संदर्भ:
गुजरात में चांदीपुरा वायरस (CHPV) के मामलों मे वृद्धि हो रही हैं।
अन्य संबंधित जानकारी
- राज्य में संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़कर 8 हो गई है तथा संक्रमितों की संख्या 15 हो गई है।
- गुजरात राज्य स्वास्थ्य विभाग ने प्रभावित जिलों साबरकांठा , अरावली, महिसागर , खेड़ा, मेहसाणा और राजकोट की गहन निगरानी की थी।
चांदीपुरा वायरस (CHPV) के बारे में :
- चांदीपुरा वायरस (CHPV), एक अर्बोवायरस (कीटों द्वारा संचारित) है जो रैबडोविरिडे परिवार के वेसिकुलोवायरस वंश से संबंधित है ।
- पहली बार इसकी खोज 1965 में महाराष्ट्र के नागपुर में तीव्र ज्वर प्रकोप के दौरान हुई थी।
- CHPV में नेगटिव पोलरिटी वाला सिंगल-स्ट्रैंडेड राइबोन्यूक्लिक एसिड (RNA) जीनोम होता है ।
- 15 वर्ष से कम आयु के बच्चे प्राकृतिक संक्रमण के प्रति सर्वाधिक संवेदनशील होते हैं।
- सैंडफ्लाई, ड्रेन फ्लाई और टिक्स को इस वायरस का महत्वपूर्ण वाहक माना जाता है।
लक्षण
- इससे अचानक तेज बुखार आ सकता है, जिसके बाद दौरे, दस्त, उल्टी और आसपास के वातावरण के प्रति जागरूकता में कमी आ सकती है।
- ऐसा इसलिए है क्योंकि CHPV एक प्रकार का एन्सेफलाइटिस है जो सक्रिय मस्तिष्क ऊतकों की सूजन है।
उपचार
- चांदीपुरा वायरस के लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल उपचार उपलब्ध नहीं है। हालाँकि, मैनिटोल और फ़्यूरोसेमाइड जैसी दवाएँ, जो डिकॉन्गेस्टेंट हैं, मस्तिष्क की सूजन को रोकने के लिए उपयोग की जाती हैं।
- CHPV के निदान में IgM एलिसा (एंजाइम-लिंक्ड इम्यूनोसॉर्बेंट परख) और RT-PCR (रिवर्स ट्रांसक्रिपटेस पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन) जैसे परीक्षण शामिल हैं।