संदर्भ:

हाल ही में, केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने चिकित्सा उपकरण उद्योग को सुदृढ़ बनाने के लिए एक योजना शुरू की है।  

योजना के बारे में     

  • यह एक व्यापक योजना है, जिसमें प्रमुख घटकों और सहायक उपकरणों का विनिर्माण, कौशल विकास, नैदानिक अध्ययनों के लिए सहायता, साझा अवसंरचना  विकास और उद्योग संवर्धन शामिल हैं।
  • इस योजना का प्रारंभिक परिव्यय 2024-25 से 2026-27 तक तीन वर्षों के लिए 500 करोड़ रुपये है।
  • इस नई योजना में पाँच निम्नलिखित उप-योजनाएँ शामिल हैं:

चिकित्सा उपकरण क्लस्टरों के लिए सामान्य सुविधाएँ: 

  • केंद्र सरकार चिकित्सा उपकरण क्लस्टरों में स्थित निर्माताओं के लिए अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाएँ, डिजाइन व परीक्षण केंद्र और अन्य बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।   
  • सामान्य सुविधाओं के लिए 20 करोड़ रुपये तथा  परीक्षण सुविधाओं के लिए 5 करोड़ रुपये तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा। 

आयात निर्भरता कम करने हेतु सीमांत निवेश योजना: 

  • इससे देश में मेडटेक आपूर्ति श्रृंखला मजबूत होगी। 
  • इससे आयातित घटकों पर निर्भरता कम करने में भी मदद मिलेगी। वर्तमान में, अधिकांश कच्चे माल आयात किए जाते हैं, जिससे भारतीय निर्माता चिकित्सा उपकरण उत्पादन के लिए बाह्य आपूर्ति पर निर्भर हैं। 
  • यह 10-20% की एकमुश्त पूंजी सहायिकी प्रदान करता है, जिसकी अधिकतम सीमा प्रति परियोजना 10 करोड़ रुपये है।  

चिकित्सा उपकरणों के लिए क्षमता निर्माण और कौशल विकास: 

  • इसका लक्ष्य चिकित्सा उपकरण (मेडटेक) उत्पादों को डिजाइन और विकसित करने में सक्षम कुशल तकनीकी कार्यबल विकसित करना है।    
  • यह केंद्रीय सरकारी संस्थानों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए 21 करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता, अल्पकालिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रति अभ्यर्थी 10,000 रुपये और राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (NCVET) से अनुमोदित संस्थानों में डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के लिए प्रति अभ्यर्थी 25,000 रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान करता है।  

चिकित्सा उपकरण नैदानिक अध्ययन सहायता योजना

  • यह योजना स्थापित कम्पनियों और स्टार्ट-अप्स दोनों को नैदानिक अध्ययन करने में सहायता प्रदान करेगी।
  • इसमें पशु अध्ययन के लिए 2.5 करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।  
  • जांच उपकरणों की नैदानिक जांच और बाजार में आने के बाद नैदानिक अनुवर्ती कार्रवाई   के लिए 5 करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी। 
  • नए इन-विट्रो डायग्नोस्टिक उत्पादों के नैदानिक प्रदर्शन मूल्यांकन के लिए 1 करोड़ रुपये तक की राशि दी जा सकती है।   

चिकित्सा उपकरण प्रोत्साहन योजना

  • इसका उद्देश्य चिकित्सा उपकरण-संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले सम्मेलनों और अन्य कार्यक्रमों के आयोजन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करके उद्योग संघों और निर्यात परिषदों को समर्थन प्रदान करना है।  

चिकित्सा उपकरण उद्योग में भारत की स्थिति

  • भारत का चिकित्सा उपकरण बाज़ार लगभग 14 बिलियन डॉलर का है जो 2030 तक 30 बिलियन डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है। 
  • जापान, चीन और दक्षिण कोरिया के बाद भारत एशियाई चिकित्सा उपकरण बाजार में चौथा सबसे बड़ा बाजार है, तथा वैश्विक स्तर पर शीर्ष 20 चिकित्सा उपकरण बाजारों में शामिल है।  

चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में हालिया निवेश

  • मार्च 2024 में, केंद्र ने उत्पाद-आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना के तहत 27 ग्रीनफील्ड बल्क ड्रग पार्क परियोजनाओं और चिकित्सा उपकरणों के लिए 13 ग्रीनफील्ड विनिर्माण संयंत्रों का उद्घाटन किया।
  • दिसंबर 2023 में, ‘मेडटेक मित्रा’ नामक एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म शुरू  किया गया, जो नैदानिक मूल्यांकन, नियामक सहायता और उत्पाद अपनाने में मेडटेक इनोवेटर्स का समर्थन करेगा।           

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