संबंधित पाठ्यक्रम
सामान्य अध्ययन-1: महिलाओं और महिला संगठनों की भूमिका, जनसंख्या और संबद्ध मुद्दे, निर्धनता और विकास संबंधी मुद्दे, शहरीकरण, उनकी समस्याएँ और सुरक्षा उपाय।
सामान्य अध्ययन-2: सरकारी नीतियाँ और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप तथा उनके अभिकल्पन एवं कार्यान्वयन से संबंधित विषय।
संदर्भ: हाल ही में, भारत के प्रधान मंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 11,718.24 करोड़ रुपये की लागत से 2027 की जनगणना कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
योजना का विवरण
- भारत की जनगणना दुनिया का सबसे बड़ा प्रशासनिक और सांख्यिकीय अभ्यास है। भारत की जनगणना दो चरणों में आयोजित की जाती है:
- आवास सूचीकरण और आवास जनगणना – अप्रैल से सितंबर, 2026
- जनसंख्या गणना (PE) – फरवरी 2027 (केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के हिमाच्छादित अतुल्यकालिक (Non-Synchronous) क्षेत्रों तथा हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के लिए, जनसंख्या गणना सितंबर 2026 में आयोजित की जाएगी।)
- जनगणना डेटा का उपयोगकर्ता-अनुकूल प्रसार सुनिश्चित किया जाएगा। इसके माध्यम से, नीति-निर्माण के लिए आवश्यक सभी मापदंडों पर डेटा एक बेहतर डिजिटल इंटरफ़ेस के माध्यम से एकल क्लिक पर उपलब्ध हो सकेगा।
- सेवा के रूप में जनगणना (Census-as-a-service – CaaS) मंत्रालयों को एक स्वच्छ, मशीन द्वारा पठनीय और कार्रवाई योग्य प्रारूप में डेटा प्रदान करेगा।
- 2019 के विपरीत, इस बयान में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को अद्यतन (updating) करने के लिए अलग से बजटीय आवंटन का उल्लेख नहीं किया गया है।
कार्यान्वयन रणनीति और लक्ष्य
- जनगणना प्रक्रिया में प्रत्येक घर का दौरा करना और आवास सूचीकरण एवं आवास जनगणना तथा जनसंख्या गणना के लिए अलग-अलग प्रश्नावली का वितरण करना शामिल है।
- प्रगणक (enumerators), जो आमतौर पर सरकारी शिक्षक होते हैं और राज्य सरकारों द्वारा नियुक्त किए जाते हैं, अपने नियमित कार्य के अतिरिक्त जनगणना का फील्ड वर्क करेंगे।
- उप-जिला, जिला और राज्य स्तर पर अन्य जनगणना पदाधिकारियों को भी राज्य/जिला प्रशासन द्वारा नियुक्त किया जाएगा।
- जनगणना 2027 के लिए नई पहल:
- डिजिटल माध्यमों से पहली जनगणना: डेटा का संग्रहण मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करके किया जाएगा जो एंड्राइड और iOS संस्करण दोनों के लिए उपलब्ध होगा।।
- जनगणना प्रबंधन और निगरानी प्रणाली (CMMS) पोर्टल: यह संपूर्ण जनगणना प्रक्रिया को वास्तविक समय पर प्रबंधित करने और निगरानी करने के लिए एक समर्पित पोर्टल है।
- आवास सूचीकरण ब्लॉक (HLB) क्रिएटर वेब मैप एप्लीकेशन: इसका उपयोग जनगणना 2027 के लिए प्रभारी अधिकारियों द्वारा किया जाएगा।
- स्व-गणना का विकल्प: यह जनता को उपलब्ध कराया जाएगा।
- उपयुक्त सुरक्षा विशेषताएँ: डिजिटल संचालन के लिए उपयुक्त सुरक्षा विशेषताएँ प्रदान की गई हैं।
- जाति गणना का समावेश: जनगणना-2027 में जाति डेटा को इलेक्ट्रॉनिक रूप से दूसरे चरण में, यानी जनसंख्या गणना के दौरान एकत्र किया जाएगा।
- 30 लाख फील्ड कार्यकर्ता: इसमें प्रगणक, पर्यवेक्षक, मास्टर प्रशिक्षक, प्रभारी अधिकारी और प्रधान/जिला जनगणना अधिकारी शामिल हैं, जिन्हें जनगणना संचालन हेतु डेटा संग्रह, निगरानी और पर्यवेक्षण के लिए तैनात किया जाएगा।
जनगणना-2027के बारे में
- जनगणना 2027 भारत की 16वीं जनगणना होगी। दशकीय जनगणना की परम्परा को जारी रखते हुए यह आजादी के बाद 8वीं जनगणना होगी।
- यह जनगणना, जनगणना अधिनियम 1948 और जनगणना नियम 1990 के कानूनी ढाँचे के तहत आयोजित की जाएगी। ये अधिनियम और नियम गणना की कार्यप्रणाली, गोपनीयता और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं।
- जनगणना 2027 भारत में पहली डिजिटल जनगणना होगी। इस प्रकार यह प्रौद्योगिकी-संचालित डेटा संग्रह और प्रबंधन की दिशा में एक प्रमुख बदलाव को चिहित करेगी।
- देश भर में व्यवस्थित डेटा संग्रह सुनिश्चित करने के लिए यह अभ्यास दो अलग-अलग चरणों में किया जाएगा।
- चरण I: मकान सूचीकरण और आवास जनगणना अप्रैल और सितंबर 2026 के बीच, 30 दिनों की अवधि के लिए, अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सुविधा के अनुसार आयोजित की जाएगी।
- चरण II: जनसंख्या गणना फरवरी 2027 में आयोजित की जाएगी, जिसमें व्यक्तियों की विस्तृत व्यक्तिगत और सामाजिक-आर्थिक जानकारी एकत्र की जाएगी।
- जनगणना 2027 में जाति गणना को भी शामिल किया जाएगा, जिससे सामाजिक-जनसांख्यिकीय डेटा संग्रह के दायरे का विस्तार होगा।
Source :
PM India
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