संदर्भ:

हाल ही में, चक्रवात हिदाया (Cyclone Hidaya) तंजानिया के माफिया द्वीप (Mafia Island) पर पहुँचा।

अन्य संबंधित जानकारी:

  • यह चक्रवात तंजानिया की वाणिज्यिक राजधानी और सबसे बड़े शहर दार एस सलाम से लगभग 130 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पूर्व में स्थित माफिया द्वीप के समुद्री तट से टकराया।

उष्णकटिबंधीय चक्रवात

विकास  

  • उष्णकटिबंधीय चक्रवात तीव्र गति से घूर्णन करने वाली तूफान प्रणालियाँ हैं, जो गर्म उष्णकटिबंधीय महासागरीय जल (सामान्यतः 26°C या 79°F से ऊपर) पर विकसित होती हैं।
  • गर्म, आर्द्र हवा समुद्र की सतह से तेजी से ऊपर उठती है, जिससे निम्न दबाव का क्षेत्र बनता है।
  • आसपास की हवा निम्न दाब वाले क्षेत्र को भरने के लिए इसमे प्रवेश करती है और हवा के तापमान में कमी होने लगती है।
  • जैसे ही हवा ठंडी होती है, यह बादलों में संघनित हो जाती है, जिससे ऊर्जा निकलती है, जो ऊपर उठती हवा को और अधिक ऊर्जा प्रदान करके तूफान को मजबूत करती है।
  • कॉरिऑलिस प्रभाव (पृथ्वी के घूर्णन के कारण) इन हवाओं को विक्षेपित कर देता है, जिससे तूफान घूर्णन करते लगता है।
  • सामान्यतः अटलांटिक और पूर्वी प्रशांत क्षेत्र में चक्रवातों को हरिकेन कहा जाता है। वहीं, पश्चिमी उत्तरी प्रशांत क्षेत्र में इन्हें टाइफून कहा जाता है।

संरचना:

  • आँख या नेत्र (Eye): यह शांत, साफ आसमान और बहुत निम्न दाब का एक केंद्रीय क्षेत्र होता है ।
  • चक्षु दीवार (Eyewal): यह तीव्र हवाओं और भारी वर्षा के साथ तेज तूफानों का चक्र है।
  • सर्पिल वर्षा पट्टिका: भारी वर्षा और तीव्र  हवाओं के साथ तूफानों की बाहरी पट्टियाँ, जो नेत्र दीवार से बाहर की ओर सर्पिलाकार होती हैं।

क्षमता के अनुरूप वर्गीकरण:

  • उष्णकटिबंधीय चक्रवातों को अटलांटिक और उत्तर-पूर्व प्रशांत क्षेत्र में राष्ट्रीय तूफान केंद्र (NHC) जैसे विभिन्न क्षेत्रीय संगठनों द्वारा उनकी निरंतर वायु गति के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है।
  • इसकी श्रेणियाँ सामान्यतः उष्णकटिबंधीय अवदाब (सबसे कमजोर) से लेकर श्रेणी 5 तूफान/सुपर टाइफून (सबसे मजबूत) तक होती हैं, जिनमें हवा की गति बढ़ जाती है और हानि की संभावना होती है।

भारत में चक्रवात     

प्रतिवर्ष, उत्तरी हिंद महासागर (बंगाल की खाड़ी और अरब सागर) में लगभग 5 से 6 उष्णकटिबंधीय चक्रवात उत्पन्न होते हैं, जो विश्व की कुल चक्रवात गतिविधि का लगभग 7 प्रतिशत हैं।

भारत में चक्रवात प्रबंधन    

  • राष्ट्रीय चक्रवात जोखिम शमन परियोजना (NCRMP): विश्व बैंक द्वारा समर्थित इस परियोजना का उद्देश्य अवसंरचना के विकास और चक्रवात से प्रभावितों हेतु आश्रयों के निर्माण के माध्यम से तटीय समुदायों की तैयारी को मजबूत करना है। 
  • रंग कोड के आधार पर चेतावनी: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की रंग-कोडित प्रणाली चक्रवात की गंभीरता का संकेत देती है, जिससे सार्वजनिक जागरूकता और तैयारियों में सहायता मिलती है।
  • चेतावनी प्रणाली: IMD की प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली चक्रवातों का पहले ही पता लगा लेती है, जिससे समय पर लोगों को प्रभावित स्थान से निकालने और क्षति को सीमित किया जा सकता है।
  • तटीय सुरक्षा: मैंग्रोव वृक्षारोपण और समुद्री दीवार (Sea Wall) जैसे उपाय चक्रवात के प्रभाव को कम करते हैं।
  • एकीकृत तटीय क्षेत्र प्रबंधन (ICZM) परियोजना: यह जोखिम मानचित्रण और आजीविका रणनीतियों सहित स्थायी प्रथाओं के माध्यम से तटीय लचीलापन बढ़ाता है। 

तंजानिया 

अवस्थिति और भूगोल:

  • पूर्वी अफ्रीका में स्थित, केन्या, युगांडा, रवांडा, बुरुंडी, डीआरसी, जाम्बिया, मलावी, मोजाम्बिक और हिंद महासागर से घिरा हुआ है।
  • यहाँ अफ्रीका की सबसे ऊँची चोटी माउंट किलिमंजारो और सेरेन्गेटी नेशनल पार्क है।

राजधानी और प्रमुख शहर:

  • राजधानी: डोडोमा (दार एस सलाम सबसे बड़ा शहर और आर्थिक केंद्र है)। 
  • अन्य प्रमुख शहर: दार एस सलाम, म्वांजा, अरुशा, ज़ांज़ीबार सिटी।

जनसंख्या: 60+ मिलियन।

आधिकारिक भाषाएँ: स्वाहिली और अंग्रेजी।

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