,000 से अधिक लोग प्रतीक्षारत रहते मर जाते हैं।” 
  • सार्वभौमिक दाता: पशु अंग (विशेष रूप से सूअरों के अंग) संभावित रूप से सार्वभौमिक दाताओं के रूप में कार्य कर सकते हैं, जिससे रक्त किस्म की असंगति (जो मानव-से-मानव प्रत्यारोपण को सीमित कर सकती हैं) जैसी समस्याओं पर काबू पाया जा सकता है।
  • इसमें न्यूरोडीजेनेरेटिव विकार, मधुमेह और अंग विफलता सहित विभिन्न चिकित्सा स्थितियों के उपचार की महत्वपूर्ण क्षमता है।

सूअर के उपयोग की वजह

  • समानताएं:  सूअर के हृदय वाल्वों का उपयोग मनुष्यों में क्षतिग्रस्त वाल्वों को बदलने के लिए 50 वर्षों से अधिक समय से किया जा रहा है। सूअर के अंगों का आकार और शारीरिक संरचना मानव अंगों के समान होता है, जिससे वे प्रत्यारोपण के लिए संभावित रूप से अनुकूल होते हैं।
  • तेजी से विकास: सूअरों का प्रजनन अपेक्षाकृत जल्दी किया जा सकता है, जिससे अन्य जानवरों की तुलना में अंगों का तेज़ और अधिक विश्वसनीय स्रोत प्राप्त होता है। सूअरों का फार्म में पालन करना अपेक्षाकृत किफ़ायती होता है। 
  • आनुवांशिक इंजीनियरिंग: वैज्ञानिक सूअरों में आनुवंशिक रूप से संशोधन करने पर काम कर रहे हैं ताकि मानव शरीर द्वारा अंग अस्वीकृति के जोखिम को और कम किया जा सके। इसमें प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को सक्रिय करनेवाले जीन को हटाना और अंग स्वीकृति को बढ़ावा देनेवाले मानव जीन को जोड़ना शामिल है।

ज़ेनोट्रांसप्लांटेशन के समक्ष चुनौतियाँ

  • प्रतिरक्षा अस्वीकृति: मानव शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पशु अंग को बाहरी अंग के रूप में चिह्नित कर सकती है और उसे अस्वीकार कर सकती है। यह एक बड़ी बाधा है जिसे शोधकर्ता आनुवंशिक संशोधन और प्रतिरक्षा दमनकारी दवाओं के माध्यम से दूर करने की कोशिश कर रहे हैं।
  • रेट्रोवायरस संचरण: सुप्त रेट्रोवायरस द्वारा क्रॉस-स्पीशीज संक्रमण का खतरा होता है, जो प्रत्यारोपण के कई वर्षों बाद भी रोग का कारण बन सकता है।
  • नैतिक चिंताएं: अंग प्रत्यारोपण के लिए पशुओं का उपयोग पशु कल्याण और अनपेक्षित परिणामों की संभावना के बारे में नैतिक प्रश्न उठाता है।

नवीनतम मामले

  • जनवरी 2022 में, आनुवंशिक रूप से संशोधित सूअर के हृदय का पहला ज़ेनोट्रांसप्लांटेशन हुआ, जिसके परिणामस्वरूप दो महीने बाद रोगी की मृत्यु हो गई, जिसके कई कारण थे, जिनमें सुअर के हृदय में एक अव्यक्त वायरस का दूषित होना भी शामिल था, जिसने प्रत्यारोपण की शिथिलता में योगदान दिया हो सकता है।
  • स्लेमैन का मामला: इस बात का कोई संकेत नहीं है कि उनकी मृत्यु सीधे तौर पर प्रत्यारोपण से संबंधित थी।

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