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सामान्य अध्ययन-3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव आकलन।
संदर्भ: हाल ही में, विश्व असमानता प्रयोगशाला ने जलवायु असमानता रिपोर्ट 2025 प्रकाशित की। इस रिपोर्ट में इस तथ्य पर प्रकाश डाला गया है कि किस प्रकार अत्यधिक धन सकेंद्रण, पूंजी के स्वामित्व और असमान उत्सर्जन के माध्यम से सीधे जलवायु संकट को तीव्र करने में योगदान दे रहा है।
अन्य संबंधित जानकारी
• इसमें चेतावनी दी गई है कि यदि निम्न-कार्बन परिसंपत्तियों का स्वामित्व संपन्न व्यक्तियों के पास ही रहा, तो जलवायु परिवर्तन वैश्विक धन-अंतराल को और बढ़ा सकता है।

• इसमें कहा गया है कि तापमान वृद्धि को 1.5°C तक सीमित रखने का कार्बन बजट अगले तीन वर्षों में समाप्त हो सकता है।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
• धनी व्यक्तियों द्वारा जलवायु संकट को बढ़ावा: शीर्ष 1 प्रतिशत लोग उपभोग के आधार पर वैश्विक उत्सर्जन का 15 प्रतिशत और निजी पूंजी स्वामित्व के आधार पर उत्सर्जन का 41 प्रतिशत उत्सर्जित करते हैं।
• उत्सर्जन असमानता: उपभोग-आधारित दृष्टिकोण के तहत वैश्विक शीर्ष 1 प्रतिशत में किसी व्यक्ति का प्रति व्यक्ति उत्सर्जन, निम्नतम 50 प्रतिशत में किसी व्यक्ति की तुलना में लगभग 75 गुना अधिक है।
- स्वामित्व-आधारित दृष्टिकोण से गणना करने पर उत्सर्जन अंतराल लगभग 680 गुना बढ़ जाता है।
 - औद्योगिक उत्सर्जन: रिपोर्ट में कहा गया है कि औद्योगिक क्रांति के बाद से 100 कंपनियां 71 प्रतिशत औद्योगिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं। दरअसल, पेरिस समझौते के बावजूद विश्व भर में 200 से अधिक नई तेल और गैस परियोजनाएं और 850 से अधिक कोयला खदानों को अभी भी मंजूरी दी जा रही हैं।
 
• धन की असमानता: लवायु परिवर्तन धन असमानता को और बढ़ा सकता है। वर्तमान में वैश्विक स्तर पर शीर्ष 1 प्रतिशत लोगों के पास कुल धन का लगभग 38.5 प्रतिशत हिस्सा है। यदि आने वाले दशकों में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए किए जाने वाले आवश्यक निवेश और उनके स्वामित्व पर यही वर्ग हावी रहता है, तो वर्ष 2050 तक उनकी हिस्सेदारी बढ़कर लगभग 46 प्रतिशत तक पहुँच सकती है।
• संवेदनशीलता से उपजी असमानता: इसमें चेतावनी दी गई है कि जलवायु परिवर्तन असमानता को और बढ़ा सकता है, चूंकि सबसे गरीब लोग जलवायु क्षति के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील होते हैं तथा उनमें अनुकूलन की क्षमता सबसे कम होती है।
• मुख्य सिफारिशें :
- परिसंपत्तियों की कार्बन सामग्री पर वित्तीय निवेश कर लगाने का प्रस्ताव किया गया है, जो उच्च-कार्बन परिसंपत्तियों से पूंजी के प्रवाह को निम्न-कार्बन या हरित परिसंपत्तियों की ओर पुनर्निर्देशित करने में मदद कर सकता है — विशेष रूप से तब, जब उच्च-कार्बन निवेश पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया गया हो।
 - नए जीवाश्म ईंधन निवेश और निम्न-कार्बन बुनियादी ढांचे में भारी सार्वजनिक निवेश पर वैश्विक प्रतिबंध।
 - धन और निवेश पर कार्बन-समायोजित कर का प्रस्ताव रखा गया, जिसका दोहरा लक्ष्य उच्च कार्बन निवेश को हतोत्साहित करना तथा प्रगतिशील तरीके से हरित परिवर्तन को वित्तपोषित करना है।
 
मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न
प्रश्न . जलवायु असमानता रिपोर्ट 2025 का तर्क है कि जलवायु संकट न केवल एक पर्यावरणीय मुद्दा है, बल्कि वैश्विक धन संकेंद्रण का एक संरचनात्मक परिणाम भी है। चर्चा कीजिए कि धन के स्वामित्व के पैटर्न उत्सर्जन को कैसे प्रभावित करते हैं और इस असमानता को दूर करने के लिए रिपोर्ट में की गई नीतिगत सिफारिशों का मूल्यांकन कीजिए।
